लखनऊ: अवैध धर्मांतरण के मामले में लखनऊ जेल में बंद आरोपी उमर गौतम को बड़ी राहत मिली है. फतेहपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज प्रथम ने उमर गौतम को उनके खिलाफ चल रहे केस में जमानत दे दी है. जून 2021 में ATS ने उमर गौतम की गिरफ्तारी की थी. लगभग आठ महीनों से जेल में बंद उमर गौतम के मामले को जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की लीगल टीम देख रही है. इस जमानत में अहम भूमिका निभाने वाले उमर गौतम के वकील जिया जिलानी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह अहम जानकारी दी है.
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द की ओर से उमर गौतम का केस देख रहे जिया जिलानी ने कोर्ट में दलील रखी थी कि जितने भी केस अवैध धर्मान्तरण के उमर गौतम के खिलाफ बताए गए वह सभी up unlawful conversion act 2020 से पहले के रिपोर्ट किए गए थे और कानून बाद में बना है. जिया जिलानी ने कहा कि इस मामले में पुलिस और जांच एजेंसियां कोई भी ऐसा केस नहीं ला पाई जिसमें कानून बनने के बाद धर्मांतरण कराया गया हो.
जिया जिलानी के मुताबिक, कोर्ट ने उनके दिए हुए सभी तर्कों को माना और दूसरा पक्ष कोई भी अवैध धर्मांतरण के सबूत नहीं दे सका. जिया ने बताया कि जितने भी धर्म परिवर्तन हुए सब खुद की मर्जी के और बिना किसी जोर जबरस्ती के हुए. सभी मामलें सरकार की नजर में होते थे और पूरे लीगल प्रोसेस के तहत ही होते थे.
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अवैध धर्मांतरण के आरोप में जेल में बंद उमर गौतम के वकील जिया जिलानी ने कहा कि अभी उनके मुवक्किल को फिलहाल एक केस में जमानत मिली है. वहीं, UP ATS के लखनऊ कोर्ट में चल रहे मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद वह हाईकोर्ट की तैयारी कर रहे हैं. इसके बाद उमर गौतम की रिहाई मुमकिन होगी. जिया ने कहा कि UP ATS मामले में उमर गौतम को जमानत मिलने में अभी एक से दो महीने का और वक्त लग सकता है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को अवैध धर्मांतरण के आरोपी उमर गौतम को बड़ी राहत मिली है. हालांकि अभी जेल से बाहर आने में कई पेंच हैं. इसके बाद ही रिहाई मुमकिन होगी.
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