लखनऊ : बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. लगातार अधिकारियों से समस्याओं के समाधान को लेकर वार्ता होती हैं, आश्वासन मिलता है, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं होता है. दिक्कतें जस की तस बनी हुई हैं. प्रबंधन की कार्यशैली से खफा बिजली कर्मचारी मंगलवार को मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कार्यालय पर प्रदर्शन करने जा पहुंचे. यहां कर्मचारियों ने सड़क पर ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी. आठ सूत्री मांगों को लेकर विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने भूख हड़ताल शुरू कर एलान किया है. संगठन का दावा है कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.
विद्युत संविदा मजदूर संगठन की मांगें : निकाले गए आउटसोर्स संविदाकर्मियों वापस लिए जाने की मांग प्रमुख है. कहा गया है कि मार्च में की गई हड़ताल का आउटसोर्स संविदा कर्मियों ने खुला विरोध किया था और संविदाकर्मियों व विद्युत मजदूर संगठन से जुड़े नियमित इंजीनियरों को हड़ताल से अलग रहने का निर्देश दिया गया था. जिसके कारण मध्यांचल समेत प्रदेश के किसी भी जिले में महासंघ से जुड़े संविदा कर्मियों और नियमित कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया . सार्वजनिक तौर पर इसकी सराहना ऊर्जा मंत्री ने भी की थी, लेकिन बदले की भावना से हड़ताल पर दिखाकर संविदा कर्मचारियों को काम पर वापस नहीं लिया जा रहा है. यह बिल्कुल सही नहीं है.
मध्यांचल कार्यालय पर जारी रहेगी भूख हड़ताल : संगठन के मुख्य महामंत्री पुनीत राय का कहना है कि पूर्व में कार्यरत संस्था ओरियन सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से बकाया ईपीएफ का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए. शाहजहांपुर के डिवीजन द्वितीय के 35 संविदा कर्मचारियों के तीन माह का भुगतान किया जाए. संविदा कर्मचारियों को ईएसआई कार्ड और विभाग की तरफ से पहचान पत्र और स्थानीय स्तर पर इलाज की सुविधा दी जाए. आउटसोर्स संविदाकर्मियों के स्थान पर भूतपूर्व सैनिकों को रखने का आदेश वापस लिया जाए. श्रमिकों को ₹22 हजार, लाइनमैन, एसएसओ को ₹25 हजार और कंप्यूटर ऑपरेटर को 30 हजार रुपये वेतन दिया जाए. उन्होंने कहा कि आउटसोर्स संविदा कर्मियों को कार्य करने की आयु सीमा 55 साल से बढ़कर 60 साल की जाए. प्रबंध निदेशक डिस्कॉम की अनुमति के बाद ही संविदाकर्मियों को हटाए जाने संबंधी पूर्व आदेश को फिर से बहाल किया जाए. संविदाकर्मियों का उत्पीड़न रोकने के लिए अधीक्षण अभियंता को निकालने के लिए दिया गया अधिकार खत्म किया जाए. उन्होंने कहा है कि जब तक इन समस्याओं का निराकरण नहीं हो जाता तब तक मध्यांचल कार्यालय पर जारी भूख हड़ताल खत्म नहीं होगी. इस पूरे मामले पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान कराया जाएगा. कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.
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