लखनऊ: कामनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन इंडिया रीजन कान्फ्रेंस के मंथन में देशभर की विधानसभाओं में विपक्ष द्वारा किए जाने वाले हंगामे को रोकने का रास्ता निकाला जा सकता है. इस सम्मेलन में विशेष सत्रों के दौरान विधानसभाओं में हंगामे को लेकर अगर प्रस्ताव आए तो चर्चा की जाएगी. सदस्यों के सुझाव भी मांगे जाएंगे. उस सुझाव पर देश की सभी विधानसभा और लोकसभा के स्तर पर मिलकर रास्ता निकालने का प्रयास किया जाएगा. वह रास्ता ऐसा होगा जो देश की सभी विधानसभाओं में लागू हो सके.
सत्र के दौरान विपक्ष करता है हंगामा
विधानसभा का सत्र चलने के दौरान विपक्ष तमाम मुद्दों को लेकर हंगामा करता है, जबकि सत्ता पक्ष यह कहता है कि समाधान चर्चा से हो सकता है. विपक्ष का आरोप होता है कि सरकार यानी सत्ता पक्ष बेलगाम है. वह विपक्ष की सुनवाई नहीं करता. जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही. ऐसे आरोप लगाकर विपक्ष वेल में आ जाता है. विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगते हैं.
विपक्ष के सदस्य वेल में आकर करते हैं हंगामा
यूपी विधानसभा में भी यह नजारा कई बार देखा गया है. यहां तक कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी विपक्ष के सदस्य वेल में आकर हंगामा कर चुके हैं. उनके ऊपर कागज के टुकड़े फेंके. इसको लेकर सदन के अंदर हो या बाहर लोगों ने सवाल खड़े किए. अब यह चर्चा काफी तेज हो गई है. बुद्धिजीवियों का मानना है कि सदन को बाधित करने का कोई औचित्य नहीं बनता, इसलिए इस पर विराम लगना चाहिए.
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लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यीय समिति का किया गठन
इसी कड़ी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने तीन माह पूर्व उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित की अध्यक्षता में सात सदस्य कमेटी का गठन किया. यह कमेटी ऐसे मुद्दों पर विचार विमर्श कर हल निकालने के प्रयास में जुटी है. यह कमेटी अपनी सिफारिश लोकसभा अध्यक्ष को प्रेषित करेगी. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष के स्तर पर इस पर अध्ययन करके और फिर कोई निर्णय लिया जाएगा. मांग तो यह चल चल रही है कि वेल में आकर हंगामा करने वाले सदस्य का निलंबन स्वतः ही मान लिया जाए.
व्यवस्था पर किया जा रहा विचार
यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि यह बहुत ही वाजिब सवाल है कि वेल में आकर हंगामा करने का कोई कारण नहीं बनता है. हो सकता है कि इस सम्मेलन में इस मुद्दे पर विचार विमर्श हो और कोई हल निकल के सामने आए. उदहारण के रूप में उन्होंने कहा कि यह भी प्रस्ताव हो सकता है कि सत्र के दौरान वेल में आकर हंगामा करने वाले सदस्य का निलंबन स्वतः ही मान लिया जाए. ऐसी व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है. या फिर कोई और रास्ता. इन सभी पर अभी विचार ही चल रहा है.
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'दिल्ली में कमेटी की पहली बैठक हो चुकी है'
उन्होंने कहा कि इस कमेटी की पहली बैठक दिल्ली में लोकसभा भवन में हो चुकी है. इस कमेटी के सभी सदस्य विधानसभाओं के अध्यक्ष ही हैं. अपने सभी अध्यक्षों से हमने कहा है कि वह सुझाव देने की दृष्टि से तैयारी करें और लिखित भी दीजिए. हम पत्रकारों से भी सुझाव की अपेक्षा करते हैं. यह बड़ी समस्या है.
कमेटी लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगी रिपोर्ट
इस सम्मेलन का एक यह भी विषय रहेगा. यह कमेटी लोकसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सभी पीठासीन अधिकारियों यानी कि विधानसभा अध्यक्ष के साथ बातचीत करेंगे. फिर कोई ऐसा समाधान निकालेंगे, जो सभी विधानसभा अध्यक्ष अपने-अपने विधानसभाओं में इसे लागू कर सकेंगे.