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लखनऊ: हंगामे के बीच विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित - विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित

नागरिकता संशोधन अधिनियम और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधान परिषद की कार्यवाही में मंगलवार को कई बार व्यवधान उत्पन्न हुआ. इसके बाद सदन में हंगामा देख कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई.

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विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित
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Published : Dec 17, 2019, 9:15 PM IST

लखनऊ: विधान परिषद में मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम और इसके विरोध में हुए छात्र आंदोलनों के दौरान लाठीचार्ज का मामले पर प्रश्न विपक्षी दलों सपा, कांग्रेस और बसपा के विरोध के चलते नहीं हो सका. सपा और कांग्रेस ने वेल में आकर हंगामा किया, जबकि बसपा ने सदन से वाकआउट किया. कानून व्यवस्था और भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर उत्पीड़न मामले पर हंगामा ज्यादा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई.

विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित .

विधान परिषद की कार्यवाही मंगलवार को अधिष्ठाता सदन ओम प्रकाश शर्मा ने दो बार स्थगित की. नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 421085.40 लाख रुपये का दूसरा अनुपूरक अनुदान मांगों को सदन के पटल पर रखा. भोजन अवकाश के बाद भी सपा ने शोर-शराबा किया. इस शोर-शराबे के बीच ही सदन के कई विधाई कामकाज निपटाए गए. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जब सदस्यों का हंगामा बढ़ने लगा तो दोपहर 3:00 बजे के बाद सदन को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.


नेता प्रतिपक्ष ने लगाए आरोप
सदन की कार्यवाही मंगलवार को वंदे मातरम से शुरू हुई. सबसे पहले अधिष्ठाता ने कार्य परामर्श दात्री समिति की बैठक की सिफारिशों को सदन के पटल पर रखा. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और राज्य में बलात्कारियों अन्य घटनाओं का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि देश तानाशाही की ओर जा रहा है.


विपक्षियों पार्टियों ने किया विरोध
जिस पर कांग्रेसी एवं सपा के सदस्यों ने वेल में आकर बैनर पोस्टर लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी है. जबकि बसपा के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर सरकार का विरोध किया और सदन का बहिष्कार किया.


दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित
सदन को व्यवस्थित होते न देख अधिष्ठाता सदन ने कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित किया. स्थगन के दौरान भी सपा सदस्य वेल में बैठे नारेबाजी करते रहे. 15 मिनट बाद जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सपा एवं कांग्रेस के सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. जिस पर सदन की कार्यवाही को 12:20 तक के लिए स्थगित किया गया.

ये भी पढ़ें- नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्षी दलों के नेता एकजुट, राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा ज्ञापन


दोबारा शुरू हुई कार्यवाही
12:20 पर सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष के अनुपूरक अनुदान मांगों को सदन पटल पर रखा. प्रमुख सचिव विधान परिषद डॉ. राजेश सिंह ने सदन को 11 विधायकों के अधिनियम बनने की सूचना दी.

लखनऊ: विधान परिषद में मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम और इसके विरोध में हुए छात्र आंदोलनों के दौरान लाठीचार्ज का मामले पर प्रश्न विपक्षी दलों सपा, कांग्रेस और बसपा के विरोध के चलते नहीं हो सका. सपा और कांग्रेस ने वेल में आकर हंगामा किया, जबकि बसपा ने सदन से वाकआउट किया. कानून व्यवस्था और भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर उत्पीड़न मामले पर हंगामा ज्यादा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई.

विधान परिषद की कार्यवाही स्थगित .

विधान परिषद की कार्यवाही मंगलवार को अधिष्ठाता सदन ओम प्रकाश शर्मा ने दो बार स्थगित की. नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 421085.40 लाख रुपये का दूसरा अनुपूरक अनुदान मांगों को सदन के पटल पर रखा. भोजन अवकाश के बाद भी सपा ने शोर-शराबा किया. इस शोर-शराबे के बीच ही सदन के कई विधाई कामकाज निपटाए गए. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जब सदस्यों का हंगामा बढ़ने लगा तो दोपहर 3:00 बजे के बाद सदन को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.


नेता प्रतिपक्ष ने लगाए आरोप
सदन की कार्यवाही मंगलवार को वंदे मातरम से शुरू हुई. सबसे पहले अधिष्ठाता ने कार्य परामर्श दात्री समिति की बैठक की सिफारिशों को सदन के पटल पर रखा. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और राज्य में बलात्कारियों अन्य घटनाओं का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि देश तानाशाही की ओर जा रहा है.


विपक्षियों पार्टियों ने किया विरोध
जिस पर कांग्रेसी एवं सपा के सदस्यों ने वेल में आकर बैनर पोस्टर लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी है. जबकि बसपा के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर सरकार का विरोध किया और सदन का बहिष्कार किया.


दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित
सदन को व्यवस्थित होते न देख अधिष्ठाता सदन ने कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित किया. स्थगन के दौरान भी सपा सदस्य वेल में बैठे नारेबाजी करते रहे. 15 मिनट बाद जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सपा एवं कांग्रेस के सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी. जिस पर सदन की कार्यवाही को 12:20 तक के लिए स्थगित किया गया.

ये भी पढ़ें- नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्षी दलों के नेता एकजुट, राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा ज्ञापन


दोबारा शुरू हुई कार्यवाही
12:20 पर सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष के अनुपूरक अनुदान मांगों को सदन पटल पर रखा. प्रमुख सचिव विधान परिषद डॉ. राजेश सिंह ने सदन को 11 विधायकों के अधिनियम बनने की सूचना दी.

Intro:लखनऊ .विधान परिषद में मंगलवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम और इसके विरोध में हुए छात्र आंदोलनों के दौरान लाठीचार्ज का मामला दिनभर गोरी तारा मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के विरोध के चलते प्रश्न पर नहीं हो सका सपा और कांग्रेस ने वेल में आकर हंगामा किया जबकि बसपा ने सदन से वाकआउट किया. कानून व्यवस्था और भारतीय जनता पार्टी विधायक नंदकिशोर गुर्जर उत्पीड़न मामले पर हंगामा ज्यादा बढ़ा तो सदन की कार्रवाई अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई.


Body:विधान परिषद की कार्यवाही मंगलवार को अधिष्ठाता सदन ओम प्रकाश शर्मा ने दो बार स्थगित की नेता सदन डॉ दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष 2019 20 के लिए 421085.40 लाख रुपए का दूसरा अनुपूरक अनुदान मांगों को सदन के पटल पर रखा भोजन अवकाश के बाद भी सपा ने शोर-शराबा किया इस शोर-शराबे के बीच ही सदन के कई विधाई कामकाज निपटाए गए और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जब सदस्यों का हंगामा बढ़ने लगा तो दोपहर 3:00 बजे के बाद सदन को अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया गया.

सदन की कार्रवाई मंगलवार को वंदे मातरम से शुरू हुई सबसे पहले अधिष्ठाता ने कार्य परामर्श दात्री समिति की बैठक की सिफारिशों को सदन के पटल पर रखा इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय समेत प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और राज्य में बलात्कारियों अन्य घटनाओं का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि देश तानाशाही की ओर जा रहा है. शिक्षा संस्थान तक सुरक्षित नहीं है. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर आपत्ति की कि यह प्रश्न पर है और बगैर किसी नियम के तहत विपक्ष के लोग अपनी बात रख रहे हैं जिस पर कांग्रेसी एवं सपा के सदस्यों ने वेल में आकर बैनर पोस्टर लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी है समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने बलात्कारियों को संरक्षण देने वाली सरकार नहीं चलेगी लाठी गोली की सरकार नहीं चलेगी छात्रों पर दमन करने वाली सरकार नहीं चलेगी किनारे लगाए जबकि बसपा के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर सरकार का विरोध किया और सदन का बहिष्कार किया सदन को व्यवस्थित होते ना देख अधिष्ठाता सदन ने कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित किया स्थगन के दौरान भी सपा सदस्य वेल में बैठे नारेबाजी करते रहे 15 मिनट बाद जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सपा एवं कांग्रेस के सदस्य से बिल में आ गए नारेबाजी शुरू कर दी जिस पर सदन की कार्रवाई को 12:20 तक के लिए स्थगित किया गया. 12:20 पर सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो नेता सदन डॉ दिनेश शर्मा ने वित्तीय वर्ष के अनुपूरक अनुदान मांगों को सदन पटल पर रखा प्रमुख सचिव विधान परिषद डॉ राजेश सिंह ने सदन को 11 विधायकों के अधिनियम बनने की सूचना दी . जैन समाज पार्टी के सदस्य दिनेश चंद्र ने विशेषाधिकार की सूचना देते हुए जिलाधिकारी आगरा की शिकायत का मामला उठाया ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मेरठ में डीएम द्वारा सर्किट हाउस में कक्ष उपलब्ध न कराने की बात कही तो कांग्रेसी सदस्यों ने कहा कि यह हालात एक जगह नहीं है कई जिलों में जिला प्रशासन के अधिकारी जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं कर रहे हैं उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है जनप्रतिनिधियों के फोन तक नहीं उठाए जा रहे हैं इस पर नेता सदन ने सरकार की ओर से डीएम आगरा को व्यक्तिगत रूप से चेतावनी देने का आश्वासन सदन को दिया अधिष्ठाता ने प्रकरण को सदन की विशेषाधिकार समिति को संदर्भित किए जाने का निर्देश दिया.

बाइट /दीपक सिंह नेता कांग्रेस विधान परिषद दल

पीटीसी /अखिलेश तिवारी


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