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लखनऊः केजीएमयू पर्चा लीक मामले में गठित हुई जांच कमेटी, शक के घेरे में परीक्षा विभाग

राजधानी लखनऊ की केजीएमयू के ओरल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बीते दिनों सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती परीक्षा कराई गई थी. जिसका पर्चा लीक होने की खबर के बाद से ही तमाम सवाल खड़े हो गए हैं.

केजीएमयू में पर्चा लीक मामला.
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Published : Jul 27, 2019, 1:56 PM IST

लखनऊः बीती 21 जुलाई को केजीएमयू के डेंटल विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी. इस परीक्षा का पेपर पहले ही लीक कर देने का मामला सामने आया. जांच कमेटी ने पर्चा लीक की आशंकाओं को सही मानते हुए जांच शुरू कर दी है. जिसमें परीक्षा विभाग पर ही तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं.

केजीएमयू में पर्चा लीक मामला.

क्या है पूरा मामलाः

  • डेंटल विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी.
  • ऐसी आशंका जताई गई कि पेपर पहले ही लीक हो चुका है .
  • आरोप है कि पेपर बनाने वाली मैडम ने व्हाट्सएप पर उत्तर कुछ लोगों को पहले ही भेज दिए थे.
  • जबकि उत्तर मेल के जरिये परीक्षा विभाग को ही भेजने का नियम है.
  • जांच कमेटी की आशंका है कि पर्चा लीक का उद्देश्य प्रभावशाली अफसरों के बच्चों की नौकरी का रास्ता साफ करना था.
  • जांच कमेटी की पड़ताल में अब परीक्षा विभाग पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं.

लखनऊः बीती 21 जुलाई को केजीएमयू के डेंटल विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी. इस परीक्षा का पेपर पहले ही लीक कर देने का मामला सामने आया. जांच कमेटी ने पर्चा लीक की आशंकाओं को सही मानते हुए जांच शुरू कर दी है. जिसमें परीक्षा विभाग पर ही तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं.

केजीएमयू में पर्चा लीक मामला.

क्या है पूरा मामलाः

  • डेंटल विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई थी.
  • ऐसी आशंका जताई गई कि पेपर पहले ही लीक हो चुका है .
  • आरोप है कि पेपर बनाने वाली मैडम ने व्हाट्सएप पर उत्तर कुछ लोगों को पहले ही भेज दिए थे.
  • जबकि उत्तर मेल के जरिये परीक्षा विभाग को ही भेजने का नियम है.
  • जांच कमेटी की आशंका है कि पर्चा लीक का उद्देश्य प्रभावशाली अफसरों के बच्चों की नौकरी का रास्ता साफ करना था.
  • जांच कमेटी की पड़ताल में अब परीक्षा विभाग पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं.
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राजधानी लखनऊ की केजीएमयू गणित संकाय ओरल पैथोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बीते दिनों सीनियर जैन डॉक्टर की भर्ती की परीक्षा कराई गई थी। इस पर जांच कमेटी ने पर्चा लीक की बात की आशंकाओं को सही मानते हुए अपने कार्यवाही शुरू कर दी है जिसमें परीक्षा विभाग पर ही तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।




Body:बीते 21 जुलाई को एजेएमयू के दंत विभाग में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए परीक्षा की गई थी। जिसमें आशंका जताई गई थी कि इस परीक्षा का पेपर पहले ही अपने चहेतों को डॉक्टर द्वारा लीक कर दिया गया है। इस पर जांच कमेटी ने पर्चा लीक की बात की आशंकाओं को सही मानते हुए अपने कार्यवाही शुरू कर दी है। जिसमें परीक्षा विभाग पर ही तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। केजीएमयू में अफसरों ने जूनियर डॉक्टरों की पारदर्शी भर्ती का दावा किया था। लिहाजा साक्षात्कार के बजाय पहली बार लिखित परीक्षा का हवाला दिया गया। लेकिन बैक डोर से रिश्तेदारों की नौकरी बांटने का षड्यंत्र भी इसी बीच रच डाला गया दअसल क्वेश्चन बैंक बनाने वाली मैडम ने साहब को प्रश्न ही नहीं उत्तर भी भेज दिए थे। ऐसा इसलिए कि छात्र बिना समय गवाएं परीक्षा की तैयारी कर सकें। लिहाजा प्रश्न पत्र बनाने वाली मैडम ने व्हाट्सएप पर प्रश्न ही नहीं भेजें बल्कि उत्तर भी सभी के दे दी ऐसे में साहब की बहन के दामाद के अलावा अन्य प्रभावशाली अफसरों के बच्चों को नौकरी का रास्ता साफ हो गया। पूरा मामला संकाय के ही वरिष्ठ शिक्षक के पास पहुंच गया था। वर्तमान में यह शिक्षक प्रशासनिक पद पर काबिज है। ऐसे में उनके मौखिक आदेशों के लिए नियमों को तार-तार कर दिया गया। महिला शिक्षक के सभी प्रश्नों को पेपर में शामिल करने पर परीक्षा विभाग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही महिला शिक्षक द्वारा प्रश्नों का उत्तर भेजना भी गंभीर मामला है। कारण प्रश्नों के उत्तर मेल के जरिए परीक्षा विभाग को भेजने का नियम है। इनका साथ में रेफेरेंस रहने देना होता है। लेकिन इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यह सारी प्रक्रिया केजीएमयू में पर्चा लीक कराने के दौरान होती रही। लेकिन इसकी किसी को भनक भी नहीं लगी। इससे साफ है कि अपने चहेतों की भर्ती कराने के लिए यह पूरा षड्यंत्र रच डाला गया।






Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976
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