लखनऊ: आयुर्वेद के डॉक्टरों को सामान्य सर्जरी की प्रक्रिया का अधिकार देने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद एलोपैथिक डॉक्टरों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. इस फैसले के बाद आईएमए के देशव्यापी प्रदर्शन का असर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी देखने को मिला है. इस फैसले के विरोध में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को 2 घंटे सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया है. फैसला वापस न होने पर 11 दिसंबर को ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया गया है.
नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर भी विरोध में होंगे शामिल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर रमा श्रीवास्तव व सचिव डॉक्टर जीडी रावत समेत अन्य पदाधिकारियों ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी देने के अधिकार का विरोध किया है. इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा, जिसका ऐलान किया जा चुका है. डॉ. रावत के मुताबिक शाखा से करीब 1500 सदस्य जनपद से जुड़े हुए हैं, जिनमें सरकारी व निजी डाक्टर शामिल हैं.
काला फीता बांधकर एलोपैथिक डॉक्टर करेंगे विरोध
इस फैसले के खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टर मंगलवार को हाथों में काला फीता बांधकर विरोध करेंगे. फिलहाल सांकेतिक विरोध के दौरान सभी इमरजेंसी सेवाएं भी चलेंगी और मरीजों को भी इन सेंटरों से वापस नहीं किया जाएगा. मांगे पूरी न होने पर 11 दिसंबर को ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी. इसके साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी अपने कार्यालय से शहीद पार्क पैदल मार्च निकालेंगे.
सीएमओ ने कसी कमर, अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिए निर्देश
देशव्यापी एलोपैथिक डॉक्टरों की हड़ताल के ऐलान के बाद लखनऊ के सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर ने एपेडमिक एक्ट लागू होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि एक्ट लागू होने की वजह से सरकारी डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल नहीं होंगे.