लखनऊः उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित मस्जिद निर्माण ट्रस्ट ने बुधवार को ऑनलाइन बैठक की. इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन की ऑनलाइन बैठक में चेयरमैन जुफर अहमद फारुकी समेत ट्रस्ट के सभी 10 ट्रस्टी मौजूद रहे. बैठक में मस्जिद निर्माण से जुड़े लम्बे समय से लंबित चल रहे कामों पर चर्चा की गई. साथ ही कोरोना महामारी में देश और प्रदेश में मची तबाही पर चिंता व्यक्त की गई. कोरोना की दूसरी लहर के कहर को देखते हुए ट्रस्ट ने बैठक में फैसला लिया की अयोध्या जिले के लिए मस्जिद निर्माण ट्रस्ट सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत करेगा.
मीटिंग में अयोध्या के रहने वाले ट्रस्ट के सदस्य कैप्टन अफजल अहमद ने बताया कि अयोध्या प्रशासन और अयोध्या विकास प्राधिकरण के वीसी से, पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद सहित अस्पताल के होने वाले निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में गति मिली है. मीटिंग में देश और प्रदेश में कोरोना से मचे हाहाकर पर भी चिंता व्यक्त की गई.
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बाराबंकी प्रशासन की कार्रवाई पर जताई नाराजगी
अयोध्या के धन्नीपुर इलाके में बनने वाली मस्जिद के निर्माण ट्रस्ट, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने बाराबंकी के रामसनेहीघाट में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त की गई 100 वर्ष पुरानी मस्जिद पर चिंता जाहिर की. ट्रस्ट के सचिव और प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा कि हम उम्मीद और मांग करते है कि मस्जिद दोबारा बनाई जाएगी. महामारी के इस दौर में अच्छी दिशा में निर्माण का काम होगा न कि गिराने का. उन्होंने कहा कि यह ध्वस्तीकरण, हाईकोर्ट के उस आदेश की भी अवहेलना है, जिसमें कहा गया था कि महामारी के दौर में किसी भी प्रकार की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी.
राज्य और केंद्र सरकार से लगाई गुहार
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने राज्य और केंद्र सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि मस्जिद निर्माण के लिए कागजी कार्रवाई को जल्द ही हल किया जाए, जिससे पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद समेत अस्पताल का निर्माण जल्द शुरू कराया जा सकें. अतहर हुसैन ने कहा कि सभी के सयुंक्त प्रयासों से राष्ट्र और समाज का निर्माण हो सकता है.