लखनऊ : अलग-अलग लोगों से लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) में नौकरी दिलाने के नाम पर 14 लाख रुपये ठगने के आरोपित माली असीम रज़ा को निलंबित करके मामले की जांच बैठा दी गयी है. इस मामले में आरोपित माली के खिलाफ तथ्य सामने आया है कि उसने पूर्व उपाध्यक्ष एमपी अग्रवाल के फर्जी दस्तखत बनाकर कुछ कागज भी पीड़ितों को सौंप दिये थे. मामले की जांच शुरू हो चुकी है. अनेक लोगों के नौकरी के इस कुचक्र में फंसने की आशंका है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण में माली के पद पर कार्यरत असीम रजा के विरूद्ध पैसा लेकर नौकरी दिलाने का झांसा देने तथा फर्जी नियुक्ति पत्र देने की जांच करने पर उसे प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया. असीम रजा के दोषी पाये जाने पर उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने उसे निलम्बित कर विशेष कार्य अधिकारी अरूण कुमार सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है.
इसे भी पढ़ें - बसंतकुंज योजना में 121 भूखण्डों के लिए 2191 लोगों ने कराया पंजीकरण
बगहा के रहने वाले संतोष कुमार पांडेय और प्रदीप कुमार, आकाश त्रिवेदी, इटौंजा, संजय यादव मोती नगर ने शिकायत दर्ज करायी है. शिकायत के मुताबिक असीम रज़ा ने नौकरी दिलाने के नाम पर दो लाख से चार लाख रुपये लिये हैं. असीम रजा लगातार कहता रहा कि नौकरी जल्द लग जाएगी. रुपया वापस देने के नाम पर अधिकारियों का हवाला देते हुए वह पल्ला झाड़ लेता था. पूर्व उपाध्यक्ष एमपी अग्रवाल का फ़र्ज़ी दस्तखत करके नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया.
इस मामले में पीड़ितों ने शिकायत के साथ में आरोपित माली की बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी प्राधिकरण को उपलब्ध करायी. ऑडियो में माली इन लोगों से रुपये लेने और उसको वापस ना कर पाने की बात को बोलता हुआ सुनाई दे रहा है. इसके आधार पर प्रथम दृष्टया आरोपित को ही दोषी मानते हुए उसे फिलहाल निलंबित कर दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच का आदेश दे दिया गया है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप