लखनऊः देश भर के मुसलमानों का वोट एकजुट करने के लिए इन दिनों राजधानी लखनऊ में पॉलिटिकल विंग बनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए जमीअत उलेमा-ए हिंद और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत देश भर की मुसलमानों की बड़ी संस्थाओं से इमाम वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान हसन सिद्दीकी जल्द मुलाकात करेंगे.
मुसलमानों का वोट एक प्लेटफार्म लाया जाएगा
अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान हसन सिद्दीकी ने लखनऊ में मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते कहा कि पिछले 70 सालों में तमाम पॉलिटिकल पार्टियों द्वारा मुसलमानों को छला गया है. इसिलए अब जरूरी हो गया है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा ए हिंद के अलावा मुल्क के तमाम गैर राजनीतिक मुसलमानों के संगठन एकजुट हों. जिससे मुसलमानों का वोट एक प्लेटफार्म पर लाया जा सके.
पॉलिटिकल विंग का गठन होगा
इमरान हसन सिद्दीकी ने कहा कि देश भर के मुस्लिम संगठन एकजुट होकर देश में पॉलिटिकल विंग का गठन करें. उन्होंने कहा कि तमाम राज्यों में समान सोच वाली पार्टियों के साथ मिल कर देशहित और संविधान की रक्षा के लिए डेमोक्रेटिक सेटअप को मजबूत बनाने की दिशा में पहल करें. उन्होंने कहा कि इलेक्शन में देश भर से तमाम मुस्लिम नामों वाली या मुसलमानों का सरपरस्त बताकर पार्टियां चुनाव में उतरती हैं और मुसलमानों के वोट बंटवाने के इरादे से खड़ी की जाती है. जिसके नतीजे में आज भी 70 सालों के बाद देश के मुसलमानों के वही हालात बने हुए हैं. मुसलमानों का एक बड़ा वोट प्रतिशत होने के बावजूद भी मुसलमानों के मुद्दे से तमाम राजनीतिक पार्टियां किनारा करती रहती हैं.
धर्मगुरुओं से करेंगे मुलाकात
अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान हसन सिद्दीकी ने बताया कि देश में पॉलिटिकल विंग के गठन करने का मकसद मुसलमानों की बड़ी संस्थाओं के अलावा मुस्लिम समुदाय के शिया, सुन्नी, देवबंदी, बरेलवी, सूफी फिरकों के सभी धर्म गुरुओं से वह जल्द मुलाकात करेंगे. ताकि मुल्क भर के मुसलमानों का वोट एक प्लेटफार्म पर लाया जा सके.
यूपी चुनाव में बदलाव के आसार
गौरतलब है कि अगर देश में पॉलिटिकल विंग का गठन होता है और मुसलमानों का वोट एक प्लेटफार्म पर आता है तो सियासी वोट बैंक में काफी कुछ बदलाव आएगा.जिससे यूपी की सियासत में भी काफी उलटफेर देखने को मिल सकता है. उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव होने हैं और यूपी में मुसलमानों का वोट प्रतिशत काफी अहम माना जाता है.