लखनऊ. महाराजगंज में डीएम रहते हुए पीसीएस से आईएएस बने अमरनाथ उपाध्याय को सदस्य न्यायिक परिषद के पद से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है. गो-सेवा को लेकर किए गए जमीन घोटाले में 2019 में जांच में वे दोषी पाए गए थे. तभी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे खफा हैं. निकट भविष्य में उन पर बड़ा एक्शन लिया जा सकता है. अमरनाथ उपाध्याय के अतिरिक्त तीन अन्य आईएएस अधिकारियों का भी तबादला शुक्रवार की दोपहर किया गया.
इन आईएएस अफसरों का हुआ तबादला
अखिलेश कुमार मिश्र (IAS 2009) विशेष सचिव परिवहन से विशेष सचिव उच्च शिक्षा बनाया गया है.
अमर नाथ उपाध्याय (IAS 2010) सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज से प्रतीक्षारत किया गया है.
साहब सिंह (IAS 2010)अपर आयुक्त आगरा मंडल से सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज भेजा गया है.
घनश्याम सिंह (IAS 2014) विशेष सचिव नियोजन एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन से अपर आयुक्त लखनऊ बनाया गया है.
महराजगंज जनपद में जमीन घोटाले में फंसे आईएएस अफसर और तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर निलंबित कर दिया गया था. गो-सेवा से जुड़े धन और जमीन के मामले में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच सीएम ने गोरखपुर के मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर से कराई थी. जांच में दोष साबित हो जाने के बाद सीएम ने अमरनाथ उपाध्याय को ठीक डेढ़ साल पहले 14 अक्टूबर 2019 को निलंबित कर दिया था. उस समय बाकायदे इस निलंबन की सूचना लोक भवन में प्रेस वार्ता कर राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव आरके तिवारी ने दी थी. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, अमरनाथ ने मधवलिया गो सदन में 328 एकड़ बेशकीमती जमीन मनमाने तरीके से चहेतों को बांट डाली और गौमाता के लिए आने वाले चारा-दाना-पानी में जमकर खेल किया था.
यह भी पढ़ें : समाजवादी कुनबे को जोड़ने का आखिरी मौका होगा मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव