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विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा, विधायक जितना अधिक समय सदन को देंगे उसका उतना ही लाभ मिलेगा

उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना (Vidhan Sabha Speaker Satish Mahana) ने कहा है कि विधायक जितना अधिक समय सदन को देंगे उसका उतना ही लाभ उन्हें मिलेगा. महाना ने कहा कि किसी भी बात पर दूसरे पर आरोप लगाने के पहले उस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए.

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Published : Nov 10, 2022, 8:42 PM IST

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना (Vidhan Sabha Speaker Satish Mahana) ने कहा है कि विधायक जितना अधिक समय सदन को देंगे उसका उतना ही लाभ उन्हें मिलेगा. महाना ने कहा कि किसी भी बात पर दूसरे पर आरोप लगाने के पहले उस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर समाज ने जिम्मेदारी दी है तो हमें भी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि विधायक किसी भी पार्टी का हो पर वो हमारा विधायक है. अगर किसी भी विधायक का अपमान होता है तो वह विधानसभा का अपमान है.


विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह बात गुरूवार को यहां विधि स्नातक विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जब विधायिका का काम बेहतर होगा तो सब कुछ ठीक होगा. यह सब हम सबको मिलकर करना होगा. विधायिका की प्रतिष्ठा से हम सब लोग जुड़े हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में अच्छी बहस होनी चाहिए. बहस के दौरान विधायक अपनी मेधा का प्रदर्शन करे जिससे उसका लाभ समाज को मिल सके. हालांकि सभी विधायकों के अपने एजेंडे हैं पर अपनी बात को हम कितने अच्छे ढंग से कह सकें, इसका प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा के सदस्यों के प्रति अब सकारात्मक भाव पैदा हो रहा है. इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधायकों को अध्ययन कार्य में अधिक रुचि दिखानी चाहिए. अगर सदन में तैयारी करके आएंगे तो कार्यपालिका हम पर दबाव नहीं बना पाएगी. जिस उम्मीद से जनता ने आपको विधानसभा भेजा है उस कसौटी पर खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है.


राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि हम सबको दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विधायिका की बेहतरी के लिए काम करना होगा. उन्होंने कहा कि कार्यपालिका ने विधायिका को जकड़ रखा है, लेकिन अगर हम अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करेंगे तो जनता की बेहतरी के लिए और काम कर सकते हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के संवाद कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उनके इस प्रयास से जरूर एक दिन बदलाव आएगा.

इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य शाहिद मंजूर ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए पूर्व और वर्तमान विधायकों की दशा पर कहा कि इसके लिए हम सभी कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं. हमें हमेशा विधायिका की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए. अनुपमा जयसवाल ने कहा कि विधायिका जब कानून बनाने की बात करती है तो उसे विचारों की जरूरत पड़ती है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बैठक के समापन पर आये हुए सभी विधायकों को सार्थक सहयोग एवं प्रयोग का आश्वासन देते हुए सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की बात कही. इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने आयोजित कार्यक्रम में आए सभी ला-ग्रेजुएट विधायक व बैठक में शामिल मंत्री गणों को धन्यवाद ज्ञापित किया.

यह भी पढ़ें : मुलायम परिवार के लिए अब तक अजेय रही है मैनपुरी सीट, भाजपा प्रत्याशी को लेकर अटकलों का दौर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना (Vidhan Sabha Speaker Satish Mahana) ने कहा है कि विधायक जितना अधिक समय सदन को देंगे उसका उतना ही लाभ उन्हें मिलेगा. महाना ने कहा कि किसी भी बात पर दूसरे पर आरोप लगाने के पहले उस बात पर आत्ममंथन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर समाज ने जिम्मेदारी दी है तो हमें भी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि विधायक किसी भी पार्टी का हो पर वो हमारा विधायक है. अगर किसी भी विधायक का अपमान होता है तो वह विधानसभा का अपमान है.


विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह बात गुरूवार को यहां विधि स्नातक विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जब विधायिका का काम बेहतर होगा तो सब कुछ ठीक होगा. यह सब हम सबको मिलकर करना होगा. विधायिका की प्रतिष्ठा से हम सब लोग जुड़े हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में अच्छी बहस होनी चाहिए. बहस के दौरान विधायक अपनी मेधा का प्रदर्शन करे जिससे उसका लाभ समाज को मिल सके. हालांकि सभी विधायकों के अपने एजेंडे हैं पर अपनी बात को हम कितने अच्छे ढंग से कह सकें, इसका प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा के सदस्यों के प्रति अब सकारात्मक भाव पैदा हो रहा है. इस मौके पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधायकों को अध्ययन कार्य में अधिक रुचि दिखानी चाहिए. अगर सदन में तैयारी करके आएंगे तो कार्यपालिका हम पर दबाव नहीं बना पाएगी. जिस उम्मीद से जनता ने आपको विधानसभा भेजा है उस कसौटी पर खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है.


राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि हम सबको दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विधायिका की बेहतरी के लिए काम करना होगा. उन्होंने कहा कि कार्यपालिका ने विधायिका को जकड़ रखा है, लेकिन अगर हम अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करेंगे तो जनता की बेहतरी के लिए और काम कर सकते हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के संवाद कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उनके इस प्रयास से जरूर एक दिन बदलाव आएगा.

इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्य शाहिद मंजूर ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए पूर्व और वर्तमान विधायकों की दशा पर कहा कि इसके लिए हम सभी कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं. हमें हमेशा विधायिका की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए. अनुपमा जयसवाल ने कहा कि विधायिका जब कानून बनाने की बात करती है तो उसे विचारों की जरूरत पड़ती है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बैठक के समापन पर आये हुए सभी विधायकों को सार्थक सहयोग एवं प्रयोग का आश्वासन देते हुए सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की बात कही. इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने आयोजित कार्यक्रम में आए सभी ला-ग्रेजुएट विधायक व बैठक में शामिल मंत्री गणों को धन्यवाद ज्ञापित किया.

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