लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा परिषद के विभिन्न जिलों के एडेड स्कूलों में पढ़ा रहे तदर्थ शिक्षकों को अगस्त माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. दीपावली जैसे त्यौहार पर भी शिक्षक वेतन के लिए इंतजार में बैठे हैं. पूरे प्रदेश में करीब 2047 तदर्थ शिक्षक हैं. शिक्षा विभाग की ओर से इन शिक्षकों को वेतन जारी करने की प्रक्रिया में काफी उदासीनता दिखाई जा रही है. इस साल की शुरुआत से ही शिक्षकों के वेतन जारी करने को लेकर काफी दिक्कतें पैदा की गईं थीं.
प्रदेश में तदर्थ शिक्षकों की 2 कैटेगरी: प्रदेश के एडेड स्कूलों में दो तरह के तदर्थ शिक्षक पढ़ा रहे हैं. पहले वह शिक्षक हैं जिनकी नियुक्ति साल 2000 के पहले से हुई है. दूसरी कैटेगरी उन शिक्षकों की है, जिनकी नियुक्ति साल 2000 के बाद हुई. मौजूदा समय में साल 2000 से पहले वाले 950 और वर्ष 2000 के बाद वाले करीब 1100 शिक्षक मौजूदा समय में पढ़ा रहे हैं.
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बीते साल में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि साल 2000 पहले से वाले शिक्षक पढ़ा सकते हैं. वहीं, साल 2000 बाद के बाद नियुक्त शिक्षक अयोग्य है. उन्हें नौकरी पर रखने के लिए निर्धारित परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा. इसके बाद फिर कुछ शिक्षकों ने परीक्षा भी दी और वह चयनित होकर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं.
विभाग की ओर से शिक्षकों को हटाने का अभी तक कोई भी शासनादेश जारी नहीं किया गया है. मौजूदा समय में जो शिक्षक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं, इस साल की शुरुआत से ही उनके वेतन जारी करने में विभाग की ओर से लगातार लापरवाही की जा रही है.
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर आरपी मिश्रा ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ही शिक्षकों का वेतन लगातार रोका जा रहा है. पहले अप्रैल फिर जुलाई में वेतन रोका गया था. इसके बाद शिक्षक संघ में विभाग पर दबाव डालकर शिक्षकों का वेतन जारी कराया गया था. अब दिवाली जैसे त्यौहार अगले दो-तीन दिनों में है. इसके बाद भी विभाग ने शिक्षकों के वेतन को जारी नहीं किया है.
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