लखनऊ: ट्रेनों के पहियों से होकर लगने वाली आग पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ जंक्शन के पास हॉट एक्सल और हॉट बॉक्स डिटेक्टर (Hot axle and hot box detector at Lucknow Junction) लगाने की तैयारी कर रहा है. पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर जंक्शन पर सफल परीक्षण के बाद अब लखनऊ जंक्शन, बरेली और गोंडा समेत अन्य स्टेशनों के पास भी इस तरह का हॉट बॉक्स लगाने का रेलवे का प्लान है. इस हॉट बॉक्स डिटेक्टर से ट्रेनों के पहिये में लगने वाली आग की घटनाओं को पर काबू पाया जा सकेगा.
पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक हाई स्पीड ट्रेनों की बढ़ती आमद के बीच हॉट एक्सल व हॉट बॉक्स डिटेक्टर एक आवश्यक तकनीक हो गई है. रेलवे के सभी जोन इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यह मशीन 130 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर पास होने वाली ट्रेन के एक्सल व ह्वील पर फोकस कर तापमान को मापने में सक्षम है. इस मशीन के लगने से ट्रेनों की संरक्षा बेहतर हो सकेगी,
इस तरह करता है काम: अधिकारियों ने बताया कि यह डिटेक्टर दो-दो प्रॉक्सीमीटर सेंसर व इंफ्रा रेड सेंसर और एचबीडी बॉक्स के साथ तैयार किया गया है. प्रॉक्सीमीटर सेंसर ट्रेनों की स्पीड, किस दिशा में जा रही हैं और उनका कितना लोड है, इसकी डिटेल रेकॉर्ड करता है. इंफ्रा रेड सेंसर एक्सल और पहिये पर फोकस करते हुए तापमान के डेटा को रिकॉर्ड करता है. इन सारे संकेतों को ये दोनों सेंसर हॉट एक्सल व हॉट बॉक्स को भेजते हैं. किसी भी प्रकार की कमी पाने पर डिटेक्टर के सॉफ्टवेयर में दर्ज मोबाइल नंबरों पर अलर्ट जाता है.
अधिकारी बताते हैं कि पूर्वोत्तर रेलवे में पहली मशीन गोरखपुर जंक्शन के पास वाराणसी और लखनऊ रूट पर लगाई गई हैं. लखनऊ रूट पर इसी महीने लगे पहले स्कैनर ने अब तक 160 अलर्ट भेजा है. इस मशीन से अब तक 14 हजार से ज्यादा पहिये गुजर चुके हैं. इन सभी अलर्ट की मैनुअल जांच की गई और सारे तथ्य सही पाये गए. इसी से प्रेरित होकर अभय पूर्वोत्तर रेलवे अपने विभिन्न स्टेशनों पर इस तरह के बॉक्स लगाने का प्लान कर रहा है.
क्या कहते हैं रेलवे के अफसर: पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि हॉट एक्सल व हॉट बॉक्स डिटेक्टर का परीक्षण कामयाब रहा है. अब लखनऊ जंक्शन समेत अन्य स्टेशनों पर भी इसे लगाने की योजना पर अमल किया जा रहा है. यह संरक्षा से जुड़ा मामला है लिहाजा, इस पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है. आग लगने की घटनाओं पर अंकुश लगेगा जिससे यात्रियों की सुरक्षा और बेहतर हो सकेगी.
ये भी पढ़ें- रेलवे कॉलोनियों से अवैध कब्जा हटाया जाएगा, कराई जाएगी ऑडिटिंग