लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इतिहास रचने के बाद बीजेपी की नज़र अब विधान परिषद की 36 सीटों के लिए होने वाले चुनाव पर है. विधान परिषद के लिए चुनाव (UP MLC election 2022) दो चरणों में होगा, पहले चरण में 30 सीटें जबकि दूसरे चरण में 6 सीटों पर चुनाव होगा. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कुल 100 सदस्य हैं, बहुमत के लिए 51 सीटें चाहिए. फिलहाल यूपी विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के पास 16 सीटें हैं, जबकि बीजेपी के पास 35 सदस्य हैं.
विधान परिषद का गठन
आपको बता दें कि जैसे संसद में उच्च सदन राज्यसभा होता है ठीक वैसे ही राज्य में उच्च सदन विधान परिषद होती है. किसी भी राज्य में विधान परिषद के गठन या उसे भंग करने का अधिकार संविधान ने अनुच्छेद 169 के तहत संसद को दिया है. किसी भी राज्य में विधान परिषद के गठन या उसे भंग करने के लिए उस राज्य की विधानसभा को बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करना ज़रूरी है, उसके बाद संसद के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद फैसला होता है.
फिलहाल देश के 6 राज्य ही ऐसे हैं जहां द्विसदनीय (Bi-cameral) व्यवस्था है. विधान परिषद, राज्यसभा की ही तरह एक स्थायी सदन है, हर राज्य के विधान परिषद की संख्या निश्चित होती है- जैसे यूपी विधान परिषद में 100, आंध्र प्रदेश में 58, बिहार में 75,कर्नाटक में 75, महाराष्ट्र में 78 और तेलंगाना में 40 सीटें हैं.
किसी भी राज्य के विधान परिषद की सीटें उस राज्य की विधान सभा की कुल सीटों के एक तिहाई से ज़्यादा नहीं हो सकती. जैसे यूपी में विधानसभी की 403 सीटें हैं तो यहां विधान परिषद की अधिकतम सीटें 134 हो सकती हैं लेकिन यहां 100 सीटें ही तय की गई हैं. किसी भी राज्य में विधान परिषद की सीटें 40 से कम नहीं हो सकतीं. विधान परिषद के सदस्य को अंग्रेज़ी में Member of Legislative Assembly या शॉर्ट में MLC कहा जाता है और इसका दर्जा विधायक या MLA के बराबर होता है.
कौन बन सकता है MLC?
विधान परिषद यानी MLC का चुनाव लड़ने के लिए नियम है--
(i) व्यक्ति भारत का नागरिक हो
(ii) कम से कम 30 साल उम्र हो
(iii) मानसिक रूप से तंदरुस्त हो
(iv) दिवालिया न हो
(v) चुनावी राज्य की वोटर लिस्ट में नाम हो
(vi) संसद या किसी विधान सभा का सदस्य न हो
कैसे होता है MLC का चुनाव? (How MLC gets elected)
आइए अब समझते हैं कि MLC का चुनाव कैसे होता है---
(i) 1/3 सदस्यों यानी 38 MLCs का चुनाव विधानसभा के सदस्य (MLA) करते हैं,
(ii) 1/3 सदस्यों यानी 36 MLCs का चुनाव नगरपालिका,ग्राम पंचायत,पंचायत समिति, ज़िला परिषद के सदस्य करते हैं
(iii) 1/12 सदस्यों यानी 8 MLCs का चुनाव 3 साल से राज्य में रह रहे स्नातक करते हैं
(iv) 1/12 सदस्यों यानी 8 MLCs का चुनाव 3 साल से राज्य में पढ़ा रहे शिक्षक (सेकेंडरी से नीचे नहीं) करते हैं
(v) 1/6 सदस्यों यानी 10 MLCs को राज्यपाल मनोनीत (Nominate) करते हैं.
राज्यपाल साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारिता आंदोलन और सामाजिक सेवा से जुड़े 10 लोगों को मनोनीत करते हैं.
MLC का कार्यकाल
MLC का कार्यकाल राज्य सभा सदस्य की तरह 6 साल का होता है और राज्य सभा की ही तरह विधान परिषद के एक तिहाई सदस्य हर दो साल में रिटायर होते हैं. विधान परिषद के सदस्य अध्यक्ष (Chairman) और उपाध्यक्ष (Deputy Chairman) का चुनाव करते हैं जिनकी देखरेख में सदन की कार्यवाही चलती है. रिटायर और मनोनीत होने वाले सदस्य फिर से चुने जा सकता हैं.
यूपी विधान परिषद की मौजूदा स्थिति
यूपी विधान परिषद क की बात करें तो जो मौजूदा 61 सदस्य हैं उनमें बीजेपी के 35, समाजवादी पार्टी के 16, बीएसपी के 3, कांग्रेस का 1, अपना दल (S) का 1, निषाद पार्टी का 1 सदस्य है. इसके अलावा निर्दलीय 2 और शिक्षक वर्ग (गैर राजनीतिक) के 2 सदस्य हैं. हालांकि विधान परिषद को विधान सभा के मुकाबले ज़्यादा अधिकार नहीं है लेकिन किसी भी बिल को पास कराने के लिए विधान परिषद में बहुमत होना बीजेपी को बेहतर स्थिति में ला देगा. फिलहाल बीजेपी के पास 35 सदस्य हैं जबकि बहुमत के लिए 51 सदस्य चाहिए. यही कारण है कि बीजेपी विधान परिषद के चुनाव में भी पूरा जोर लगा रही है.
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