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बारिश में हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां, ऐसे करें बचाव

मानसून आने के साथ ही मलेरिया, डेंगू जैसी कई बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं. मानसून में होने वाली इन बीमारियों से सावधानी बरतने के लिए राजधानी के डॉक्टरों ने सलाह दी है.

बारिश.
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Published : Jul 13, 2019, 2:27 PM IST

लखनऊ: मानसून का सीजन दस्तक दे चुका है. ऐसे में कई बीमारियां और वायरल इनफेक्शन होने की आशंका बढ़ जाती है. मानसून की बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टर अपना खास ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं. मानसून में चल रहे वायरल इनफेक्शन और बीमारियों के बारे में जानकारी देने के लिए ईटीवी ने कुछ अस्पतालों के विशेषज्ञों से बातचीत की.

मानसून की बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों की सलाह.

बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों ने दी सलाह

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शीतल वर्मा कहती हैं कि इस समय मानसून में बारिश होने की वजह से अक्सर पानी का जमाव हो जाता है. इससे मच्छरों का पनपना तेजी से शुरू हो जाता है. ऐसे में डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जैसे इनफेक्शन बढ़ने का खतरा अधिक हो जाता है.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट फिजिशियन डॉ. आरके पोरवाल कहते हैं कि वायरल इनफेक्शन के साथ-साथ स्किन डिसीज और पेट संबंधी बीमारियां भी मानसून के मौसम में अधिक बढ़ जाती हैं. उन्होंने बताया कि मानसून में भीग जाने की वजह से गले संबंधी परेशानियां भी बढ़ जाती है. इसमें आपको टॉन्सिल की समस्या, एक्यूट ब्रोंकाइटिस या फैरिंजाइटिस की बीमारी हो सकती है.

डॉ. मुखर्जी ने बताया कि मानसून सीजन में पानी में भीग जाने या नंगे पैर पानी में होने की वजह से स्किन संबंधी बीमारियां भी हो जाती है. इसमें किसी तरह के फंगल इनफेक्शन एसकेबीज जैसी बीमारियां अधिक होती है.

बचाव है जरूरी

  • मानसून में 5 साल से छोटे बच्चों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है.
  • अपने आसपास स्वच्छता रखना सर्वोपरि होना चाहिए.
  • बाहर खाने से परहेज करें.
  • उबले हुए पानी का उपयोग अधिक करें.
  • गला संबंधी रोगों से बचाव के लिए मानसून में भीगने से बचें.
  • अपने आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें.
  • पीने वाले पानी को हमेशा ढककर रखें.
  • रखा हुआ खाना या कटे हुए फल का सेवन न करें.
  • मच्छरदानी और मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम का प्रयोग करें.
  • शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें फुल आस्तीन के कपड़े पहने.

मरीजों की संख्या में होता है इजाफा

डॉ.पोरवाल कहते हैं कि मानसून के सीजन में वायरल बीमारियों के मरीज अधिक हो जाते हैं. इन मरीजों की संख्या में 25% तक इजाफा हो जाता है. इसमें पेट संबंधी बीमारियां, गले संबंधी रोग या स्किन डिसीज के मरीज अधिक हो जाते हैं.

लखनऊ: मानसून का सीजन दस्तक दे चुका है. ऐसे में कई बीमारियां और वायरल इनफेक्शन होने की आशंका बढ़ जाती है. मानसून की बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टर अपना खास ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं. मानसून में चल रहे वायरल इनफेक्शन और बीमारियों के बारे में जानकारी देने के लिए ईटीवी ने कुछ अस्पतालों के विशेषज्ञों से बातचीत की.

मानसून की बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों की सलाह.

बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों ने दी सलाह

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शीतल वर्मा कहती हैं कि इस समय मानसून में बारिश होने की वजह से अक्सर पानी का जमाव हो जाता है. इससे मच्छरों का पनपना तेजी से शुरू हो जाता है. ऐसे में डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जैसे इनफेक्शन बढ़ने का खतरा अधिक हो जाता है.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट फिजिशियन डॉ. आरके पोरवाल कहते हैं कि वायरल इनफेक्शन के साथ-साथ स्किन डिसीज और पेट संबंधी बीमारियां भी मानसून के मौसम में अधिक बढ़ जाती हैं. उन्होंने बताया कि मानसून में भीग जाने की वजह से गले संबंधी परेशानियां भी बढ़ जाती है. इसमें आपको टॉन्सिल की समस्या, एक्यूट ब्रोंकाइटिस या फैरिंजाइटिस की बीमारी हो सकती है.

डॉ. मुखर्जी ने बताया कि मानसून सीजन में पानी में भीग जाने या नंगे पैर पानी में होने की वजह से स्किन संबंधी बीमारियां भी हो जाती है. इसमें किसी तरह के फंगल इनफेक्शन एसकेबीज जैसी बीमारियां अधिक होती है.

बचाव है जरूरी

  • मानसून में 5 साल से छोटे बच्चों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है.
  • अपने आसपास स्वच्छता रखना सर्वोपरि होना चाहिए.
  • बाहर खाने से परहेज करें.
  • उबले हुए पानी का उपयोग अधिक करें.
  • गला संबंधी रोगों से बचाव के लिए मानसून में भीगने से बचें.
  • अपने आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें.
  • पीने वाले पानी को हमेशा ढककर रखें.
  • रखा हुआ खाना या कटे हुए फल का सेवन न करें.
  • मच्छरदानी और मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम का प्रयोग करें.
  • शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें फुल आस्तीन के कपड़े पहने.

मरीजों की संख्या में होता है इजाफा

डॉ.पोरवाल कहते हैं कि मानसून के सीजन में वायरल बीमारियों के मरीज अधिक हो जाते हैं. इन मरीजों की संख्या में 25% तक इजाफा हो जाता है. इसमें पेट संबंधी बीमारियां, गले संबंधी रोग या स्किन डिसीज के मरीज अधिक हो जाते हैं.

Intro:लखनऊ मानसून का सीजन दस्तक दे चुका है ऐसे में कई ऐसी बीमारियां और वायरल इनफेक्शंस होने की आशंका बढ़ जाती है जिससे हमें दो चार होना पड़ता है ऐसे में डॉक्टर वायरल इन्फेक्शन से बचने और मानसून में अपना खास ख्याल रखने की सलाह देते नजर आ रहे हैं।मानसून में चल रहे वायरल इनफेक्शंस और बीमारियों के बारे में जानकारी देने के लिए हमने राजधानी के कुछ अस्पतालों के विशेषज्ञों से बातचीत की।


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किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शीतल वर्मा कहती हैं कि इस समय मानसून में बारिश होने की वजह से अक्सर पानी का जमाव हो जाता है। बैकलॉग होने की वजह से मच्छरों का पनपना तेजी से शुरू हो जाता है। ऐसे में डेंगू, मलेरिया, जापानीज इंसेफेलाइटिस, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जैसे इनफेक्शंस बढ़ने का खतरा अधिक हो जाता है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीज भी अस्पताल में अधिक आने लगते हैं। वही श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट फिजिशियन डॉक्टर आरके पोरवाल कहते हैं कि वायरल इंफेक्शन के साथ-साथ स्किन डिसीज और पेट संबंधी बीमारियां भी मानसून के मौसम में अधिक बढ़ जाती हैं। वह कहते हैं कि मानसून में भीग जाने की वजह से गले संबंधी परेशानियां भी बढ़ जाती है। इसमें आपको टॉन्सिल की समस्या, एक्यूट ब्रोंकाइटिस या फैरिंजाइटिस की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा वायरल फीवर तक हो जाता है। वह कहते हैं कि मानसून के सीजन में पानी में भीग जाने या नंगे पैर पानी में होने की वजह से स्किन संबंधी बीमारियां भी हो जाती है। इसमें किसी तरह के फंगल इनफेक्शन एसकेबीज जैसी बीमारियां अधिक होती है।

मरीजों की संख्या में होता है इजाफा
डॉक्टर पोरवाल कहते हैं कि मानसून के सीजन में वायरल इनफेक्शंस की बीमारियों के मरीज अधिक हो जाते हैं इन मरीजों की संख्या में लगभग 25% तक इजाफा हो जाता है इसमें पेट संबंधी बीमारियां गले संबंधी रोग या स्किन डिसीज के मरीज अधिक हो जाते हैं वहीं डॉ शीतल कहती हैं कि इस मौसम में सही खानपान ना होने की वजह से डायबिटीज के पेशेंट अस्पताल में आने अधिक हो जाते हैं।

बचाव है जरूरी
डॉ शीतल कहती है कि मानसून के सीजन में 5 साल से छोटे बच्चों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है।
- अपने आसपास स्वच्छता रखना सर्वोपरि होना चाहिए।
- बाहर खाने से परहेज करें
- बॉयल्ड वॉटर या उबले हुए पानी का उपयोग अधिक करें
- गले संबंधी रोगों से बचाव के लिए डॉक्टर पोरवाल कहते हैं कि मानसून में भीगने से बचें।
- अपने आसपास कहीं भी पानी जमा न होने दें गम लो टायर या नालियों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
- पीने वाले पानी को हमेशा ढककर रखें।
- हमेशा ताजा खाना खाए बांसी रखा हुआ खाना या कटे हुए फल का सेवन ना करें।
- मच्छरदानी और मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम का प्रयोग करें।
- अपने शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें फुल आस्तीन के कपड़े पहने।


Conclusion:दक्षिण कहती हैं कि मानसून में भीग जाने या किसी भी तरह से यदि तबीयत नासाज हो तो खुद से दवा लेने के बजाय नजदीकी अस्पताल में जाकर डॉक्टरों से परामर्श लें खुद से दवा लेना आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।
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