लखनऊ : नाका थाना क्षेत्र के आर्यनगर में एक पूर्व निर्मित आवासीय भवन में अवैध रूप से मिट्टी खनन करके बेसमेंट का निर्माण कराने के चलते बुधवार को भवन तथा उससे सटे बगल के मकान में दरारें आ गईं. अचानक भवन में कंपन होने से परिसर में मौजूद सभी लोग बाहर निकल आए, जिन्हें स्थानीय पुलिस द्वारा सुरक्षित दूरी पर पहुंचाया गया. इस बीच दोनों मकान भरभराकर ढह गए, जिसका मलबा सड़क पर आ गया. घटना में किसी को कोई चोट नहीं आई. घटना की सूचना मिलते ही प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत अन्य अधिकारी व अभियंता गण तत्काल मौके पर पहुंचे और जेसीबी व डम्पर मंगाकर मलबा हटाने का कार्य शुरू कराया.
प्रवर्तन जोन-6 के जोनल अधिकारी डीके सिंह ने बताया कि तुरंत पूरे प्रकरण की जांच कराई गई. जिसमें आसपास के मकानों में रहने वाले परिवारों व स्थानीय दुकानदारों के भी बयान लिए गए. जांच में पाया गया कि भवन संख्या-288/203 के स्वामी कृष्ण कुमार द्विवेदी व अनिल कुमार द्विवेदी द्वारा लगभग 750 वर्गफिट क्षेत्रफल में काफी पहले भवन का निर्माण कराया गया था. मंगलवार रात में भवन स्वामी द्वारा चोरी-छिपे भवन के अंदर से मिट्टी निकाल कर बेसमेंट का निर्माण करवाया जा रहा था. भवन के बगल में सतेन्द्र द्विवेदी पुत्र वीरेन्द्र द्विवेदी का लगभग 600 वर्गफिट क्षेत्रफल में पुराना मकान बना हुआ है.
भवन संख्या-288/203 के स्वामी कृष्ण कुमार द्विवेदी व अनिल कुमार द्विवेदी द्वारा अवैध खनन करने से बुधवार को भवन ध्वस्त हो गया. जिसके भार से बगल का भवन संख्या-288/201 भी ध्वस्त होकर गिर गया. इससे अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग दहशत में आ गए. जोनल अधिकारी ने बताया कि कृष्ण कुमार द्विवेदी और अनिल कुमार द्विवेदी ने सुरक्षा मानकों को दरकिनार करते हुए आस-पड़ोस के भवनों तथा उनमें रहने वाले लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया. भवन स्वामियों ने बिना प्राधिकरण को सूचना दिये तथा अन्य किसी विशेषज्ञ एजेंसी से स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी के सम्बंध में सलाह लिये बगैर मरम्मत एवं मिट्टी के खनन का कार्य कराया. इन सभी बिन्दुओं के दृष्टिगत अवर अभियंता इम्तियाज अहमद द्वारा भवन संख्या-288/203 के स्वामी कृष्ण कुमार द्विवेदी व अनिल कुमार द्विवेदी के खिलाफ नाका कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
बेघर परिवार को एलडीए ने तुरंत दिया मकान : अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि भवन संख्या-288/203 में विमला कनौजिया पत्नी स्वर्गीय रमेश कनौजिया अपने परिवार के साथ निवास कर रही थीं. हादसे में मकान गिरने से उनका परिवार बेघर हो गया. इस पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी द्वारा उक्त परिवार को विस्थापित श्रेणी के अंतर्गत शारदा नगर विस्तार योजना में प्रधानमंत्री आवास आवंटित करने के निर्देश दिये गये. जिसके अनुपालन में उन्हेें तत्काल भवन आवंटित कर दिया गया.
अभियंताओं की शिफ्टवार लगाई गई ड्यूटी : अपर सचिव ने बताया कि मौके पर मलबा हटाकर मार्ग को सुचारू करने का काम लगातार किया जा रहा है. इसके लिए अभियंताओं की शिफ्टवार ड्यूटी लगायी गयी है. इसमें सहायक अभियंता शिवा सिंह, नित्यानंद चौबे, केडी पाण्डेय एवं ओमकार चौधरी के नेतृत्व में 4-4 अवर अभियंताओं को अलग-अलग शिफ्ट में तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि मलबा हटाने का काम रात में भी जारी रहेगा.
नाका थाना क्षेत्र के आर्य नगर में गिर गई थी निर्माणाधीन बिल्डिंग
लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र के आर्य नगर में निर्माणाधीन बिल्डिंग गिर गई. बताया गया कि इस इमारत में अवैध निर्माण किया जा रहा था. फिलहाल इस घटना से पहले ही पुलिस ने लोगों को बाहर निकाल दिया था. इस वजह से किसी के हताहत होने की सूचना अभी तक नहीं है. निर्माणाधीन बिल्डिंग धंसने से बगल के मकान में दरार आ गई है. बिल्डिंग धंसने के बाद लोगों का हुजूम मौके पर जुट गया है. सूचना पर मौके पर नाका पुलिस के साथ आलाधिकारी मौजूद हैं. पुलिस ने रस्सी से बैरिकेट कर बिल्डिंग को चारों तरफ से घेर दिया है. लोगों को बिल्डिंग से दूर कर दिया गया है. आशंका व्यक्त की जा रही कभी भी बगल वाली दूसरी बिल्डिंग भी गिर सकती है.
बताया जा रहा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से स्थानीय लोग आर्य नगर में किए जा रहे अवैध निर्माणों को लेकर लगातार शिकायत कर रहे थे. इसके बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण जोन-6 के अधिकारियों और अभियंताओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. नतीजतन बुधवार को बड़ा हादसा हो गया है. खैरियत की बात है कि इस हादसे में अब तक कोई हताहत नहीं हुआ है. करीब डेढ़ साल पहले हजरतगंज में अलाया अपार्टमेंट भी अवैध निर्माण की वजह से गिर गया था. जिसमें दबने से चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भी लगातार अवैध निर्माण होते जा रहे हैं और देखने वाला कोई नहीं है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण फौरी तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर दिखावे की कार्रवाई कर देता है, मगर उसके बाद में एक बार फिर से इलीगल कंस्ट्रक्शन तेजी से शुरू हो जाता है. कुछ ऐसा ही आर्य नगर में हुआ है. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हमने मौके पर टीम भेजी है. पूरे मामले का परीक्षण कर कर जिम्मेदार अधिकारियों और बिल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अवैध निर्माणों को लेकर लगातार कड़े दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं और रोजाना कार्रवाई भी हो रही है.
नाका थाना क्षेत्र के आर्यनगर में गिरी बिल्डिंग के मलबे में एक परिवार की पूरी ग्रहस्थी दब गई है. ऐसे में मलबा हटाने पहुंची पुलिस और नगर निगम टीम के सामने ही पीड़ित परिवार धरने पर बैठ गया है. पीड़ित पतिवार की मुखिया महिला नैना देवी का कहना है कि बिल्डिंग के बेसमेंट में खुदाई चल रही थी. इसी वजह से बिल्डिंग ढह गई है. हादसे के बाद ठेकेदार मौके से फरार हो गया है. मेरा पूरा समान मलबे में दब गया है, जिसके जिम्मेदार ठेकेदार और एलडीए के अफसर हैं. ऐसे में जब तक मेरे व मेरे परिवार के रहने का इंतजाम और ग्रहस्थी वापस नहीं मिलती तब तक वो मलबा नहीं हटाने देगी.
डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि बिल्डिंग के ढहने की सूचना मिलने पर तत्काल नाका थाने की पुलिस, फायर सर्विस के कर्मचारी मौके पर पहुंच गए थे. हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है. पीड़ित परिवार की कुछ मांगे हैं उनसे बातचीत कर मलबा हटाने की कार्रवाई की जा रही है. इसके अलावा लखनऊ विकास प्राधिकरण की जांच में जो सामने आएगा उसके अनुसार दोषियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.
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