लखनऊः राजधानी में रोजाना 10 से 20 डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जिन्हें डेंगू के शुरुआती लक्षण हैं, तो डॉक्टर उन्हें देखकर दवा दे रहे हैं. मरीजों का आंकड़ा 700 के पार पहुंच गया है. वहीं अस्पतालों में बने डेंगू वार्ड भी मरीजों से भरने शुरू हो गए हैं. डॉक्टरों के मुताबिक भर्ती होने वाले मरीजों में 25 फीसदी मरीजों को प्लेटलेट्स की जरुरत पड़ रही है. वहीं बुखार के मरीजों से शहर के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों के बेड भी 80 प्रतिशत भर चुके हैं. इसको देखते हुए राजधानी के जिला अस्पतालों में बेड़ों की संख्या बढ़ाई गई है.
बलरामपुर चिकित्सालय, लखनऊ में डेंगू और संचारी रोगों के मरीजों के इलाज के लिए 100 बेड की समुचित व्यवस्था की गयी है. कोई भी मरीज जो बुखार से पीड़ित होकर चिकित्सालय में आता है, उसकी डेंगू की जांच करायी जाती है. जांच रिपोर्ट के अनुसार ही मरीज का इलाज किया जाता है. वर्तमान में 16 डेंगू के मरीज भर्ती हैं, जिसमें से 8 मरीजों का पॉजिटिव रिपोर्ट की सूचना महानिदेशालय में भेजी जा चुकी है. 8 मरीजों का डेंगू रिपोर्ट संदेहास्पद है. चिकित्सालय में आने वाले किसी भी मरीज को चिकित्सालय से बिना ईलाज के वापस नहीं किया जाता है. इलाज के लिए आवश्यक समस्त संसाधन चिकित्सालय में उपलब्ध हैं.
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एस. के. नंदा ने बताया कि बीते एक सप्ताह में डेंगू के मामले बढे़ हैं. इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 20 के ऊपर पहुंच गई है. जो बीते दिनों पहले 10 के अंदर थी. वहीं डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों में करीब 25 फीसदी मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरुरत पड़ रही है. हालांकि राहत की बात है कि अस्पताल के ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स उपलब्ध है.
चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अगर 25 हजार तक भी प्लेटलेट्स आ जाती है, तो घबराएं नहीं. अगर प्लेटलेट्स इससे कम होती है और इसके साथ ही पूरे शरीर में लाल चक्कते पड़ने के साथ खून आने लगे तब तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू कर दें. वहीं अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती कई मरीजों को प्लेटलेट्स की जरुरत पड़ रही है. अस्पताल में ब्लड बैंक न होने की वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के इंचार्ज डॉक्टर सर्वेश ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण इन दिनों अस्पताल में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीजों को बुखार की समस्या है. वहीं कई ऐसे मरीज आ रहें है. जिनकी प्लेटलेट्स काफी कम है. मरीजों को भर्ती कर उनकी जांच करवाई जा रही है, तो उसमें डेंगू की पुष्टि हो रही है. वहीं उन्होंने कहा कि बुखार आने पर घबराए नहीं, किसी डॉक्टर की सलह पर आसानी से इससे ठीक हुआ जा सकता है. लोहिया संस्थान ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वी के सिंह ने बताया कि पहले के मुकाबले बीते कुछ दिनों में करीब 50 फीसदी प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी है. हालांकि राहत की बात ये है कि ब्लड डोनेट होने के कारण अभी पर्याप्त मात्र में प्लेटलेट्स यूनिट उपलब्ध है. वहीं केजीएमयू ब्लड बैंक इंचार्ज डॉक्टर तुलिका चंद्रा ने बताया कि डेंगू के मामले बढ़ने के बाद प्लेटलेट्स डिमांड इन दिनों एक दम से बढ़ी है. वहीं इन्हें पूरा करने के लिए लगातार ब्लड डोनेशन कैम्प लगाए जा रहें हैं. ब्लड बैंक में अभी प्लेटलेट्स बड़ी संख्या में उपलब्ध है.
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उधर, औरैया में भी लगातार डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहै हैं. 1 मरीज से शुरू हुआ आंकड़ा अबतक अर्ध शतक के पार हो चुका है. जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार सजग नजर आ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मिल रहे मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने टीमे बनाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेंपलिंग करना शुरू कर दिया है.