लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 5 नवंबर से 14 नवंबर के मध्य प्रथम चरण में खाद्यान्न के वितरण की जांच के लिए मंडलीय जांच टीमों का गठन किया है. यह टीमें प्रदेश के सभी जनपदों में 11 से 12 नवंबर के बीच जाकर जांच करेंगी.
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि संयुक्त आयुक्त खाद्य अपने मंडल में तैनात दो क्षेत्रीय खाद्य अधिकारियों तथा दो पूर्ति निरीक्षकों को जांच टीम में शामिल कर कार्रवाई संपन्न कराएंगे. इसके साथ ही गठित टीमों द्वारा आवंटित जनपदों में कम से कम तीन उचित दर की दुकानों की जांच की जाएगी, जिसमें संबंधित दुकान में हुए वितरण के सापेक्ष कम से कम 60 प्रतिशत कार्ड धारकों से संपर्क कर पूछताछ भी की जाएगी. जांच के दौरान किसी विक्रेता द्वारा गेहूं और चावल के वितरण में अनियमितता किए जाने की स्थिति पाई जाती है. तो संबंधित जिलाधिकारी के माध्यम से विक्रेता पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
शिकायत मिलने के बाद लिया गया निर्णय
प्रदेश के कई जनपदों में विक्रेताओं द्वारा मनमाने ढंग से काम करने की शिकायतें सरकार को मिली, जिसके बाद सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में जांच कराने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में एक जांच टीम गठित की गई है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 5 नवंबर से 14 नवंबर के बीच वितरण के प्रथम चक्र में अंतोदय कार्ड धारक को प्रति कार्ड 35 किलोग्राम खाद्यान्न, जिसमें 20 किलोग्राम गेहूं, 15 किलोग्राम चावल और पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट 5 किलोग्राम खाद्यान्न, जिसमें 3 किलोग्राम गेहूं और 2 किलोग्राम चावल का वितरण किया जा रहा है. गेहूं 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जा रहा है.