लखनऊ : तुलसी का पौधा तो ज्यादातर घरों में मिल जाएगा, लेकिन तुलसी में अगर पान की खुशबू और स्वाद चाहिए तो लखनऊ के सीमैप का रुख करना पड़ेगा. यहां तुलसी की नई प्रजाति सिम सुवास को जन्म दिया गया है. तुलसी की इस प्रजाति में वह रसायन भी मौजूद हैं, जो पान के पत्तों में पाया जाता है. नई प्रजाति सिम सुवास का तेल भी बाजार में कई गुना ज्यादा महंगा बिकने की उम्मीद है.
भारतीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान के वैज्ञानिकों ने कृषि की नई प्रजाति तैयार की है, जो तुलसी के गुणों के साथ ही पान के पत्तों की खुशबू और स्वाद से भी समृद्ध है. इस नई प्रजाति का किसान अपने खेतों में उत्पादन भी कर सकेंगे. इसकी खेती से उन्हें कई गुना ज्यादा मुनाफा होगा. तुलसी की नई प्रजाति सिम सुवास का अनुसंधान करने वाली सीमैप की टीम का नेतृत्व वैज्ञानिक डॉ. सुनीता सिंह धवन ने किया है.
डॉ. सुनीता ने बताया कि तुलसी की इस नई प्रजाति में चेविबेटोल रसायन भी मौजूद है, जो केवल पान के पत्तों में पाया जाता है. पान की खेती बेहद महंगी और संवेदनशील है. मौसम का असर पान की खेती पर सबसे अधिक पड़ता है. ऐसे में किसान को नुकसान भी उठाना पड़ता है, लेकिन तुलसी की इस प्रजाति पर मौसम की बदलाव का कोई बहुत असर नहीं पड़ता.
पान की खेती में किसानों को अक्सर बड़ा नुकसान होता है, लेकिन तुलसी की नई प्रजाति की खेती करने में किसानों को नुकसान की गुंजाइश नहीं है और फायदा पारंपरिक खेती से 10 गुना तक ज्यादा होगा. अनुसंधान करने वाली टीम में राज किशोरी लाल, पंखुड़ी गुप्ता, चंदन सिंह चुनौटिया, आनंद मिश्रा, शुभम श्रीवास्तव सहित सौदान सिंह शामिल है.