लखनऊ : Noise Pollution : यूपी में प्रतियोगी परिक्षाओं का दौर चल रहा है. सूबे के लाखों नौजवान सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन-रात पढ़ाई करने में जुटे हैं. ऐसे में यदि आपके आस पास कोई शोरगुल मचा रहा है तो आप यूपी-112 की मदद ले सकते हैं. इसके लिए आपको 112 पर कॉल करना होगा या फिर यूपी 112 के सोशल मीडिया एकाउंट पर अपनी शिकायत दर्ज करनी होगी.
11 महीनों में 13 हजार से ज्यादा मामलों में यूपी-112 ने की मदद
यूपी में पिछले 11 महीनें में ध्वनि प्रदूषण के 13,838 मामलों में लोगों ने पीआरवी की सहायता ली है. इस दौरान राजधानी लखनऊ में सर्वाधिक 1421 लोगों ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ यूपी-112 की मदद ली है. दरअसल, यूपी में शादियों का मौसम है और कुछ दिनों बाद ही नए साल के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होना है. ऐसे में तेज आवाज में डीजे साउंड बजना स्वभाविक है.
इसको देखते हुए यूपी-112 ने नागरिकों से एक बार पुनः अपील की है कि अगर आपको ध्वनि प्रदूषण से समस्या है तो बेझिझक यूपी 112 की मदद ले सकते हैं. यूपी-112 पर कॉल आते ही शिकायत दर्ज कर पुलिस रिस्पांस व्हीकल (Police Response Vehicle-पीआरवी) को तत्काल मौके पर भेजा जाता है. शिकायत के आधार पर पीआरवी (PRV) मौके पर जाकर ध्वनि प्रदूषण को बंद करने के लिये निर्देशित करती है. शोरगुल करने वाला यदि पुलिस की बात मानते हुए शोर बंद कर देता है तो उसे चेतावनी देते हुए छोड़ दिया जाता है. यदि चेतावनी देने के बावजूद ध्वनि प्रदूषण फैलाते हुए व्यवधान पैदा करते हैं, तो उनके खिलाफ स्थानीय थाना स्तर पर पुलिस वैधानिक कार्रवाई की जाती है.
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क्या है नियम ?
शैक्षिक संस्थाओं के आसपास कम से कम 100 मीटर क्षेत्र को शांत क्षेत्र घोषित किया गया है. इसके अतिरिक्त अलग-अलग क्षेत्रों के लिए ध्वनि का मानक निर्धारित किया गया है. औद्योगिक क्षेत्र के लिए सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक 75 डेसिबल, तो रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 70 डेसिबल का मानक निर्धारित है. इसी तरह व्यापारिक क्षेत्र के लिये दिन में 65 डेसिबल, तो रात्रि में 55 डेसिबल ध्वनि का मानक निर्धारित है. आवासीय क्षेत्र के लिए दिन में 55 डेसिबल और रात्रि में 45 डेसिबल तथा शांत क्षेत्र के लिए दिन में 50 डेसिबल व रात्रि में 40 डेसिबल मानक तय है.
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