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केजीएमयू में फेफड़े के इलाज के लिए लगाई गई मशीन, डॉक्टरों को मिलेगी मदद

लखनऊ केजीएमयू में फेफड़े के इलाज के लिए लगाई गई इंपल्स ओसीलोमीटर मशीन से डॉक्टरों को मिलेगी मदद. मशीन से फेफड़ों के संदर्भ में बीमार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में कारगर साबित होगा. इस मशीन की मदद से फेफड़ों मे संक्रमण की प्रारंभिक स्थिति में ही जांच हो सकेगी.

केजीएमयू में फेफड़े के इलाज के लिए लगाई गई मशीन
केजीएमयू में फेफड़े के इलाज के लिए लगाई गई मशीन
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Published : Jan 21, 2021, 11:39 AM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में फेफड़े की क्षमता को मापने की मशीन लगाई गई है. इस मशीन के लगने के बाद फेफड़े का इलाज करने में डॉक्टरों को मदद मिलेगी. केजीएमयू प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार फेफड़ों की छमता नापने के लिए इंपल्स ओसीलोमीटर मशीन लगाई गई है. अभी तक केजीएमयू के पास यह मशीन उपलब्ध नहीं थी, इससे फेफड़ों का इलाज कराने वालों के फेफड़ों की क्षमता मापने में समस्या होती थी.

प्रारंभिक चरण में हो सकेगा फेफड़ों की समस्याओं का निदान

केजीएमयू रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सूर्यकांत ने बताया कि यह मशीन फेफड़ों के संदर्भ में बीमार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में कारगर साबित होगा. इस मशीन की मदद से फेफड़ों मे संक्रमण की प्रारंभिक स्थिति में ही जांच हो सकेगी. साथ ही प्रारंभिक चरण में सांस की बीमारी का निदान किया जा सकेगा.

छोटे बच्चों और बुजुर्गों का भी होगा इलाज

केजीएमयू रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि इंपल्स और किलोमीटर यांत्रिक गुणों को माप कर सांस के रोग के निदान के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है. इसका उपयोग छोटे बच्चों और बुजुर्गों में भी किया जा सकता है. जो मरीज बेड रेस्ट या आईसीयू में भर्ती हैं उनके लिए भी यह मशीन कारगर साबित होगी.

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में फेफड़े की क्षमता को मापने की मशीन लगाई गई है. इस मशीन के लगने के बाद फेफड़े का इलाज करने में डॉक्टरों को मदद मिलेगी. केजीएमयू प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार फेफड़ों की छमता नापने के लिए इंपल्स ओसीलोमीटर मशीन लगाई गई है. अभी तक केजीएमयू के पास यह मशीन उपलब्ध नहीं थी, इससे फेफड़ों का इलाज कराने वालों के फेफड़ों की क्षमता मापने में समस्या होती थी.

प्रारंभिक चरण में हो सकेगा फेफड़ों की समस्याओं का निदान

केजीएमयू रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर सूर्यकांत ने बताया कि यह मशीन फेफड़ों के संदर्भ में बीमार मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में कारगर साबित होगा. इस मशीन की मदद से फेफड़ों मे संक्रमण की प्रारंभिक स्थिति में ही जांच हो सकेगी. साथ ही प्रारंभिक चरण में सांस की बीमारी का निदान किया जा सकेगा.

छोटे बच्चों और बुजुर्गों का भी होगा इलाज

केजीएमयू रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि इंपल्स और किलोमीटर यांत्रिक गुणों को माप कर सांस के रोग के निदान के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है. इसका उपयोग छोटे बच्चों और बुजुर्गों में भी किया जा सकता है. जो मरीज बेड रेस्ट या आईसीयू में भर्ती हैं उनके लिए भी यह मशीन कारगर साबित होगी.

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