लखनऊ. सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने आयकर से संबंधी मामले को रफादफा करने के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले आयकर रेंज-3, वार्ड-4 के तत्कालीन निरीक्षक सुनील यादव को दोषी पाते हुए चार साल के कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन के अनुसार वादी दुष्यंत सैनी ने सीबीआई को सूचना दी थी कि उनकी माता पुष्पा सैनी को आयकर का नोटिस भेजा गया है. साथ ही मामले को खत्म करने के लिए पांच लाख रिश्वत मांगी जा रही है. वादी को निरीक्षक सुनील यादव से संपर्क करने के लिए कहा गया था. सीबीआई की योजना के अनुसार वादी ने एडवांस के तौर पर अभियुक्त को 50 हजार रुपये देने की बात कही जिसे लेने को अभियुक्त राजी हो गया.
यह भी पढ़ें : खीरी का तिकुनिया कांडः अंकित दास की जमानत याचिका पर HC में सुनवाई, राज्य सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय
6 फरवरी 2015 को 50 हजार रुपये की गड्डी के नोटों में फिनाल्थलीन पाउडर लगा कर वादी को दे दिया गया. वादी जब रिश्वत की रकम देने पहुंचा तो अभियुक्त ने उसे रकम को अपनी दराज में रखने को कहा. वादी के जाने के कुछ देर बाद उसने रकम को वहां से हटा दिया. इसके तत्काल बाद सीबीआई टीम ने अभियुक्त के कार्यालय में छापा मार दिया व हाथ को धुलवाने पर उसका हाथ गुलाबी हो गया.
इसके बाद सीबीआई ने रिश्वत की रकम बरामद कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया. दोषसिद्धि के बाद अभियुक्त की ओर से अनुरोध किया गया कि उसके बुजूर्ग माता-पिता हैं व एक 12 वर्षीय पुत्री है. लिहाजा उसके प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाया जाए. हालांकि कोर्ट ने अपराध की प्रकृति को देखते हुए उसे चार साल कारावास की सजा सुनाई.