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सेना को आजाद करे सरकार, हमारे जवान इतने सस्ते नहीं कि मरते रहें: रिटा. मेजर

भारत-चीन सीमा पर इन दिनों काफी तनाव है. सैनिकों के बीच हुई हाथापाई में दोनों ही देशों को नुकसान हुआ है. चीन की इस हरकत से सेना के पूर्व जवान काफी नाराज हैं. वे सरकार से सेना को खुली छूट देने की बात कह रहे हैं. भारत-चीन सीमा विवाद पर सेना में रहते मेजर आशीष चतुर्वेदी इस तरह की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

रिटा. मेजर आशीष चतुर्वेदी
रिटा. मेजर आशीष चतुर्वेदी
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Published : Jun 19, 2020, 10:51 PM IST

लखनऊ: भारत-चीन सीमा विवाद पर रिटा. मेजर आशीष चतुर्वेदी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. वे सरकार से सेना को खुली छूट देने की बात कह रहे हैं. सेना में रहते मेजर आशीष चतुर्वेदी का चीनी सैनिकों से सामना भी हो चुका है. 45 साल बाद भारत-चीन सीमा पर हो रहे विवाद पर 'ईटीवी भारत' ने सेवानिवृत्त मेजर आशीष चतुर्वेदी से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

रिटा. मेजर आशीष चतुर्वेदी से बातचीत.
'ईटीवी भारत' - भारत-चीन सीमा पर जो स्थिति उत्पन्न हुई उसे आप किस नजरिए से देखते हैं?जवाब: बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटना होती है. 1962 के बाद के बाद यह पहला ऐसा इंसीडेंट है जहां पर किसी ने अपनी जान गवाई हो. जहां पहले 3 लोगों ने अपनी जान गंवाई है की खबर आ रही थी वहां अब ये आंकड़ा 20 के ऊपर कन्फर्म हैं जबकि 30 लोग अभी भी लापता हैं. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि यह गंभीर विषय है. मैं समझता हूं कि कहीं न कहीं सरकार को एक एग्रेसिव पॉलिसी की जरूरत है. हम इस तरीके का रवैया बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकते. अगर हम बर्दाश्त करेंगे तो हमें ऐसी ही चीजों को आगे झेलना पड़ेगा. आप देखेंगे कि इस घटना के अलावा नेपाल ने भी हमारे देश के हिस्से को अपना बताया है. नेपाल की पुलिस ने हमारे किसानों पर अंधाधुंध फायरिंग की तब भी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो कहीं न कहीं सरकार कमजोर पड़ती दिख रही है. 'ईटीवी भारत' - भारत-चीन सेना की तुलना करें तो आप भारतीय सेना को कितना मजबूत पाते हैं? जवाब: सेना का जहां तक सवाल है तो सेना बहुत मजबूत है. जिस जज्बे के साथ इंडियन आर्मी लड़ रही है मैं समझता हूं दुनिया की शायद ही कोई ऐसी आर्मी होगी कि इस जज्बे से लड़ सकती है. अमेरिका के फेमस जनरल रहे जनरल पैटन कहते थे कि हथियार नहीं लड़ता है जो हथियार के पीछे होता है वह लड़ता है. माना कि आधुनिक होना जरूरी है लेकिन आधुनिकता अगर 19-20 भी है तो भी बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती. लड़ने का जो जज्बा हमारा है वह हाई स्टैंडर्ड का है. हमने परिचय भी दिया था जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी तो हमने कितनी खूबसूरती से जाकर उस ऑपरेशन को कंडक्ट किया था.


'ईटीवी भारत'- हमारी सेना ने चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब तो दिया ही है, क्या लगता है आपको?

जवाब: अभी उस पर कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं है, लेकिन जैसे धक्का-मुक्की वहां पर हुई है कुछ न कुछ तो दोनों तरफ से हुआ है. ऐसा तो नहीं है कि भारतीय सेना के जवान बिल्कुल हाथ पर हाथ रखे हुए बैठे थे, लेकिन इतनी जाने गंवाने के बाद जो एक रिस्पांस होना चाहिए वह स्पष्ट नहीं दिख रहा है. यही कल्पना करिए कि अमेरिका के साथ ऐसा करते या फिर इजराइल के साथ करते तो अब तक बीजिंग तबाह हो गया होता.

'ईटीवी भारत'- कांग्रेस सरकार पर सवाल उठा रही है कि हमारी जमीन पर चीनी सेना ने कब्जा कर लिया है, क्या वाकई ऐसा है?

जवाब: जितना न्यूज़ चैनल के माध्यम से बताया गया है तो ऐसा प्रतीत हो रहा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी चीनी सैनिक आते थे. कुछ न कुछ धक्का-मुक्की होती थी और चले जाते थे. मैं खुद वहां पर पोस्टेड रहा हूं, लेकिन इस बार धक्का-मुक्की और उनके चले जाने तक बात सीमित नहीं है. हम लगभग 20 से 25 अपने सोल्जर्स की जान गंवा चुके हैं, यह तो एक्ट ऑफ वॉर है. उन्होंने हमारे ऊपर हमला किया है. इस चीज को हमें उतनी गंभीरता से लेना चाहिए और उनको वैसे ही जवाब देना चाहिए. वरना हम देखेंगे कि जैसे नेपाल हमारे ऊपर फायरिंग कर रहा है, पाकिस्तान शुरू से फायरिंग करता है उसी तरह अब चीन भी वही कर रहा है. बांग्लादेश भी बीएसएफ पोस्ट पर फायरिंग कर चुका है. हम तीनों चारों तरफ से घिर गए हैं. हम इसीलिए घिर रहे हैं क्योंकि हम उसी तरह से रिस्पांड नहीं कर रहे हैं. जिस तरीके से इन लोगों को हमें रिस्पांड करना चाहिए. आर्मी को खुली छूट मिली चाहिए. उसको ऑपरेशन कंडक्ट करने की फ्रीडम मिलनी चाहिए.


'ईटीवी भारत'- क्या एलएसी पर कोई ट्रीटी है जिसकी वजह से वहां पर गोली चलाना मना है?

जवाब: चीन पर बिल्कुल भरोसा नहीं किया जा सकता. जो चाइनीज चीज होती हैं वह ज्यादा नहीं चलती जिस स्तर की चाइनीज चीजें होती हैं उसी स्तर के चाइनीज लोग होते हैं. उन पर आप भरोसा नहीं कर सकते हैं. उनका सामान और उनके लोग दोनों ही बहुत तुच्छ क्वालिटी के होते हैं.

'ईटीवी भारत'-चीन वीडियो जारी कर प्रोपेगेंडा बना रहा है कि भारतीय सेना ने हम पर हमला किया, इस पर क्या कहेंगे?

जवाब: चीन शुरू से प्रोपेगेंडा करता रहा है और यह जो उदारवादी नीति है इसे बहुत साल पहले बदल देना चाहिए था. पाकिस्तान से तीन दशक से ज्यादा समय से हम आतंकवाद झेल रहे हैं, इसीलिए कि हम उदारवादी हैं. उदारवादी होने का मतलब यह नहीं है कि हम अपने देश के सैनिकों, अपने देश के नागरिकों की जान को गंवाते रहें और हम अपने उदारवादी नीति का ढोल पीटते रहें. जमाना बदल गया है वक्त के साथ हमें बदलना चाहिए. आज जब हमारे पास इतनी क्षमता है तो हमें मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.

'ईटीवी भारत'-प्रधानमंत्री ने चीन से किसी तरह की सैन्य वार्ता से इंकार कर दिया है, पहले जो वार्ता हुई बेनतीजा साबित हुई क्या इसका कोई हल निकलता देख रहे हैं?

जवाब: मुझे नहीं लगता कभी भी इसका कोई हल निकलेगा. सरकार को जी चीजें करनी चाहिए उसमें मैं समझता हूं कि डिप्लोमेटिक और मिलिट्री मेजर में हम बांट सकते हैं. मिलिट्री मेजर्स में आप सेना को आजादी दीजिए वह अपने आप प्लान कर लेगी. डिप्लोमेटिक मेजर्स में हमें सबसे पहले तो आयात बंद करना चाहिए. लोगों से अपील करना तो बेवकूफी है. अगर सामान मार्केट में चीन का सामान आएगा तो वह खरीदेंगे ही, लेकिन अगर आप मार्केट में आने ही नहीं देंगे तो बिकेगा कहां से? आप जब चीन से आयात कर रहे हैं उन्हीं की कंपनियों को फायदा करा रहे हैं उन्हीं पैसों से तो चीन हम पर हमला कर रहा है, जो फायदा हम उसे पहुंचा रहे हैं.


'ईटीवी भारत'- क्या आपको लगता है कोरोना से विश्व का ध्यान भटकाने के लिए चीन ने ऐसा किया है?

जवाब: संभव है, ऐसा हो सकता है. लेकिन हम यूं भी देख सकते हैं कि चाइना ने पहली बार हमारे यहां अंदर दखलंदाजी नहीं की है. पहले भी वह हमारे यहां घुसते रहे हैं. इस वक्त चीजें बहुत ज्यादा आगे बढ़ गई हैं. तो हो सकता है कि ध्यान भटकाने के लिए चीन ने ऐसा किया हो, जिससे कोरोना के इशू को बॉर्डर के टेंशन में डाइवर्ट कर सके. यूएन ने जैसे अभी अपील की है कि शांतिपूर्ण तरीके से दोनों देश यह मामला निपटाएं. यूएस ने भी अपील की है. लेकिन भारत को शांतिपूर्ण ढंग से इसे नहीं सुलझाना चाहिए. हमें उनके उतने ही सैनिक मार गिराने चाहिए. क्योंकि आज वे चले जाएंगे और फिर आएंगे. क्या हमारे देश के सैनिक इतने सस्ते हैं सरकार के लिए कि सैनिक मरते रहेंगे और ये लोग कड़ी निंदा और वार्ता ही करते रहेंगे.

'ईटीवी भारत'- क्या आपको लगता है युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है?

जवाब: युद्ध की स्थिति तो नहीं दिख रही है. क्योंकि सरकार का इस तरह का एग्रेसिव रवैया नहीं है. पहले से ही भारत कोई एग्रेसिव एक्सटर्नल पालिसी नहीं रखता है. बहुत ही उदारवादी नीति रही है हमारी, जब से हमारा देश आजाद हुआ है तब से आज तक हम बहुत एग्रेसिव नीति नहीं रखते हैं, न आतंकवाद के खिलाफ, न अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ. हमारी जिस तरह की ठोस नीति होनी चाहिए वह रखना चाहिए. उसी तरीके से एक स्ट्रांग नीति होनी चाहिए कि हम इस तरीके की कोई दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करें. जब आप वह नीति रखेंगे तब आप इस तरीके की चीजों को रोक पाएंगे, अन्यथा आप चीन को नहीं रोक पाएंगे.



लखनऊ: भारत-चीन सीमा विवाद पर रिटा. मेजर आशीष चतुर्वेदी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. वे सरकार से सेना को खुली छूट देने की बात कह रहे हैं. सेना में रहते मेजर आशीष चतुर्वेदी का चीनी सैनिकों से सामना भी हो चुका है. 45 साल बाद भारत-चीन सीमा पर हो रहे विवाद पर 'ईटीवी भारत' ने सेवानिवृत्त मेजर आशीष चतुर्वेदी से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

रिटा. मेजर आशीष चतुर्वेदी से बातचीत.
'ईटीवी भारत' - भारत-चीन सीमा पर जो स्थिति उत्पन्न हुई उसे आप किस नजरिए से देखते हैं?जवाब: बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की घटना होती है. 1962 के बाद के बाद यह पहला ऐसा इंसीडेंट है जहां पर किसी ने अपनी जान गवाई हो. जहां पहले 3 लोगों ने अपनी जान गंवाई है की खबर आ रही थी वहां अब ये आंकड़ा 20 के ऊपर कन्फर्म हैं जबकि 30 लोग अभी भी लापता हैं. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि यह गंभीर विषय है. मैं समझता हूं कि कहीं न कहीं सरकार को एक एग्रेसिव पॉलिसी की जरूरत है. हम इस तरीके का रवैया बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकते. अगर हम बर्दाश्त करेंगे तो हमें ऐसी ही चीजों को आगे झेलना पड़ेगा. आप देखेंगे कि इस घटना के अलावा नेपाल ने भी हमारे देश के हिस्से को अपना बताया है. नेपाल की पुलिस ने हमारे किसानों पर अंधाधुंध फायरिंग की तब भी सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो कहीं न कहीं सरकार कमजोर पड़ती दिख रही है. 'ईटीवी भारत' - भारत-चीन सेना की तुलना करें तो आप भारतीय सेना को कितना मजबूत पाते हैं? जवाब: सेना का जहां तक सवाल है तो सेना बहुत मजबूत है. जिस जज्बे के साथ इंडियन आर्मी लड़ रही है मैं समझता हूं दुनिया की शायद ही कोई ऐसी आर्मी होगी कि इस जज्बे से लड़ सकती है. अमेरिका के फेमस जनरल रहे जनरल पैटन कहते थे कि हथियार नहीं लड़ता है जो हथियार के पीछे होता है वह लड़ता है. माना कि आधुनिक होना जरूरी है लेकिन आधुनिकता अगर 19-20 भी है तो भी बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती. लड़ने का जो जज्बा हमारा है वह हाई स्टैंडर्ड का है. हमने परिचय भी दिया था जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी तो हमने कितनी खूबसूरती से जाकर उस ऑपरेशन को कंडक्ट किया था.


'ईटीवी भारत'- हमारी सेना ने चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब तो दिया ही है, क्या लगता है आपको?

जवाब: अभी उस पर कोई टिप्पणी करना ठीक नहीं है, लेकिन जैसे धक्का-मुक्की वहां पर हुई है कुछ न कुछ तो दोनों तरफ से हुआ है. ऐसा तो नहीं है कि भारतीय सेना के जवान बिल्कुल हाथ पर हाथ रखे हुए बैठे थे, लेकिन इतनी जाने गंवाने के बाद जो एक रिस्पांस होना चाहिए वह स्पष्ट नहीं दिख रहा है. यही कल्पना करिए कि अमेरिका के साथ ऐसा करते या फिर इजराइल के साथ करते तो अब तक बीजिंग तबाह हो गया होता.

'ईटीवी भारत'- कांग्रेस सरकार पर सवाल उठा रही है कि हमारी जमीन पर चीनी सेना ने कब्जा कर लिया है, क्या वाकई ऐसा है?

जवाब: जितना न्यूज़ चैनल के माध्यम से बताया गया है तो ऐसा प्रतीत हो रहा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी चीनी सैनिक आते थे. कुछ न कुछ धक्का-मुक्की होती थी और चले जाते थे. मैं खुद वहां पर पोस्टेड रहा हूं, लेकिन इस बार धक्का-मुक्की और उनके चले जाने तक बात सीमित नहीं है. हम लगभग 20 से 25 अपने सोल्जर्स की जान गंवा चुके हैं, यह तो एक्ट ऑफ वॉर है. उन्होंने हमारे ऊपर हमला किया है. इस चीज को हमें उतनी गंभीरता से लेना चाहिए और उनको वैसे ही जवाब देना चाहिए. वरना हम देखेंगे कि जैसे नेपाल हमारे ऊपर फायरिंग कर रहा है, पाकिस्तान शुरू से फायरिंग करता है उसी तरह अब चीन भी वही कर रहा है. बांग्लादेश भी बीएसएफ पोस्ट पर फायरिंग कर चुका है. हम तीनों चारों तरफ से घिर गए हैं. हम इसीलिए घिर रहे हैं क्योंकि हम उसी तरह से रिस्पांड नहीं कर रहे हैं. जिस तरीके से इन लोगों को हमें रिस्पांड करना चाहिए. आर्मी को खुली छूट मिली चाहिए. उसको ऑपरेशन कंडक्ट करने की फ्रीडम मिलनी चाहिए.


'ईटीवी भारत'- क्या एलएसी पर कोई ट्रीटी है जिसकी वजह से वहां पर गोली चलाना मना है?

जवाब: चीन पर बिल्कुल भरोसा नहीं किया जा सकता. जो चाइनीज चीज होती हैं वह ज्यादा नहीं चलती जिस स्तर की चाइनीज चीजें होती हैं उसी स्तर के चाइनीज लोग होते हैं. उन पर आप भरोसा नहीं कर सकते हैं. उनका सामान और उनके लोग दोनों ही बहुत तुच्छ क्वालिटी के होते हैं.

'ईटीवी भारत'-चीन वीडियो जारी कर प्रोपेगेंडा बना रहा है कि भारतीय सेना ने हम पर हमला किया, इस पर क्या कहेंगे?

जवाब: चीन शुरू से प्रोपेगेंडा करता रहा है और यह जो उदारवादी नीति है इसे बहुत साल पहले बदल देना चाहिए था. पाकिस्तान से तीन दशक से ज्यादा समय से हम आतंकवाद झेल रहे हैं, इसीलिए कि हम उदारवादी हैं. उदारवादी होने का मतलब यह नहीं है कि हम अपने देश के सैनिकों, अपने देश के नागरिकों की जान को गंवाते रहें और हम अपने उदारवादी नीति का ढोल पीटते रहें. जमाना बदल गया है वक्त के साथ हमें बदलना चाहिए. आज जब हमारे पास इतनी क्षमता है तो हमें मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए.

'ईटीवी भारत'-प्रधानमंत्री ने चीन से किसी तरह की सैन्य वार्ता से इंकार कर दिया है, पहले जो वार्ता हुई बेनतीजा साबित हुई क्या इसका कोई हल निकलता देख रहे हैं?

जवाब: मुझे नहीं लगता कभी भी इसका कोई हल निकलेगा. सरकार को जी चीजें करनी चाहिए उसमें मैं समझता हूं कि डिप्लोमेटिक और मिलिट्री मेजर में हम बांट सकते हैं. मिलिट्री मेजर्स में आप सेना को आजादी दीजिए वह अपने आप प्लान कर लेगी. डिप्लोमेटिक मेजर्स में हमें सबसे पहले तो आयात बंद करना चाहिए. लोगों से अपील करना तो बेवकूफी है. अगर सामान मार्केट में चीन का सामान आएगा तो वह खरीदेंगे ही, लेकिन अगर आप मार्केट में आने ही नहीं देंगे तो बिकेगा कहां से? आप जब चीन से आयात कर रहे हैं उन्हीं की कंपनियों को फायदा करा रहे हैं उन्हीं पैसों से तो चीन हम पर हमला कर रहा है, जो फायदा हम उसे पहुंचा रहे हैं.


'ईटीवी भारत'- क्या आपको लगता है कोरोना से विश्व का ध्यान भटकाने के लिए चीन ने ऐसा किया है?

जवाब: संभव है, ऐसा हो सकता है. लेकिन हम यूं भी देख सकते हैं कि चाइना ने पहली बार हमारे यहां अंदर दखलंदाजी नहीं की है. पहले भी वह हमारे यहां घुसते रहे हैं. इस वक्त चीजें बहुत ज्यादा आगे बढ़ गई हैं. तो हो सकता है कि ध्यान भटकाने के लिए चीन ने ऐसा किया हो, जिससे कोरोना के इशू को बॉर्डर के टेंशन में डाइवर्ट कर सके. यूएन ने जैसे अभी अपील की है कि शांतिपूर्ण तरीके से दोनों देश यह मामला निपटाएं. यूएस ने भी अपील की है. लेकिन भारत को शांतिपूर्ण ढंग से इसे नहीं सुलझाना चाहिए. हमें उनके उतने ही सैनिक मार गिराने चाहिए. क्योंकि आज वे चले जाएंगे और फिर आएंगे. क्या हमारे देश के सैनिक इतने सस्ते हैं सरकार के लिए कि सैनिक मरते रहेंगे और ये लोग कड़ी निंदा और वार्ता ही करते रहेंगे.

'ईटीवी भारत'- क्या आपको लगता है युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है?

जवाब: युद्ध की स्थिति तो नहीं दिख रही है. क्योंकि सरकार का इस तरह का एग्रेसिव रवैया नहीं है. पहले से ही भारत कोई एग्रेसिव एक्सटर्नल पालिसी नहीं रखता है. बहुत ही उदारवादी नीति रही है हमारी, जब से हमारा देश आजाद हुआ है तब से आज तक हम बहुत एग्रेसिव नीति नहीं रखते हैं, न आतंकवाद के खिलाफ, न अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ. हमारी जिस तरह की ठोस नीति होनी चाहिए वह रखना चाहिए. उसी तरीके से एक स्ट्रांग नीति होनी चाहिए कि हम इस तरीके की कोई दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करें. जब आप वह नीति रखेंगे तब आप इस तरीके की चीजों को रोक पाएंगे, अन्यथा आप चीन को नहीं रोक पाएंगे.



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