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लेवाना अग्निकांड मामले में होटल मालिक पवन अग्रवाल की जमानत मंजूर

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लेवाना होटल अग्निकांड मामले में होटल मालिक 75 वर्षीय पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है.

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लेवाना अग्निकांड मामले में होटल मालिक पवन अग्रवाल की जमानत मंजूर
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Published : Oct 19, 2022, 3:13 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 9:07 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लेवाना होटल अग्निकांड मामले (levana fire case in lucknow) में होटल मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए, आदेश दिया है कि विवेचना पूरी होने तक यदि अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे एक-एक लाख रुपये की दो जमानतों और व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहा किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया.

अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार व अमित जायसवाल ने मुख्य रूप से दलील दी कि अभियुक्त 75 वर्ष का बुजुर्ग व्यक्ति है व विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है व उक्त होटल व्यवसाय उसके बेटे और भतीजे द्वारा देखा जाता था, वह स्वयं होटल के कार्यों को नहीं देखता था. यह भी दलील दी गई कि अभियुक्त की हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है. वहीं अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही व पीड़ितों के वरिष्ठ अधिवक्ता आईबी सिंह की दलील थी कि होटल अवैध तरीके से चलाया जा रहा था, खिड़कियों पर लोहे के ग्रिल लगा दिए गए थे जिससे हादसे के समय पीड़ित कमरों से बाहर नहीं निकाल सके व अभियुक्त पर विवेचना में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया गया.


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे में अभियुक्त की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता के सम्बंध में कुछ नहीं कहा है, इस सम्बंध में अपर महाधिवक्ता का कहना है कि विवेचना में अभियुक्त के समुचित सहयोग की आवश्यकता है, लिहाजा हिरासत में पूछताछ के सम्बंध में जवाबी हलफनामे में कुछ नहीं कहा गया है. न्यायालय ने आगे कहा कि यदि अभियुक्त विवेचना में सहयोग करता है तो जांच एजेंसी को कोई परेशानी नहीं होगी. इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त के उम्र और बीमारियों को देखते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया. हालांकि, न्यायालय ने अभियुक्त को अन्य शर्तों के साथ यह भी निर्देश दिया है कि वह 21 अक्टूबर को 11 बजे विवेचनाधिकारी के समक्ष हाजिर होगा और विवेचना में पूरा सहयोग करेगा. न्यायालय ने यह भी उम्मीद जताई कि इस हादसे में दोषी सभी व्यक्तियों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही पीड़ितों को भी क्षतिपूर्ति दी जाएगी.

ये भी पढ़ेंः मुलायम सिंह यादव की अस्थियां लेकर प्रयागराज में संगम तट पर पहुंचे अखिलेश

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लेवाना होटल अग्निकांड मामले (levana fire case in lucknow) में होटल मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए, आदेश दिया है कि विवेचना पूरी होने तक यदि अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे एक-एक लाख रुपये की दो जमानतों और व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहा किया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया.

अभियुक्त की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप कुमार व अमित जायसवाल ने मुख्य रूप से दलील दी कि अभियुक्त 75 वर्ष का बुजुर्ग व्यक्ति है व विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है व उक्त होटल व्यवसाय उसके बेटे और भतीजे द्वारा देखा जाता था, वह स्वयं होटल के कार्यों को नहीं देखता था. यह भी दलील दी गई कि अभियुक्त की हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है. वहीं अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए, राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता वीके शाही व पीड़ितों के वरिष्ठ अधिवक्ता आईबी सिंह की दलील थी कि होटल अवैध तरीके से चलाया जा रहा था, खिड़कियों पर लोहे के ग्रिल लगा दिए गए थे जिससे हादसे के समय पीड़ित कमरों से बाहर नहीं निकाल सके व अभियुक्त पर विवेचना में सहयोग न करने का भी आरोप लगाया गया.


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात पारित अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे में अभियुक्त की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता के सम्बंध में कुछ नहीं कहा है, इस सम्बंध में अपर महाधिवक्ता का कहना है कि विवेचना में अभियुक्त के समुचित सहयोग की आवश्यकता है, लिहाजा हिरासत में पूछताछ के सम्बंध में जवाबी हलफनामे में कुछ नहीं कहा गया है. न्यायालय ने आगे कहा कि यदि अभियुक्त विवेचना में सहयोग करता है तो जांच एजेंसी को कोई परेशानी नहीं होगी. इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त के उम्र और बीमारियों को देखते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया. हालांकि, न्यायालय ने अभियुक्त को अन्य शर्तों के साथ यह भी निर्देश दिया है कि वह 21 अक्टूबर को 11 बजे विवेचनाधिकारी के समक्ष हाजिर होगा और विवेचना में पूरा सहयोग करेगा. न्यायालय ने यह भी उम्मीद जताई कि इस हादसे में दोषी सभी व्यक्तियों व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही पीड़ितों को भी क्षतिपूर्ति दी जाएगी.

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Last Updated : Oct 19, 2022, 9:07 PM IST
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