लखनऊ : यूपी में पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर रहने के दौरान कमाई गई करोड़ों की संपत्ति का विजिलेंस ने खुलासा किया है. चार साल पहले शासन के निर्देश पर शुरू हुई गोपनीय जांच में विजिलेंस ने पाया है कि मेरठ के रहने वाले रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर ने वैध कमाई से 147 प्रतिशत अधिक अवैध कमाई से संपत्ति अर्जित की है. एजेंसी ने रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
विजिलेंस के मेरठ सेक्टर इंस्पेक्टर मंजू गुप्ता के मुताबिक वर्ष 2019 में शासन ने मेडिकल, मेरठ के रहने वाले रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह सैनी के खिलाफ विजिलेंस से खुली जांच करने के आदेश दिया था. विजिलेंस ने अपनी जांच में पाया कि महेंद्र सिंह सैनी ने यूपी पुलिस में नौकरी करते हुए वैध श्रोतों से कुल 58,04666 की कमाई की थी. जब की जांच में सामने आया कि इस दौरान उन्होंने एक करोड़ 43 लाख 84 हजार 668 रुपये खर्च किए थे. जो आय से लाख 79 हजार 802 अधिक थे, यानि कमाई से 147 प्रतिशत अधिक खर्च किए गए.
इंस्पेक्टर के मुताबिक जांच के दौरान जब कमाई और खर्चे के विषय में महेंद्र सिंह से पूछताछ की गई तो वह कोई भी संतुष्टिपूर्ण जवाब दे नहीं सके. ऐसे में उन्हें दोषी मानते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 13(1) (B) व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 13 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
ऐसे कस सकता है शिकंजा : अधिक समय तक एक क्षेत्र में जमे पुलिस अधिकारी और कर्मियों की समीक्षा व स्थानांतरण किया जाए. बीट के सिपाही, दारोगा, चौकी प्रभारी समय-समय पर दफ्तर और दुकानों का सत्यापन करें. बड़े काले धंधों का खुलासा होने पर जिम्मेदार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. छोटे छोटे आरोपी पकड़े जाने पर उनके मुखिया तक पहुंचकर कार्रवाई की जाए.
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