लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय ने चंद्रयान-2 मिशन की डिप्टी डायरेक्टर रितु करिधाल, वैज्ञानिक डॉ. अनिल भारद्वाज, प्रो. समीर बाली जैसे कई नगीने देश और दुनिया को दिए हैं. लखनऊ यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट ने 101 साल का सफर पूरा कर लिया है. National Assessment and Accreditation Council (NAAC) मूल्यांकन के चलते एक बार फिर इन सभी उपलब्धियों और इतिहास के संजोने का काम किया जा रहा है. ऐसे में फिजिक्स डिपार्टमेंट के हेड प्रो. एनके पांडेय ने ETV Bharat से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने विभाग के इतिहास से लेकर आगे की योजनाओं के बारे में तमाम जानकारियां दी.
प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय का फिजिक्स डिपार्टमेंट 101 साल पुराना है. 1921 में विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही इसकी नींव रखी गई थी. इस लंबे सफर में कई उतार चढ़ाव देखे गए हैं. उन्होंने बताया कि 101वें साल में विभाग की कमान संभाल रहे प्रो. एनके पांडेय 21वें विभागाध्यक्ष हैं. जुलाई 1921 में इस विभाग की शुरुआत में प्रो. वली मोहम्मद पहले विभागाध्यक्ष थे. उन्होंने 1921 से 1946 तक इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी. विभाग इस समय NAAC मूल्यांकन की तैयारी कर रहा है.
यहां से चलता था पहला रेडियो स्टेशन: प्रो. एनके पांडेय ने बताया कि वो खुद आईआईटी दिल्ली से रहे हैं. 1960 के दशक में विभाग से एक रेडियो स्टेशन भी चलाया था. यह शहर का पहला रेडियो स्टेशन था. खास बात यह है कि इसे एमएससी के छात्र संचालित करते थे. उन्होंने बताया कि तब एक घंटे का प्रसारण होता था. इसके अलावा विभाग अपने शोध कार्यों के लिए देश और दुनिया में जाना जाता है. उन्होंने बताया कि विभाग में 32 फैकल्टी मेंबर हैं, जो 16 अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. शैक्षिकों के इसी विशेष योगदान के लिए अभी तक प्रदेश सरकार की तरफ से दो सरस्वती सम्मान और 3 शिक्षक श्री सम्मान दिए जा चुके हैं. वहीं भौतिक विज्ञान विभाग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लैब हैं.
हॉल ऑफ फेम बयां कर रही है विभाग की उपलब्धियां: फिजिक्स डिपार्टमेंट का हॉल ऑफ फेम इसके वैभव और उपलब्धियों की कहानी बयां करता है. इस हॉल ऑफ फेम में देश के जाने-माने वैज्ञानिकों से लेकर भौतिक विज्ञान शास्त्री, प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर बड़े-बड़े नामों को शामिल किया गया है. खास बात यह है कि आज भी देश और दुनिया भर से स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर यहां पहुंचते हैं. डिपार्टमेंट के हॉल ऑफ फेम जगह पाने वालों में पीआरएल अहमदाबाद के निदेशक अनिल भारद्वाज, चंद्रयान-2 मिशन के रितु करिधाल, मियामी यूनिवर्सिटी के प्रो. समीर बाली, आईएफएस डॉ. विवेक सक्सेना, साइंस एनर्जी एंड रिसोर्सेज ऑस्ट्रेलिया के असिस्टेंट डायरेक्टर अनूप द्विवेदी शामिल हैं.
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इनके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के फाइनेंस सेक्रेटरी एसएमए रिजवी, वैज्ञानिक राजीव रंजन श्रीवास्तव, प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर फॉरेस्ट ब्रजेश दीक्षित, बीएसएनएल एजीएम आनंद कुमार, आरआरटीएटी इंदौर के सुधीर दीक्षित, वरिष्ठ वैज्ञानिक विनीत गुप्ता, राम वर्मा, चीफ सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश सरकार राजीव कुमार, अनुराग रस्तोगी, रॉयल बैंक ऑफ कनाडा के निदेशक रिस्क मैनेजमेंट डॉ. अजय टंडन, हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के रिसर्च प्रोफेसर अभिषेक श्रीवास्तव, डॉ. डीपी सिंह, सुधीर कुमार शर्मा, चीफ सेक्रेटरी महाराष्ट्र सरकार मनु श्रीवास्तव और वैज्ञानिक जय शंकर प्रसाद शामिल हैं.
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