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IIT की पाठशाला में शामिल हुए परिवहन विभाग के अधिकारी

यूपी में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. अब परिवहन विभाग ने आईआईटी मद्रास और एनआईसी दिल्ली से हाथ मिलाया है. बता दें कि दोनों संस्थानों ने एक ऐप बनाया है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का डाटा कलेक्ट किया जाएगा.

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Published : Feb 2, 2021, 10:53 PM IST

परिवहन आयुक्त धीरज साहू
परिवहन आयुक्त धीरज साहू

लखनऊ: सड़क सुरक्षा माह के दौरान वैसे तो परिवहन विभाग क्रमवार जन जागरूकता अभियान अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए चला रहा है, लेकिन इससे एक कदम आगे बढ़कर अब सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से प्रदेश के परिवहन विभाग ने आईआईटी मद्रास और एनआईसी दिल्ली से हाथ मिलाया है. बता दें कि दोनों संस्थानों ने एक ऐप बनाया है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का डाटा कलेक्ट किया जाएगा.

इस तरह का ऐप किया गया तैयार
दोनों उच्चीकृत संस्थानों ने आईआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस मोबाइल ऐप) तैयार किया है. इसकी मदद से सड़क दुर्घटना को लेकर पूरा डाटा घटना के तत्काल बाद मौके पर पहुंची पुलिस व परिवहन अधिकारी द्वारा मोबाइल के माध्यम से फीड किया जाएगा.

अधिकारियों के मुताबिक इससे रोड एक्सीडेंट के डाटा संकलन में सटीक व प्रभावी कार्य योजना बनाई जा सकेगी. मंगलवार को 16 जनपदों की पुलिस, परिवहन विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया. परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि इस मोबाइल ऐप को शीघ्र ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसकी सहायता से सड़क दुर्घटनाओं में निश्चित तौर पर कमी आएगी.

कमी तो आई पर थमी नहीं सड़क दुर्घटनाएं
बता दें कि सड़क सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही जुर्माने में बढ़ोतरी के बाद हादसों में कुछ हद तक कमी आई है, लेकिन अभी भी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. इन्हें नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग तमाम प्रयास कर रहा है.

लखनऊ: सड़क सुरक्षा माह के दौरान वैसे तो परिवहन विभाग क्रमवार जन जागरूकता अभियान अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए चला रहा है, लेकिन इससे एक कदम आगे बढ़कर अब सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से प्रदेश के परिवहन विभाग ने आईआईटी मद्रास और एनआईसी दिल्ली से हाथ मिलाया है. बता दें कि दोनों संस्थानों ने एक ऐप बनाया है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का डाटा कलेक्ट किया जाएगा.

इस तरह का ऐप किया गया तैयार
दोनों उच्चीकृत संस्थानों ने आईआरएडी (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस मोबाइल ऐप) तैयार किया है. इसकी मदद से सड़क दुर्घटना को लेकर पूरा डाटा घटना के तत्काल बाद मौके पर पहुंची पुलिस व परिवहन अधिकारी द्वारा मोबाइल के माध्यम से फीड किया जाएगा.

अधिकारियों के मुताबिक इससे रोड एक्सीडेंट के डाटा संकलन में सटीक व प्रभावी कार्य योजना बनाई जा सकेगी. मंगलवार को 16 जनपदों की पुलिस, परिवहन विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया. परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि इस मोबाइल ऐप को शीघ्र ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसकी सहायता से सड़क दुर्घटनाओं में निश्चित तौर पर कमी आएगी.

कमी तो आई पर थमी नहीं सड़क दुर्घटनाएं
बता दें कि सड़क सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही जुर्माने में बढ़ोतरी के बाद हादसों में कुछ हद तक कमी आई है, लेकिन अभी भी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. इन्हें नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग तमाम प्रयास कर रहा है.

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