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खतरे में कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की सदस्यता, लॉकडाउन की स्थितियां सामान्य होते ही शुरू होगी प्रक्रिया

कांग्रेस पार्टी ने अदिति सिंह की पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से उनकी सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर विधानसभा में एक याचिका दायर कर रखी है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित.
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित.
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Published : May 21, 2020, 9:16 PM IST

Updated : May 22, 2020, 11:11 AM IST

लखनऊ: कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह की सदस्यता खतरे में पड़ गई है. कांग्रेस पार्टी ने अदिति सिंह की पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से उनकी सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर विधानसभा में एक याचिका दायर कर रखी है. कांग्रेस की याचिका पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कोरोना आपदा की वजह से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी है, लेकिन स्थितियां सामान्य होते ही संविधान के अनुरूप कार्रवाई शुरू की जाएगी.

ईटीवी भारत से बात करते उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित.
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नारायण दीक्षित ने कहा कि भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में लोक सभा, विधान सभा, विधान परिषद और राज्यसभा जैसी संस्थाओं में किसी सदस्य द्वारा अपनी इच्छा से दल त्याग करने पर सदस्यता शून्य किए जाने का प्रावधान है. अदिति सिंह के मामले में कांग्रेस के विधानमंडल के नेताओं की तरफ से एक याचिका हमारे पास आई थी. उसके बाद सत्र चलने लगा. सत्र के बाद कोरोना जैसी आपदा आ गई.यह एक न्यायिक कार्यवाही है. इसमें हमारा काम अपने सचिवालय को चलाने वाले प्रशासक व विधानसभा को चलाने वाले अध्यक्ष जैसा नहीं रह जाता है. इसमें दोनों पक्षों को बुलाया जाता है. अलग-अलग पक्ष को सुना जाएगा. उनको यह अधिकार होता है कि अगर वकील के माध्यम से अपनी बात कहना चाहें तो कहें या फिर खुद अपना पक्ष रखें. वह एक पूरी प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. संविधान के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी.

ये भी पढ़ें- प्रवासी मजदूरों को दें सम्मान - प्रमुख सचिव

कांग्रेस के न्यायालय जाने की बात पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम किसी के न्यायालय जाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि यह उनका अधिकार है. हमारे यहां याचिका देने का भी अधिकार है. कोर्ट जाने का अधिकार है. इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकतें. वह पढ़े-लिखे लोग हैं. इस महामारी के दौरान इस समय सुनवाई संभव नहीं हो पा रही है. जब भी इस तरह का सामान्य वातावरण बनता है.

दरअसल पिछले साल योगी सरकार ने दो अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. इस सत्र का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, लेकिन विधायक अदिति सिंह इसमें शामिल हुईं. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा. विधायक ने कोई जवाब नहीं दिया तो कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी सदस्यता खत्म करने लिए विधानसभा में याचिका दायर की. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. बसों से श्रमिकों को पहुंचाए जाने के मुद्दे पर अदिति सिंह द्वारा कांग्रेस पर ही सवाल खड़े किए जाने की वजह से यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. कांग्रेस ने कहा है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष सदस्यता समाप्त नहीं करते हैं तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा.

लखनऊ: कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह की सदस्यता खतरे में पड़ गई है. कांग्रेस पार्टी ने अदिति सिंह की पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से उनकी सदस्यता समाप्त किए जाने को लेकर विधानसभा में एक याचिका दायर कर रखी है. कांग्रेस की याचिका पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कोरोना आपदा की वजह से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी है, लेकिन स्थितियां सामान्य होते ही संविधान के अनुरूप कार्रवाई शुरू की जाएगी.

ईटीवी भारत से बात करते उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित.
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नारायण दीक्षित ने कहा कि भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में लोक सभा, विधान सभा, विधान परिषद और राज्यसभा जैसी संस्थाओं में किसी सदस्य द्वारा अपनी इच्छा से दल त्याग करने पर सदस्यता शून्य किए जाने का प्रावधान है. अदिति सिंह के मामले में कांग्रेस के विधानमंडल के नेताओं की तरफ से एक याचिका हमारे पास आई थी. उसके बाद सत्र चलने लगा. सत्र के बाद कोरोना जैसी आपदा आ गई.यह एक न्यायिक कार्यवाही है. इसमें हमारा काम अपने सचिवालय को चलाने वाले प्रशासक व विधानसभा को चलाने वाले अध्यक्ष जैसा नहीं रह जाता है. इसमें दोनों पक्षों को बुलाया जाता है. अलग-अलग पक्ष को सुना जाएगा. उनको यह अधिकार होता है कि अगर वकील के माध्यम से अपनी बात कहना चाहें तो कहें या फिर खुद अपना पक्ष रखें. वह एक पूरी प्रक्रिया है. उस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. संविधान के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी.

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कांग्रेस के न्यायालय जाने की बात पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम किसी के न्यायालय जाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं, क्योंकि यह उनका अधिकार है. हमारे यहां याचिका देने का भी अधिकार है. कोर्ट जाने का अधिकार है. इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकतें. वह पढ़े-लिखे लोग हैं. इस महामारी के दौरान इस समय सुनवाई संभव नहीं हो पा रही है. जब भी इस तरह का सामान्य वातावरण बनता है.

दरअसल पिछले साल योगी सरकार ने दो अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. इस सत्र का कांग्रेस ने बहिष्कार किया था, लेकिन विधायक अदिति सिंह इसमें शामिल हुईं. इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा. विधायक ने कोई जवाब नहीं दिया तो कांग्रेस नेतृत्व ने उनकी सदस्यता खत्म करने लिए विधानसभा में याचिका दायर की. इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. बसों से श्रमिकों को पहुंचाए जाने के मुद्दे पर अदिति सिंह द्वारा कांग्रेस पर ही सवाल खड़े किए जाने की वजह से यह मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. कांग्रेस ने कहा है कि यदि विधानसभा अध्यक्ष सदस्यता समाप्त नहीं करते हैं तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा.

Last Updated : May 22, 2020, 11:11 AM IST
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