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"विस कार्यवाही का मूल्यांकन समयावधि से नहीं, गुणवत्तापरक विचार-विमर्श की महत्ता से होनी चाहिए" - यूपी विधानसभा

यूपी विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बजट सत्र के समाप्त होने पर सभी सदस्यों का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि कार्यवाही का आकलन समय अवधि से नहीं, बल्कि बहस की गुणवत्ता और मुद्दों पर गहन विचार विमर्श की महत्ता से होनी चाहिए.

dikshit statement on up legislative assembly proceedings
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित.
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Published : Feb 28, 2020, 10:33 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शुक्रवार को बजट सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया. कार्यवाही की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कार्यवाही में समय अवधि ही महत्वपूर्ण नहीं होती है. बहस की गुणवत्ता और मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श की महत्ता से ही कार्यवाही का मूल्यांकन किया जाना चाहिए.

16 दिन चली विधानसभा की कार्यवाही
हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही 13 फरवरी 2020 से प्रारंभ हुई और 28 फरवरी 2020 तक चली. 16 दिनों के सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठक हुई, जिसमें कुल 61 घंटे 41 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली. उन्होंने बताया कि 10 दिन के उपवेशनों में अल्पसूचित प्रश्न 142, तारांकित प्रश्न 1066, अतारांकित प्रश्न 1091 प्राप्त हुए. इनमें कुछ 584 प्रश्न उत्तरित हुए. नियम 301 की कुल 413 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 259 स्वीकृति हुई.

विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि नियम-51 के अंतर्गत 632 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें 80 सूचनाएं स्वीकृत हुई और 375 सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया. नियम-56 के अंतर्गत 78 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें 22 सूचनाएं ग्राह्यता हेतु सुनी गई और 34 पर ध्यानाकर्षण हुआ. अन्य सूचनाओं को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु सरकार को प्रेषित किया गया.

राज्यपाल के अभिभाषण पर 68 सदस्य चर्चा में हुए शामिल
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं समेत 68 सदस्यों ने भाग लिया. वित्तीय वर्ष 2020 की बजट चर्चा में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं सहित 70 सदस्यों ने हिस्सा लिया. इस बजट सत्र में कुल 11 विधेयक पारित किए गए, जिनमें पक्ष-विपक्ष की तरफ से महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं. विपक्ष द्वारा अपनी मांग उठाकर तर्क प्रस्तुत किए गए. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उठाए गए प्रश्नों का समाधान उत्तर दिए.

विधानसभा में कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुआ वाद-विवाद
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कानून व्यवस्था के प्रश्न पर भी विधानसभा में कई बार महत्वपूर्ण वाद विवाद हुआ. बेशक पक्ष-विपक्ष के अपने आंकड़े और तथ्य रहे हैं, लेकिन वाद-विवाद में सभा की रुचि और गंभीरता आकर्षण का विषय बनी रही. सभा में किसानों की समस्याएं भी पूरी शिद्दत के साथ उठाई गई. छुट्टा जानवरों की समस्या, आलू किसानों और गन्ना किसानों की समस्या को दूर करने की दृष्टि से विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ही गंभीर दिखाई पड़े.

उन्होंने कहा कि विद्युत, कृषि, प्रशासन, जलापूर्ति सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विधानसभा में गंभीर वाद विवाद हुआ. इस सदन की यह विशेषता रही कि व्यावधान बहुत कम हुआ. पक्ष-विपक्ष के सदन संचालन में अप्रतिम योगदान रहा.

विधानसभा अध्यक्ष ने की सीएम योगी की सराहना
विधानसभा अध्यक्ष ने तमाम व्यस्तताओं के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सदन में उपस्थिति की सराहना की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण एवं बजट की चर्चा में उपस्थित होकर सदन में उठाए गए विषयों पर अपना विस्तृत उत्तर भाषण दिए. इसके अतिरिक्त भी समय-समय पर सदन के तमाम महत्वपूर्ण उठने वाले विषयों पर हस्तक्षेप करते हुए सदन की आशंकाओं का समाधान किया.

उन्होंने कहा कि सदस्यों की विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ की घोषणा की. सदस्यों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी के लिए संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में विचार के लिए एक समिति की घोषणा की.

विधानसभा अध्यक्ष ने की विपक्षी नेताओं की भी प्रशंसा
विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, बसपा नेता लालजी वर्मा, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा 'मोना', अपना दल के नेता नील रतन पटेल और सुहेलदेव पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर सहित सभी दलीय नेताओं की प्रशंसा की.

ये भी पढ़ें: लखनऊ: तय समय से पहले विधानसभा स्थगित, मुंह पर पट्टी बांधकर धरने पर बैठा विपक्ष

लखनऊ: यूपी विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने शुक्रवार को बजट सत्र की समाप्ति पर सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सभी दलीय नेताओं और सदस्यों ने सारगर्भित चर्चा में भाग लिया. कार्यवाही की गुणवत्ता की प्रशंसा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कार्यवाही में समय अवधि ही महत्वपूर्ण नहीं होती है. बहस की गुणवत्ता और मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श की महत्ता से ही कार्यवाही का मूल्यांकन किया जाना चाहिए.

16 दिन चली विधानसभा की कार्यवाही
हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही 13 फरवरी 2020 से प्रारंभ हुई और 28 फरवरी 2020 तक चली. 16 दिनों के सत्र में कुल 10 दिन सदन की बैठक हुई, जिसमें कुल 61 घंटे 41 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली. उन्होंने बताया कि 10 दिन के उपवेशनों में अल्पसूचित प्रश्न 142, तारांकित प्रश्न 1066, अतारांकित प्रश्न 1091 प्राप्त हुए. इनमें कुछ 584 प्रश्न उत्तरित हुए. नियम 301 की कुल 413 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 259 स्वीकृति हुई.

विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि नियम-51 के अंतर्गत 632 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें 80 सूचनाएं स्वीकृत हुई और 375 सूचनाओं पर ध्यानाकर्षण किया गया. नियम-56 के अंतर्गत 78 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें 22 सूचनाएं ग्राह्यता हेतु सुनी गई और 34 पर ध्यानाकर्षण हुआ. अन्य सूचनाओं को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु सरकार को प्रेषित किया गया.

राज्यपाल के अभिभाषण पर 68 सदस्य चर्चा में हुए शामिल
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं समेत 68 सदस्यों ने भाग लिया. वित्तीय वर्ष 2020 की बजट चर्चा में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं दलीय नेताओं सहित 70 सदस्यों ने हिस्सा लिया. इस बजट सत्र में कुल 11 विधेयक पारित किए गए, जिनमें पक्ष-विपक्ष की तरफ से महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं. विपक्ष द्वारा अपनी मांग उठाकर तर्क प्रस्तुत किए गए. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उठाए गए प्रश्नों का समाधान उत्तर दिए.

विधानसभा में कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुआ वाद-विवाद
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कानून व्यवस्था के प्रश्न पर भी विधानसभा में कई बार महत्वपूर्ण वाद विवाद हुआ. बेशक पक्ष-विपक्ष के अपने आंकड़े और तथ्य रहे हैं, लेकिन वाद-विवाद में सभा की रुचि और गंभीरता आकर्षण का विषय बनी रही. सभा में किसानों की समस्याएं भी पूरी शिद्दत के साथ उठाई गई. छुट्टा जानवरों की समस्या, आलू किसानों और गन्ना किसानों की समस्या को दूर करने की दृष्टि से विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ही गंभीर दिखाई पड़े.

उन्होंने कहा कि विद्युत, कृषि, प्रशासन, जलापूर्ति सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों पर विधानसभा में गंभीर वाद विवाद हुआ. इस सदन की यह विशेषता रही कि व्यावधान बहुत कम हुआ. पक्ष-विपक्ष के सदन संचालन में अप्रतिम योगदान रहा.

विधानसभा अध्यक्ष ने की सीएम योगी की सराहना
विधानसभा अध्यक्ष ने तमाम व्यस्तताओं के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सदन में उपस्थिति की सराहना की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण एवं बजट की चर्चा में उपस्थित होकर सदन में उठाए गए विषयों पर अपना विस्तृत उत्तर भाषण दिए. इसके अतिरिक्त भी समय-समय पर सदन के तमाम महत्वपूर्ण उठने वाले विषयों पर हस्तक्षेप करते हुए सदन की आशंकाओं का समाधान किया.

उन्होंने कहा कि सदस्यों की विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ की घोषणा की. सदस्यों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी के लिए संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में विचार के लिए एक समिति की घोषणा की.

विधानसभा अध्यक्ष ने की विपक्षी नेताओं की भी प्रशंसा
विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, बसपा नेता लालजी वर्मा, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा 'मोना', अपना दल के नेता नील रतन पटेल और सुहेलदेव पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर सहित सभी दलीय नेताओं की प्रशंसा की.

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