लखनऊ : राजधानी के मलिहाबाद का दशहरी आम पूरी दुनिया में अपने स्वाद के लिए जाना जाता है. हालांकि अब वह दिन दूर नहीं है, जब लोगों के घरों की शोभा बढ़ाने में भी लोग मलिहाबाद को याद करेंगे. मलिहाबाद अब फूलों के शौकीनों का गढ़ बन रहा है. यहां की नर्सरियों में किचेन गार्डेनिंग के पौधे आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं. हालांकि गर्मियों के कुछ ऐसे प्लांट भी हैं जिनकी मांग ज्यादा है और ग्राहकों को इन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
पौधों की बढ़ी मांग
मलिहाबाद की नर्सरियों से पौधे ले जाकर लखनऊ में बेचने वाले नर्सरी व्यापारी अजय यादव ने बताया कि गर्मियों के मौसम में घरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए शहर के लोग पौधों की खरीदारी कर रहे हैं. इस समय रंग बिरंगे पौधों की डिमांड बढ़ गई है. इसमें कोचिया, जिनिया, कॉसमस, सन फ्लावर, सदाबहार, पौधों की डिमांड बढ़ी हुई है. सजावटी पौधों की भी इस समय गार्डेनिंग एरिया में डिमांड बढ़ गई है.
मलिहाबाद में बढ़ी फूलों और पौधों की मांग
मांग की अपेक्षा आपूर्ति कममलिहाबाद के जय मां भगवती नर्सरी संचालक उमेश यादव ने बताया कि घरों के अंदर और बाहर गार्डन में लगाए जाने वाले पौधों की डिमांड बढ़ गई है. ये पौधे कोलकाता और पुणे से मंगाए जाते हैं. लेकिन इस समय घरों की सजावट के लिए रंग बिरंगे पौधों की मांग है, हम इसके अनुरूप स्टॉक नहीं रख पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लखनऊ के व्यापारियों का एडवांस में पैसा देकर यहां से पौधों ले जा रहे हैं. पौधों की बढ़ी डिमांड
उमेश यादव ने बताया कि नर्सरी में इस समय कोचिया, जिनिया, कॉसमस, सन फ्लावर, सदाबहार, रूम सजाने के लिए जेट प्लांट, एरिका प्लांट, एरोकेरिया, जेजे प्लांट जैसे पौधों की भी मांग बढ़ गई है. हम समय से इनकी पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. सुंदरता और मन की शान्ति के लिए भी पौधों की है डिमांड
हरा भरा वातावरण प्रत्येक मनुष्य को अपनी तरफ आकर्षित करता है. इसी क्रम में लोग अपने मन की शान्ति के लिए अपने किचेन गार्डेनिंग में तरह-तरह के फूल वाले पौधे लगाकर अपने बगीचे को महका रहे हैं. इस कारण किचन गार्डेनिंग वाले पौधों की डिमांड अधिक हो गई है. नर्सरी मालिक भी इन इलाकों की पूर्ति समय पर नहीं कर पा रहे हैं. गर्मियों के मौसम में लगने वाले सीजनल पौधे जैसे- कोचिया, जिनिया, कॉसमस, सन फ्लावर, सदाबहार, रूम सजाने के लिए जेट प्लांट, एरिका प्लांट, एरोकेरिया, जेजे प्लांट आदि पौधे पुणे और महाराष्ट्र से मंगाए जाते हैं. इनकी भी डिमांड इतनी है कि स्टॉक मेन्टेन रखने में समस्या हो रही है.