लखनऊ: यूपी एटीएस ने राजधानी लखनऊ में 11 जुलाई को आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर को गिरफ्तार किया था. दोनों के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और कुकर बम बरामद हुए थे. दोनों को 14 दिन की रिमांड पर हैं. इसके बाद से ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यूपी समेत अन्य जिलों को भी अलर्ट कर दिया गया है. वहीं आइबी (Intelligence Bureau) ने स्लीपर सेल को भेजे गए मैसेज को डिकोड कर एक नया खुलासा किया है. जिसमें उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई उत्तर प्रदेश और बिहार की ट्रेनों में सीरियल ब्लास्ट करना चाहती है. आइबी ने मैसेज डिकोड करने के बाद यूपी एटीएस से भी साझा किया है.
उन्होंने दावा किया है कि आईएसआई के हैंडलर ने पंजाब में अपने साथियों को यूपी होकर बिहार से चलने वाली ट्रेनों में टाइमर बम लगाने के निर्देश दिए हुए हैं. यह जानकारी मिलने के बाद से ही यूपी-बिहार सहित इन रूट पर चलने वाली ट्रेनों को लेकर रेलवे प्रशासन, रेलवे सुरक्षा बल, जिला प्रशासन व लोकल पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जगह-जगह चेकिंग चलाकर अलर्ट मोड पर नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही यूपी एटीएस की एक टीम बिहार के लिए निकल गई है, जो बिहार पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ आतंकियों की प्लानिंग और उनके रुट को भी साझा करेंगी.
सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों को आतंकी संगठन भी कर रहा है ट्रेस
मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस व सुरक्षा एजेंसी के साथ एटीएस की टीम जिस तरह से आतंकियों की गतिविधियों पर निगाह बनाए हुए हैं. ठीक उसी तरह आतंकी संगठन भी पुलिस, एटीएस और सुरक्षा एजेंसियों की एक्टिविटी को लगातार ट्रेस कर रही हैं. वहीं सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि जिस तरह आतंकियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जा रही है, तो आतंकी संगठन के फिदायीन किसी भी समय सुरक्षाबलों पर हमला कर सकते हैं. इसीलिए सभी को अलर्ट भी किया गया है.
कश्मीर से पकड़े गए आतंकी तैयार कर रहे थे फिदायीन
बताते चलें कि, आइबी के द्वारा मैसेज डिकोड होने के बाद से ही रेलवे स्टेशनों पर हर संदिग्ध की चेकिंग की जा रही है. वहीं उन रेलवे स्टेशन पर कोई भी व्यक्ति बैग या झोला या अन्य संदिग्ध सामान लिए नजर आ रहा है तो उससे पूछताछ भी हो रही है. एटीएस का दावा है कि पकड़े गए दोनों आतंकी भी ट्रेन ब्लास्ट की घटना में पूरी तरह संलिप्त थे, जो इस घटना को अंजाम दे सकते थे. क्योंकि इन आतंकियों के पास से कुकर बम समेत कई विस्फोटक पदार्थ भी मिले हैं.
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वहीं एनआईए अधिकारियों की मानें तो आतंकी रमीज अहमद लोन, उमर निसार भट्ट व तनवीर अहमद भट्ट को कश्मीर से गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए यह लोग मिशन वॉइस ऑफ हिन्द के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का अभियान चला रहे थे. इसके लिए इनके द्वारा ऑनलाइन प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि इस काम के इनको आईएसआईएस द्वारा फंडिंग दी जा रही थी. इन तीनों आरोपियों के घर से कई उपकरण भी बरामद हुए हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है. यह तीनों आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए फिदायीन तैयार कर रहे थे.
नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ाकर की जा रही निगरानी
एटीएस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी पर बताया गया है कि अलकायदा से जुड़े हुए आतंकवादी मिनहाज की तलाश सुरक्षा एजेंसियों समेत जम्मू-कश्मीर की पुलिस भी कर रही थी. लेकिन 11 जुलाई को यूपी एटीएस ने पक्के इनपुट होने की वजह से मिनहाज को उसके साथी मसीरुद्दीन के साथ गिरफ्तार किया है. मिनहाज को गिरफ्तार करने के साथ ही उसके पास से मिले पिस्टल की जानकारी करते हुए यह तार कानपुर से जुड़े हुए हैं. कानपुर से ही मिनहाज को विस्फोटक पदार्थ और पिस्टल उपलब्ध कराई जाती थी.
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एटीएस द्वारा बताया गया कि अलकायदा से जुड़े हुए मिनहाज को असलहा व विस्फोटक पदार्थ उपलब्ध कराने वाला बिल्डर हिरासत में लिया गया है. जिससे पूछताछ की जा रही है. यह बिल्डर वहीं बताया जा रहा है जो एनआरसी-सीएए के विरोध प्रदर्शन में भी काफी सक्रिय था. इसी वजह को लेकर इस बिल्डर पर मुकदमे भी दर्ज हुए थे. फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां बिल्डर्स समेत मिनहाज के मिले संदिग्ध बैंक खातों की जानकारियां खंगालने के साथ उसकी जांच भी कर रही है. सुरक्षा एजेंसियां यह जानने में लगी है कि आखिर इसमें फंडिंग कहां से आ रही थी. एटीएस मुख्यालय से बताया गया कि सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुए नेपाल सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और लगातार निगरानी भी की जा रही है.