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शिक्षक भर्ती आंदोलनः 22 हजार भर्तियों की मांग को लेकर निकाला मार्च, नारेबाजी

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Published : Dec 3, 2021, 4:36 PM IST

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 22,000 रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने मार्च निकालकर मांग उठाई.

शिक्षक भर्ती आंदोलन.
शिक्षक भर्ती आंदोलन.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 22,000 रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने मार्च निकालकर मांग उठाई. अभ्यर्थियों की मांग है कि 69000 शिक्षक भर्ती में ही रिक्त 22000 सीटें जोड़ दी जाएं. जिससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हो सके. बीते पांच महीनों से ये अभ्यर्थी लखनऊ में इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने निशातगंज रोड को जाम करने की कोशिश की. मौके पर पुलिस मौजूद थी. पुलिस के सामने अभ्यर्थियों ने सड़क किनारे बने फुटपाथ पर बैठकर भी विरोध प्रदर्शन किया.


आंदोलनरत अभ्यर्थियों का कहना है कि योगी सरकार ने खुले मंच से कहा था कि उत्तर प्रदेश में योग्य अभ्यर्थी नहीं हैं. आंदोलनकारियों ने कहा कि हम सभी योग्य अभ्यर्थी हैं. सरकार हमारी मांगें मानें और भर्ती करें.

अभ्यर्थियों ने निकाला मार्च.

पढ़ेंः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा, डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर होगी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी


अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जल्द जांच करवाकर चयन से बाहर हो गए पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्त नहीं दी थी. यह भी आरोप है कि 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े अभ्यर्थियों के लगभग 6000 पदों पर घोटाला हुआ है.

साल 2019 में आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में कई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे जिनमें से करीब 1 लाख 40 हजार पास हुए. अभ्यर्थियों की मांग है कि 1,37,500 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए. 68500 शिक्षक भर्ती की रिक्त 22000 सीटों को 69,000 शिक्षकों की भर्ती में जोड़ा जाए.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 22,000 रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने मार्च निकालकर मांग उठाई. अभ्यर्थियों की मांग है कि 69000 शिक्षक भर्ती में ही रिक्त 22000 सीटें जोड़ दी जाएं. जिससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हो सके. बीते पांच महीनों से ये अभ्यर्थी लखनऊ में इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने निशातगंज रोड को जाम करने की कोशिश की. मौके पर पुलिस मौजूद थी. पुलिस के सामने अभ्यर्थियों ने सड़क किनारे बने फुटपाथ पर बैठकर भी विरोध प्रदर्शन किया.


आंदोलनरत अभ्यर्थियों का कहना है कि योगी सरकार ने खुले मंच से कहा था कि उत्तर प्रदेश में योग्य अभ्यर्थी नहीं हैं. आंदोलनकारियों ने कहा कि हम सभी योग्य अभ्यर्थी हैं. सरकार हमारी मांगें मानें और भर्ती करें.

अभ्यर्थियों ने निकाला मार्च.

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अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जल्द जांच करवाकर चयन से बाहर हो गए पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्त नहीं दी थी. यह भी आरोप है कि 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े अभ्यर्थियों के लगभग 6000 पदों पर घोटाला हुआ है.

साल 2019 में आयोजित इस भर्ती प्रक्रिया में कई लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे जिनमें से करीब 1 लाख 40 हजार पास हुए. अभ्यर्थियों की मांग है कि 1,37,500 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए. 68500 शिक्षक भर्ती की रिक्त 22000 सीटों को 69,000 शिक्षकों की भर्ती में जोड़ा जाए.

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