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दोबारा से शुरू हो सकती है फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति की जांच, शासन ने मांगी रिपोर्ट

बीते एक दशक में प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हुई शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले की फाइल दोबारा से खुल सकती है. शासन स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठक में प्रदेश के फर्जी शिक्षकों के मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है. इसके अलावा प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है, जहां छात्र संख्या 50 से भी कम हैं. इन स्कूलों को मर्जर करने की तैयारी की जा रही है.

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Published : Nov 17, 2022, 8:10 AM IST

लखनऊ : बीते एक दशक में प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हुई शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले की फाइल दोबारा से खुल सकती है. शासन स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठक में प्रदेश के फर्जी शिक्षकों के मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है. इसके अलावा प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है, जहां छात्र संख्या 50 से भी कम हैं. इन स्कूलों को मर्जर करने की तैयारी की जा रही है. शुक्रवार को होने वाले बेसिक शिक्षा परिषद की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के सामने सभी मामलों में प्रोग्रेस रिपोर्ट रखी जाएगी.

विभाग की समीक्षा बैठक में बेसिक स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में एसटीएफ द्वारा दर्ज की गई सभी एफआईआर व उसकी जांच आख्या शासन के सामने रखी जाएगी. जानकारी के अनुसार, शासन ने बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में मौजूदा स्टेटस प्रस्तुत करने को कहा है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर से शासन स्तर पर फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में कार्रवाई में तेजी लाने को कहा गया है, ताकि विभाग में लंबित चल रहे सभी शिक्षकों के मामले को जल्द से जल्द निपटाया जा सके व आरोपियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा बैठक में ऐसे स्कूलों की सूची मांगी गई है, जहां विगत कई वर्षों से लगातार छात्र संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. विभाग का कहना है कि प्रदेश में ऐसे स्कूलों की सूची करीब 100 से ऊपर है, जहां छात्र संख्या 50 से कम है. विभाग इन स्कूलों को बंदकर इनके बच्चों को आसपास के स्कूलों में समायोजित कर सकता है. इसकी भी पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन की समीक्षा बैठक में रखा जाएगा.

बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के लिए 35 से अधिक बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है. समीक्षा बैठक में डीएलएड के सत्र को लेकर भी पूरी रिपोर्ट विभाग के अधिकारियों को प्रस्तुत करने को कहा गया है. ज्ञात हो कि प्रदेश में सत्र लगातार पीछे चल रहा है. यहां तक की बैक पेपर परीक्षा सहित कई मामलों को लेकर व्यक्ति लगातार बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय आ रहे हैं. इसके साथ ही मिड डे मील, डीटीबी योजना, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय श्रम विभाग में चल रहीं योजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी गई है.

यह भी पढ़ें : आवास विकास परिषद का वरिष्ठ सहायक घूस लेते गिरफ्तार, आवंटी से रजिस्ट्री के लिए मांग रहा था रिश्वत

लखनऊ : बीते एक दशक में प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में हुई शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति के मामले की फाइल दोबारा से खुल सकती है. शासन स्तर पर होने वाली समीक्षा बैठक में प्रदेश के फर्जी शिक्षकों के मामले की पूरी रिपोर्ट तलब की गई है. इसके अलावा प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है, जहां छात्र संख्या 50 से भी कम हैं. इन स्कूलों को मर्जर करने की तैयारी की जा रही है. शुक्रवार को होने वाले बेसिक शिक्षा परिषद की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के सामने सभी मामलों में प्रोग्रेस रिपोर्ट रखी जाएगी.

विभाग की समीक्षा बैठक में बेसिक स्कूलों में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में एसटीएफ द्वारा दर्ज की गई सभी एफआईआर व उसकी जांच आख्या शासन के सामने रखी जाएगी. जानकारी के अनुसार, शासन ने बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में मौजूदा स्टेटस प्रस्तुत करने को कहा है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर से शासन स्तर पर फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में कार्रवाई में तेजी लाने को कहा गया है, ताकि विभाग में लंबित चल रहे सभी शिक्षकों के मामले को जल्द से जल्द निपटाया जा सके व आरोपियों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा बैठक में ऐसे स्कूलों की सूची मांगी गई है, जहां विगत कई वर्षों से लगातार छात्र संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. विभाग का कहना है कि प्रदेश में ऐसे स्कूलों की सूची करीब 100 से ऊपर है, जहां छात्र संख्या 50 से कम है. विभाग इन स्कूलों को बंदकर इनके बच्चों को आसपास के स्कूलों में समायोजित कर सकता है. इसकी भी पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन की समीक्षा बैठक में रखा जाएगा.

बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के लिए 35 से अधिक बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है. समीक्षा बैठक में डीएलएड के सत्र को लेकर भी पूरी रिपोर्ट विभाग के अधिकारियों को प्रस्तुत करने को कहा गया है. ज्ञात हो कि प्रदेश में सत्र लगातार पीछे चल रहा है. यहां तक की बैक पेपर परीक्षा सहित कई मामलों को लेकर व्यक्ति लगातार बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय आ रहे हैं. इसके साथ ही मिड डे मील, डीटीबी योजना, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय श्रम विभाग में चल रहीं योजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी गई है.

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