लखनऊ : विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी जीत का शनिवार को एक साल पूरा हो गया. भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के गठबंधन को 10 मार्च 2022 को हुई मतगणना में दोबारा शिकस्त देते हुए योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया था. प्रदेश की जनता ने भाजपा को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का अवसर आज ही के दिन दिया था. इस मौके पर कई पूर्वानुमान को भाजपा ने दरकिनार करते हुए उत्तर प्रदेश में एक बार फिर अपनी प्रचंड जीत दोहराई थी. इस वर्ष भाजपा एक बार फिर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. एक साल बाद हालात यह बने हैं कि समाजवादी पार्टी के साथ खड़े ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा के साथ नजर आ रहे हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर नए गठबंधन होते हुए नजर आएंगे.
उत्तर प्रदेश की जनता ने 10 मार्च 2022 को फिर से भाजपा को चुना था. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों में भाजपा गठबंधन को दो-तिहाई से ज्यादा सीटें मिली थीं. 37 साल बाद यूपी में किसी सीएम की अगुआई में दोबारा सरकार लौटी थी. भाजपा गठबंधन ने 274 सीटें जीती थीं. सपा 100 का आंकड़े से कुछ ही आगे पहुंच पाई थी. जबकि बसपा व कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच गई थीं. सीधी लड़ाई में जहां भाजपा गठबंधन को 45% से अधिक वोट मिले थे. वहीं, दूसरे नंबर पर रहा सपा गठबंधन 36% वोट हासिल कर सका था. बीजेपी के 10 नेताओं ने एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. साहिबाबाद सीट से सुनील कुमार शर्मा ने तो सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए थे. वह 2 लाख 14 हजार 835 वोटों के अंतर से विजयी हुए थे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सदर सीट से 1.04 लाख से अधिक सीट दर्ज की थी. 2003 के बाद योगी आदित्यनाथ पहले सीएम बने थे जो कि विधानसभा के सदस्य थे.
भारतीय जनता पार्टी इस मौके पर कोई औपचारिक आयोजन नहीं कर रही है. सरकार के शपथ ग्रहण का एक साल पूरा होने के मौके पर 24 या 25 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रेस वार्ता करके अपने एक साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने प्रस्तुत करेंगे. यह बात दीगर है कि भारतीय जनता पार्टी की इस दौरान अपने नए अभियान में जुटी हुई है. बूथ सशक्तिकरण अभियान के तहत पन्ना प्रमुख बनाने का काम तेजी से चल रहा है. जिसके जरिए भाजपा लोकसभा चुनावों निकाय चुनाव में और मजबूती से उतरने को तैयार है.
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