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सरकार की 'द मिलियन फार्मर स्कूल' की रिपोर्ट  पेश करेगी IFPRI - लखनऊ ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश सरकार की 'द मिलियन फार्मर स्कूल' योजना का गुरूवार को परिणाम आने जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पिछले तीन सीजन के आधार पर सरकार की इस योजना का मूल्यांकन डाटा तैयार किया है.

मिलीयन फार्मर स्कूल योजना की रिपोर्ट तैयार.
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Published : Sep 12, 2019, 10:25 AM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार की 'द मिलियन फार्मर स्कूल' योजना का गुरूवार को परिणाम आने जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पिछले तीन सीजन के आधार पर सरकार की इस योजना का मूल्यांकन डाटा तैयार किया है. संस्था की अध्ययन रिपोर्ट सरकार के सामने गुरूवार को पेश की जाएगी.

मिलियन फार्मर स्कूल योजना की रिपोर्ट तैयार.

IFPRI ने 2 साल के आधार पर बनाई है रिपोर्ट
'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की टीम पिछले 2 साल से यूपी के गांव में जाकर यह जानने की कोशिश की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की खेती करने के तौर-तरीकों में अपेक्षित बदलाव आया है या नहीं. संस्था अपनी अध्ययन रिपोर्ट के निष्कर्षों से प्रदेश के कृषि मंत्री और भारत सरकार की नीति आयोग समेत अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों व विभागों को भी इसकी जानकारी देगी.
उपकरणों और दवाओं के बारे में भी मिलेगी जानकारी
उत्तर प्रदेश सरकार की 'द मिलियन फार्मर स्कूल' योजना के तहत अब तक उत्तर प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा किसानों को यह बताया गया है कि उन्हें खेती में कौन सी तकनीक और विधि का इस्तेमाल करना चाहिए. किसानों को कृषि कार्य में मशीन और उपकरणों के इस्तेमाल की जानकारी देने के साथ ही बीज और रासायनिक दवाओं के बारे में भी इस योजना के तहत जानकारी दी जा रही है.
15000 केंद्रों पर किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
कृषि विभाग के विशेषज्ञों की टीम गांव-गांव जाकर किसानों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें किस तरह अपनी फसल का लागत मूल्य घटाकर गुणवत्ता युक्त उत्पाद तैयार करना है, जिससे उन्हें बाजार में बेहतर मूल्य मिल सके. खरीफ और रवि फसलों के दौरान सरकार इस योजना को लागू करती है, जिसके तहत पूरे प्रदेश में लगभग 15000 केंद्रों पर किसानों को बुलाकर खेती करने के आधुनिक तरीके बताए जाते हैं.
रिपोर्ट से योजनाओं के बारे में मिलेगा सही इनपुट
अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से मूल्यांकन किए जाने की वजह से प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी भी बेहद उत्साहित हैं. सरकार का मानना है कि ऐसे इस पक्ष मूल्यांकन से उन्हें किसानों के बेहतरी के लिए लागू अपनी योजनाओं के बारे में सही इनपुट मिल सकेगा, जिससे वह योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप दे सकेंगे.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन का किया उद्घाटन

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने पिछले 2 साल से के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया है. इसमे रिपोर्ट में संस्था ने यह जानने की कोशिश की है कि सरकार की इस योजना से किसानों की खेती करने के तौर-तरीकों में अपेक्षित बदलाव आया है या नहीं.
राम शब्द, अपर निदेशक कृषि

लखनऊ: प्रदेश सरकार की 'द मिलियन फार्मर स्कूल' योजना का गुरूवार को परिणाम आने जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पिछले तीन सीजन के आधार पर सरकार की इस योजना का मूल्यांकन डाटा तैयार किया है. संस्था की अध्ययन रिपोर्ट सरकार के सामने गुरूवार को पेश की जाएगी.

मिलियन फार्मर स्कूल योजना की रिपोर्ट तैयार.

IFPRI ने 2 साल के आधार पर बनाई है रिपोर्ट
'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की टीम पिछले 2 साल से यूपी के गांव में जाकर यह जानने की कोशिश की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की खेती करने के तौर-तरीकों में अपेक्षित बदलाव आया है या नहीं. संस्था अपनी अध्ययन रिपोर्ट के निष्कर्षों से प्रदेश के कृषि मंत्री और भारत सरकार की नीति आयोग समेत अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों व विभागों को भी इसकी जानकारी देगी.
उपकरणों और दवाओं के बारे में भी मिलेगी जानकारी
उत्तर प्रदेश सरकार की 'द मिलियन फार्मर स्कूल' योजना के तहत अब तक उत्तर प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा किसानों को यह बताया गया है कि उन्हें खेती में कौन सी तकनीक और विधि का इस्तेमाल करना चाहिए. किसानों को कृषि कार्य में मशीन और उपकरणों के इस्तेमाल की जानकारी देने के साथ ही बीज और रासायनिक दवाओं के बारे में भी इस योजना के तहत जानकारी दी जा रही है.
15000 केंद्रों पर किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
कृषि विभाग के विशेषज्ञों की टीम गांव-गांव जाकर किसानों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें किस तरह अपनी फसल का लागत मूल्य घटाकर गुणवत्ता युक्त उत्पाद तैयार करना है, जिससे उन्हें बाजार में बेहतर मूल्य मिल सके. खरीफ और रवि फसलों के दौरान सरकार इस योजना को लागू करती है, जिसके तहत पूरे प्रदेश में लगभग 15000 केंद्रों पर किसानों को बुलाकर खेती करने के आधुनिक तरीके बताए जाते हैं.
रिपोर्ट से योजनाओं के बारे में मिलेगा सही इनपुट
अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से मूल्यांकन किए जाने की वजह से प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी भी बेहद उत्साहित हैं. सरकार का मानना है कि ऐसे इस पक्ष मूल्यांकन से उन्हें किसानों के बेहतरी के लिए लागू अपनी योजनाओं के बारे में सही इनपुट मिल सकेगा, जिससे वह योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप दे सकेंगे.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन का किया उद्घाटन

इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने पिछले 2 साल से के आधार पर इस रिपोर्ट को तैयार किया है. इसमे रिपोर्ट में संस्था ने यह जानने की कोशिश की है कि सरकार की इस योजना से किसानों की खेती करने के तौर-तरीकों में अपेक्षित बदलाव आया है या नहीं.
राम शब्द, अपर निदेशक कृषि

Intro:लखनऊ। प्रदेश सरकार की द मिलीयन फार्मर स्कूल योजना का बृहस्पतिवार को परिणाम आने जा रहा है अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पिछले तीन सीजन के दौरान सरकार की इस योजना का मूल्यांकन डाटा तैयार किया है । संस्था की अध्ययन रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सरकार के सामने पेश की जाएगी।


Body:इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम पिछले 2 साल से उत्तर प्रदेश के गांव में जाकर यह जानने की कोशिश कर रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की खेती करने के तौर-तरीकों में अपेक्षित बदलाव आया या नहीं। संस्था अपनी अध्ययन रिपोर्ट के निष्कर्षों से प्रदेश के कृषि मंत्री और भारत सरकार की नीति आयोग समेत अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों व विभागों को भी इसकी जानकारी देगी। उत्तर प्रदेश सरकार की द मिलियन फार्मर स्कूल योजना के तहत अब तक उत्तर प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा किसानों को यह बताया गया है कि उन्हें खेती में कौन सी तकनीक और विधि का इस्तेमाल करना चाहिए किसानों को कृषि कार्य में मशीन और उपकरणों के इस्तेमाल की जानकारी देने के साथ ही बीज और रासायनिक दवाओं के बारे में भी इस योजना के तहत जानकारी दी जा रही है कृषि विभाग के विशेषज्ञों की टीम गांव गांव जाकर किसानों को यह बताने में व्यस्त है कि उन्हें किस तरह अपनी फसल का लागत मूल्य घटाकर गुणवत्ता युक्त उत्पाद तैयार करना है जिससे उन्हें बाजार में बेहतर मूल्य मिल सके। खरीफ और जायद फसलों के दौरान सरकार इस योजना को लागू करती है जिसके तहत पूरे प्रदेश में लगभग 15000 केंद्रों पर किसानों को बुलाकर खेती करने के आधुनिक तरीके बताए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय संस्था की ओर से मूल्यांकन किए जाने की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी भी बेहद उत्साहित हैं सरकार का मानना है कि ऐसे इस पक्ष मूल्यांकन से उन्हें किसानों के बेहतरी के लिए लागू अपनी योजनाओं के बारे में सही इनपुट मिल सकेगा जिससे वह योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप दे सकेंगे।

बाइट/ राम शब्द जैसवारा अपर निदेशक कृषि


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