लखनऊ: जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र ( jai prakash narayan international center ) के निर्माण कार्यों की एक बार फिर जांच की गई है. शासन के आदेश पर गठित कमेटी ने जांच रिपोर्ट(investigation report) शासन को भी भेज दी है. आरोप है कि जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र(JPNIC) के निर्माण में स्वीकृत डीपीआर से ज्यादा खर्च किया गया है. इसकी जांच के लिए यहां लगाए गए उपकरणों की सूची को दिल्ली से मंगाकर मिलान कराया गया है. डीपीआर (DPR) से जिन मदों में अधिक धनराशि खर्च की गई है, उसके औचित्य का परीक्षण करने के लिए तीन सदस्यीय टीम ने करीब छह बार जेपीएन सेंटर का निरीक्षण किया.अब उम्मीद की जा रही है कि साढ़े चार साल बाद फिर से जेपीएनआइसी के संचालन को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) द्वारा अनुमानित लागत के आधार पर काम की शुरुआत की अनुमति मिल सकती है.
शासन के आदेश पर गठित कमेटी में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता भवन, मुख्य अभियंता विद्युत यांत्रिक तथा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता, सेस मुख्य अभियंता ने जेपीएनआइसी में इस्तेमाल किए गए विद्युत, निर्माण सामग्री और अन्य उपकरणों की जांच की है. कमेटी ने पहले स्वीकृत डीपीआर से जिन मदों में अधिक धनराशि खर्च की गई है, उसके औचित्य का परीक्षण किया गया. स्वीकृत डीपीआर से अतिरिक्त कराए गए कामों और उनके एस्टीमेट तथा खर्चे का भी परीक्षण किया. स्वीकृत डीपीआर के मदों में उल्लखित कामों की मात्रा में विचलन के औचित्य का भी अध्ययन किया गया. कमेटी द्वारा एलडीए की ओर से कराए गए कामों के लिए अपनाई गई टेंडर प्रक्रिया में नियमों के अनुपालन की भी जांच की गई है.
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परियोजना को पूर्ण कर संचालित करने के लिए न्यूनतम आवश्यक कामों को कराने के लिए एलडीए की ओर से तैयार की गई पुनरीक्षित डीपीआर का भी कमेटी ने परीक्षण किया. इसी तरह परियोजना को पूरा करने के लिए, परियोजना सचांलित करने के लिए और परियोजना में न्यूनतम आवश्यक कार्यों को कराने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई पुनरीक्षित डीपीआर का परीक्षण भी तीन सदस्यीय टीम ने किया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजली के कामों में करीब चार करोड़ रुपये के काम डीपीआर के अनुसार हुए हैं. कमेटी ने इसमें कोई गड़बड़ी नहीं पायी है. इस जांच कमेटी के आधार पर ही जेपी इंटरनेशनल सेंटर के अधूरे कामों को पूरा करने तथा संचालन को लेकर निर्णय हो सकेगा.
बता दें कि लखनऊ के कमिश्नर रंजन कुमार (Commissioner Ranjan Kumar) की अध्यक्षता वाली टीम भी जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (Jai Prakash Narayan International Center) मामले की जांच कर रही है. टीम रिपोर्ट तैयार कराकर मुख्य सचिव को सौंपेगी. इस रिपोर्ट व इंजीनियरों की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर ही इसमें निर्णय लिया जाएगा.