लखनऊ : कृष्णानगर थाना इलाके के बाराबिरवा चौराहे पर एक युवती ने कैब ड्राइवर की पिटाई की थी. इस मामले में पीड़ित कैब ड्राइवर की कार छोड़ने के लिए पुलिस पर 10 हजार रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगा था. इस मामले की जांच के बाद घूस लेने की बात सही पायी गयी. लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने बुधवार देर शाम घूसखोरी और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर महेश दुबे समेत दारोगा मन्नान और हरेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया.
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कैब ड्राइवर सआदत ने सीनियर अधिकारियों के सामने अपना दर्द बयां किया था. सआदत ने बताया कि 30 जुलाई की रात में ड्यूटी पर मौजूद दारोगा मन्नान ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया था. कोतवाली पहुंचे सआदत के भाइयों के साथ भी बदतमीजी की गयी थी और उन्हें लॉकअप में डाल दिया गया था. पीड़ित कैब ड्राइवर की गाड़ी छोड़ने के नाम पर पुलिस ने दस हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी. आरोपों के बाद महकमे ने मामले की जांच की. सूत्रों के मुताबिक एसीपी और एडीसीपी की जांच में इंस्पेक्टर कृष्णानगर महेश दुबे की लापरवाही सामने आयी. इस मामले में इंस्पेक्टर महेश दुबे से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
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इन सबके बीच कैब चालक की पिटाई करने वाली आरोपी युवती प्रियदर्शिनी नारायण उर्फ लक्ष्मी यादव पर हाथ डालने से पुलिस डर रही है. पुलिस का कहना है कि प्रियदर्शिनी के खिलाफ लूट और मारपीट का मुकदमा दर्ज है. लूट के सबूत अभी तक मिले नहीं हैं, इसलिए अभी तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. प्रियदर्शिनी के खिलाफ दर्ज मामले की जांच इंस्पेक्टर बंथरा कर रहे हैं. बंथरा का कहना है कि कैब चालक को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था लेकिन वह आये नहीं. ड्राइवर का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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