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लखनऊ: दवा कारोबारियों पर लॉकडाउन की मार, 60 फीसदी की आई गिरावट

राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन के बाद से तमाम तरह की सेवाएं पूरी तरह से रुक गई हैं. वहीं आवश्यक सेवाएं चलती रहीं, अब आवश्यक सेवाओं में शामिल दवा मार्केट पर भी लॉकडाउन का असर दिख रहा है. इसकी वजह से दवा के थोक कारोबार में करीब 60 फीसदी की गिरावट आई है.

दवा कारोबार में आई 60 फीसदी की गिरावट
दवा कारोबार में आई 60 फीसदी की गिरावट
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Published : May 18, 2020, 3:23 PM IST

लखनऊ: अमीनाबाद में लॉकडाउन का असर पूरी तरह से दिख रहा है. इसकी वजह से दवा कारोबार में 60 फीसदी की गिरावट आई है. बीते दिनों अमीनाबाद क्षेत्र के दवा मार्केट में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद इस क्षेत्र को हॉटस्पॉट बनाकर सील कर दिया गया था. हालात ये हैं कि दवा कारोबारी दुकानों के किराए और कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं.

उनका कहना है कि दवाओं की कीमत में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है. ऐसे में सरकार टैक्स और बिजली में कुछ छूट दे तो उन्हें राहत मिलेगी. राजधानी लखनऊ में करीब 850 थोक कारोबारी हैं. इसमें से करीब 650 कारोबारी अमीनाबाद बाजार के हैं. इनको सामान्य दिनों में रोजाना 25 करोड़ का कारोबार होता था, जो अब 8 से 10 करोड़ के बीच सिमट गया है.

शासनादेश के तहत कुछ दुकानें सुबह 6:00 से 9:00 बजे तक तो कई रात 8:00 से 11:00 तक ही खुल रही हैं. इसके साथ ही एक दिन में 40 दुकानें खोलने की अनुमति है. इससे दूसरी दुकानों का नंबर अगले दिन आता है. ऐसी स्थिति में एक दुकानदार की तीन दिन में एक शिफ्ट में दुकान खोलने का मौका मिल रहा है. इस वजह से दवा कारोबारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में फर्म चलाना मुश्किल हो रहा है. साथ ही बिजली भी खर्च हो रही है. सैनिटाइजर सहित अन्य सुरक्षा उपकरण अपनाने होते हैं, ऐसे में खर्च बढ़ गया है. सरकार को चाहिए कि टैक्स सहित अन्य राहत दे.
-गिरिराज, अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

लखनऊ: अमीनाबाद में लॉकडाउन का असर पूरी तरह से दिख रहा है. इसकी वजह से दवा कारोबार में 60 फीसदी की गिरावट आई है. बीते दिनों अमीनाबाद क्षेत्र के दवा मार्केट में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद इस क्षेत्र को हॉटस्पॉट बनाकर सील कर दिया गया था. हालात ये हैं कि दवा कारोबारी दुकानों के किराए और कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं.

उनका कहना है कि दवाओं की कीमत में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं की है. ऐसे में सरकार टैक्स और बिजली में कुछ छूट दे तो उन्हें राहत मिलेगी. राजधानी लखनऊ में करीब 850 थोक कारोबारी हैं. इसमें से करीब 650 कारोबारी अमीनाबाद बाजार के हैं. इनको सामान्य दिनों में रोजाना 25 करोड़ का कारोबार होता था, जो अब 8 से 10 करोड़ के बीच सिमट गया है.

शासनादेश के तहत कुछ दुकानें सुबह 6:00 से 9:00 बजे तक तो कई रात 8:00 से 11:00 तक ही खुल रही हैं. इसके साथ ही एक दिन में 40 दुकानें खोलने की अनुमति है. इससे दूसरी दुकानों का नंबर अगले दिन आता है. ऐसी स्थिति में एक दुकानदार की तीन दिन में एक शिफ्ट में दुकान खोलने का मौका मिल रहा है. इस वजह से दवा कारोबारियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन में फर्म चलाना मुश्किल हो रहा है. साथ ही बिजली भी खर्च हो रही है. सैनिटाइजर सहित अन्य सुरक्षा उपकरण अपनाने होते हैं, ऐसे में खर्च बढ़ गया है. सरकार को चाहिए कि टैक्स सहित अन्य राहत दे.
-गिरिराज, अध्यक्ष, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

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