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लखनऊ के लेवाना अग्निकांड में होटल निदेशक की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज - लखनऊ की खबरें

राजधानी लखनऊ के लेवाना सुइट्स अग्निकांड होटल के निदेशक ( Levana hotel fire incident in capital Lucknow) पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई.

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राजधानी लखनऊ के लेवाना सुइट्स अग्निकांड होटल के निदेशकव की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
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Published : Sep 21, 2022, 10:03 PM IST

लखनऊः राजधानी के हजरतगंज स्थित होटल लेवाना सुइट्स में आग (Levana hotel fire incident ) लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा कई लोगों के घायल हो जाने के मामले में होटल के निदेशक व मामले में अभियुक्त पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत अर्जी को सत्र न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय (Sessions Judge Sanjay Shankar Pandey)ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने अब तक की विवेचना पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि विवेचनाधिकारी सम्बंधित विभागों के उन जिम्मेदार अधिकारियों की मामले में जिम्मेदारी तय करने में असफल रहा है, जो अभियुक्तों के कृत्यों के प्रति अपनी आंखें मूंदे रहे हैं.

बता दें कि अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस के दौरान अभियोजन की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त नियमों को धता बताते हुए, बिना फायर सेफ्टी की उचित व्यवस्था किए और बिना आकस्मिक निकासी व प्रवेश की व्यवस्था किए होटल का संचालन हो रहा था. जिससे स्पष्ट है कि अभियुक्त को अच्छी तरह से पता था कि उसके इस कृत्य से कोई अप्रिय घटना हो सकती है. अभियोजन की ओर से यह भी कहा गया कि मामले की रिपोर्ट हजरतगंज के एसएसआई दया शंकर द्विवेदी ने 5 सितंबर 2022 को दर्ज कराते हुए कहा है कि सुबह सात बजे होटल लेवाना सुइट्स में आग लग गई थी. इसके बाद पुलिसकर्मियों, फायर फाइटर्स और एसडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. यह भी कहा गया कि इस घटना में चार व्यक्तियो की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई. इसके अलावा सात लोग घायल हो गए.

यह भी पढ़ें-12 साल पहले हुई हत्या के मामले में पिता और पुत्र समेत तीन को उम्रकैद
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस के अनुसार यह होटल बिना नक्शा पास कराए अवैध रूप से पाश इलाके में चलाया जा रहा था. जिस पर आसानी से जिम्मेदार अधिकारियों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया तथा वे आंख मूंद कर बैठे रहे और होटल में व्यवसायिक काम होता रहा. पवन अग्रवाल व सागर श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था.
यह भी पढ़ें- STF ने सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय सरगना समेत दो गिरफ्तार

लखनऊः राजधानी के हजरतगंज स्थित होटल लेवाना सुइट्स में आग (Levana hotel fire incident ) लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा कई लोगों के घायल हो जाने के मामले में होटल के निदेशक व मामले में अभियुक्त पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत अर्जी को सत्र न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय (Sessions Judge Sanjay Shankar Pandey)ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने अब तक की विवेचना पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि विवेचनाधिकारी सम्बंधित विभागों के उन जिम्मेदार अधिकारियों की मामले में जिम्मेदारी तय करने में असफल रहा है, जो अभियुक्तों के कृत्यों के प्रति अपनी आंखें मूंदे रहे हैं.

बता दें कि अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस के दौरान अभियोजन की ओर से दलील दी गई कि अभियुक्त नियमों को धता बताते हुए, बिना फायर सेफ्टी की उचित व्यवस्था किए और बिना आकस्मिक निकासी व प्रवेश की व्यवस्था किए होटल का संचालन हो रहा था. जिससे स्पष्ट है कि अभियुक्त को अच्छी तरह से पता था कि उसके इस कृत्य से कोई अप्रिय घटना हो सकती है. अभियोजन की ओर से यह भी कहा गया कि मामले की रिपोर्ट हजरतगंज के एसएसआई दया शंकर द्विवेदी ने 5 सितंबर 2022 को दर्ज कराते हुए कहा है कि सुबह सात बजे होटल लेवाना सुइट्स में आग लग गई थी. इसके बाद पुलिसकर्मियों, फायर फाइटर्स और एसडीआरएफ की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. यह भी कहा गया कि इस घटना में चार व्यक्तियो की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई. इसके अलावा सात लोग घायल हो गए.

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अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस के अनुसार यह होटल बिना नक्शा पास कराए अवैध रूप से पाश इलाके में चलाया जा रहा था. जिस पर आसानी से जिम्मेदार अधिकारियों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया तथा वे आंख मूंद कर बैठे रहे और होटल में व्यवसायिक काम होता रहा. पवन अग्रवाल व सागर श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था.
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