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अस्पतालों में भटकते रहे मरीज, सरकारी गोदामों में सड़ती रही करोड़ों रुपये की दवायें

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित वेयर हाउस में छापा मारा था. यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन में करोड़ों की एक्सपायर हुई दवाओं को लेकर हड़कंप मचा हुआ है.

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यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन
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Published : May 21, 2022, 10:11 PM IST

लखनऊ: मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन में करोड़ों की एक्सपायर हुई दवाओं को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. डिप्टी सीएम के निरीक्षण में हुए खुलासे के बाद मामले की जांच शुरू हुई. मंगलवार शाम तक दवाओं की खरीद, सप्लाई, एक्सपायरी का ऑडिट कर रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित वेयर हाउस छापा मारा था. यहां पर यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन दवाएं खरीदकर स्टोर करता है. निरीक्षण में पाया गया कि कॉरपोरेशन के अफसर साल भर धड़ाधड़ महंगी दवाएं, इंजेक्शन, पीपीई किट और सर्जिकल सामान खरीदते रहे. लेकिन अस्पतालों में इनकी आपूर्ति नहीं की. ऐसे में कई बार अस्पतालों में दवाओं का संकट छाया रहा. वहीं, वेयरहाउस में रखी दवाएं एक्सपायर होती रहीं.

पढ़ेंः बलरामपुर अस्पताल में बढ़े 50 बेड, इमरजेंसी के मरीज होंगे भर्ती

एक्सपायर दवाओं की कीमत 16 करोड़ 40 लाख 33 हजार 33 रुपये की आंकी गई है. साथ ही एक्सपायर दवाओं के कारण को पूछा तो कोई सही जवाब नहीं दे सका. ऐसे में 3 दिन के अंदर दवाओं की रिपोर्ट तलब की है. वहीं, वेयरहाउस प्रभारी के साथ-साथ वहां तैनात स्टोर इंचार्ज पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है.

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लखनऊ: मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन में करोड़ों की एक्सपायर हुई दवाओं को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. डिप्टी सीएम के निरीक्षण में हुए खुलासे के बाद मामले की जांच शुरू हुई. मंगलवार शाम तक दवाओं की खरीद, सप्लाई, एक्सपायरी का ऑडिट कर रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित वेयर हाउस छापा मारा था. यहां पर यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन दवाएं खरीदकर स्टोर करता है. निरीक्षण में पाया गया कि कॉरपोरेशन के अफसर साल भर धड़ाधड़ महंगी दवाएं, इंजेक्शन, पीपीई किट और सर्जिकल सामान खरीदते रहे. लेकिन अस्पतालों में इनकी आपूर्ति नहीं की. ऐसे में कई बार अस्पतालों में दवाओं का संकट छाया रहा. वहीं, वेयरहाउस में रखी दवाएं एक्सपायर होती रहीं.

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एक्सपायर दवाओं की कीमत 16 करोड़ 40 लाख 33 हजार 33 रुपये की आंकी गई है. साथ ही एक्सपायर दवाओं के कारण को पूछा तो कोई सही जवाब नहीं दे सका. ऐसे में 3 दिन के अंदर दवाओं की रिपोर्ट तलब की है. वहीं, वेयरहाउस प्रभारी के साथ-साथ वहां तैनात स्टोर इंचार्ज पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है.

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