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शहाबुद्दीन गैंग ने की थी वीरेंद्र ठाकुर की हत्या, गुर्गे और दोस्त से गद्दारी बनी वजह! - बिहार शहाबुद्दीन गैंग

राजधानी में बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या बिहार के माफिया एवं पूर्व सांसद शहाबुद्दीन गैंग ने की है. इस हत्याकांड में शहाबुद्दीन गैंग का नाम आने के बाद अब पुलिस घटना की जांच बड़ी सतर्कता से कर रही है.

मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र ठाकुर
मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र ठाकुर
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Published : Jun 27, 2022, 9:25 AM IST

Updated : Jun 27, 2022, 2:02 PM IST

लखनऊ: राजधानी में बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या बिहार के माफिया एवं पूर्व सांसद शहाबुद्दीन गैंग ने की है. यही नहीं यह हत्या रेलवे के किसी ठेके को लेकर नहीं, बल्कि अपने लोगों से गद्दारी करने पर की है. ठाकुर ने अपने ही दोस्त की प्रेमिका और दुश्मन की बहन से शादी कर ली और अपनी मौत की स्क्रिप्ट लिखवा ली थी. लखनऊ के इस हत्याकांड में शहाबुद्दीन गैंग का नाम आने के बाद अब पुलिस भी घटना की इन्वेस्टिगेशन फूंक-फूंककर कर रही है. ईटीवी भारत आपको बताएगा वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की अय्यासी से लेकर उसकी हत्या तक की कहानी.

25 जून को लखनऊ के निलमथा इलाकें में दिनदहाड़े हुई रेलवे ठेकेदार की हत्या के मामलें में लखनऊ पुलिस को जांच में पता चला है कि दिव्यांग रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या शहाबुद्दीन गैंग के शूटर फिरदौस ने करवाई है. वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी खुसबुन तारा ने कैंट थाने में वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसके पति बिट्टू जायसवाल और फिरदौस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने अब तक जो जांच की है उसके मुताबिक, वीरेंद्र की हत्या का नामजद आरोपी फिरदौस, अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाला व बिहार में खौफ का दूसरा नाम रह चुका शहाबुद्दीन का सबसे खास शूटर रईस खान के लिए काम करता था. फिरदौस ने ही चार साथियों के साथ मिलकर लखनऊ की सुरक्षा के लिहाज से सबसे सेफ आर्मी एरिया में घुसकर वीरेंद्र ठाकुर पर गोलियां बरसाकर हत्या कर दी.

14 साल पहले मौत की लिखी गई थी स्क्रिप्ट
यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में 500 करोड़ के रेलवे ठेकों पर राज कर रहे वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की मौत की स्क्रिप्ट लिखने की शुरुआत 14 साल पहले यानी 2008 में हुई थी. बिहार के नरकटियागंज जिले की रहने वाली प्रियंका एसएस शर्मा पब्लिक स्कूल में पढ़ रही थी और इसी दौरान स्कूल के रास्ते में पड़ने वाली पान की दुकान चलाने वाले बिट्टू जायसवाल को उसने दिल दे दिया. दोनों का प्यार परवान चढ़ा और अब दोनों किसी हाल में एक-दूसरे के साथ जीवन बिताना चाह रहे थे. बिट्टू की दुकान पर पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण में दबदबा कायम कर चुके हिस्ट्रीशीटर गोरख ठाकुर उर्फ वीरेंद्र का आना-जाना लगा रहता था. लेकिन, बिहार पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते वो लखनऊ भाग आया और वीरेंद्र ठाकुर के नाम से रहने लगा. इसी दौरान बिट्टू भी प्रियंका को लेकर लखनऊ आ आया. बिट्टू ने गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर से पनाह मांगी.

चेले की बीवी को ठाकुर ने बनाई खुद की पत्नी
बिहार में पान की दुकान में गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर को पान में चूना लगाकर खिलाने वाले बिट्टू को क्या पता था कि जिससे वो पनाह ले रहा है, वहीं उसको चूना लगा देगा. गोरख ने बिट्टू और प्रियंका को पनाह तो दे दी. लेकिन, उसकी नजर प्रियंका पर पड़ गई थी. लिहाज उसने बिट्टू को अपने घर से भगा दिया और प्रियंका से जबरन शादी कर ली. गोरख का डर इस कदर था कि न ही बिट्टू को कुछ कर पाया और न ही प्रियंका बोल पाई. ऐसे में अब बिट्टू किसी भी हाल में वीरेंद्र ठाकुर से बदला लेना चाहता था.

चेले की बीवी के बाद गुर्गे की बहन से की दिल्लगी
वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की एफआईआर में प्रियंका व बिट्टू के अलावा फिरदौस को नामजद किया गया है. प्रियंका, बिट्टू की शुरुआत की कहानी तो समझ में आ गई. अब इस तीसरे किरदार फिरदौस की भी कहानी दिलचस्प है. वीरेंद्र की हत्या के प्रयास के मुख्य आरोपी फिरदौस ने बिहार के बेतिया जिले में 2015 में बालू खनन का ठेका पाने के लिए ठेकेदार रईस खान के कहने पर एक ठेकेदार को गोली मार दी थी.

बिहार की पुलिस अब फिरदौस के पीछे पड़ गई तो वो लखनऊ में पढ़ाई कर रही अपनी चचेरी बहन खुशबुन तारा के पास छिपने आया. लेकिन, वहां वो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा था. लिहाजा, उसने गोरख ठाकुर जो लखनऊ में अब वीरेंद्र ठाकुर बन चुका था, उसकी पनाह में आ गया. फिरदौस कभी-कभी अपनी बहन खुसबुन तारा के पास जाता था तो गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर भी साथ चला जाता था. धीरे-धीरे फिरदौस से ज्यादा गोरख उसके घर जाने लगा था. यही नहीं उसने अपने रुतबे के दम पर खुशबुन को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया.

चेले व गुर्गे ने बीवी के साथ मिलकर लिखी हत्या की स्क्रिप्ट
दोस्त की मोहब्बत और गुर्गे की बहन को अपने प्यार के जाल में फंसाने के बाद अब गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर के दो दुश्मन और बढ़ गए थे. बस अब कमी थी इन दोनों दुश्मनों के मिलने की. फिरदौस ये कभी नहीं चाहता था कि उसकी बहन दूसरे धर्म के आदमी के साथ संबंध में रहे खासकर गोरख ठाकुर के तो बिल्कुल नहीं. लेकिन, उसी के सामने गोरख उसकी बहन के साथ घूम रहा था. इसी बीच में फिरदौस को गोरख की पहली पत्नी प्रियंका और उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल के बारे में पता चला तो उसने पहले बिट्टू से संपर्क किया. इसके बाद गोरख की पत्नी प्रियंका को खुशबुन और गोरख की प्यार-मोहब्बत की कहानी बताकर उसे भी अपनी तरफ मिला लिया.

अब फिरदौस, बिट्टू व प्रियंका ने गोरख की हत्या करने की स्क्रिप्ट का क्लामेक्स लिख दिया था. फिरदौस को ये पता था कि गोरख से लड़कियां दिखाकर कुछ भी कराया जा सकता है. इसलिए उसने कोलकाता की दो लड़कियों से वीडियो चैट करवाकर गोरख को किसी तरह लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन में आने के लिए तैयार कर लिया. 2 जुलाई 2019 को स्क्रिप्ट के मुताबिक, प्रियंका गोरख को लेकर चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची. गोरख प्रियंका को बाहर ही रोककर छोटी लाइन की पार्किंग की ओर लड़कियों से मिलने के लिए जैसे ही पहुंचा, वैसे ही वहां पहले से घात लगाए फिरदौस के शूटर ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. फायरिंग में गोरख की जान तो बच गई. लेकिन, पीठ में तीन बुलेट लगने से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और हमेशा के लिए अपाहिज हो गया. इस गोलीकांड की एफआईआर प्रियंका ने चारबाग जीआरपी थाने में लिखवाई थी.

पहली गोलीकांड से डर गया था गोरख
गोरख भले ही गोलीकांड के बाद अपाहिज हो गया था. लेकिन, अभी भी उसके लोग उसके साथ काम कर रहे थे. इसलिए प्रियंका को मालूम था कि एक न एक दिन गोरख को ये पता चल जाएगा कि इस घटना के पीछे वह भी थी. लिहाजा, अब वो भागने की फिराख में थी. गोरख रीढ़ की हड्डी का इलाज करवाने के लिए प्रियंका के साथ ही जाता था. लेकिन, जनवरी 2021 में फिरदौस के कहने पर ख़ुशबुन गोरख के साथ दिल्ली गई और प्रियंका अपने पुराने प्रेमी बिट्टू के साथ भाग गई. गोरख गोलीकांड के बाद दहशत में रहने लगा था. यही नहीं अचानक प्रियंका के भाग जाने पर वो और डर गया था. इसके लिए उसने लखनऊ के निलमथा में किलानुमा घर बनवाया था, वहां उसने सीसीटीवी कैमरा हर कोने में लगवा दिए और हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को घर में तैनात कर दिया और खुशबुन तारा से शादी भी कर ली.

पुलिस की वर्दी में खास मकसद से आये थे हत्यारे
लखनऊ पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख लखनऊ में ही रहकर बिहार में अपना सिक्का जमाए हुए था. साल 2021 में शहाबुद्दीन की मौत के बाद गुर्गा फिरदौस अब कमजोर पड़ने लगा था. बिहार में ठेकों में पहले से ही गोरख फिरदौस के आड़े आ रहा था और अब तो उसकी बहन से उसने शादी भी कर ली थी. इसलिए फिरदौस ने एक बार फिर प्रियंका व बिट्टू को मिलाकर गोरख की हत्या की साजिश रची. प्रियंका को पता था कि गोरख पुलिस के अलावा किसी को भी अपने किलेनुमा घर के अंदर घुसने नहीं देगा. इसलिए फिरदौस ने शूटरों को बिहार पुलिस की वर्दी में लखनऊ भेजा था. हत्याकांड की एफआईआर दर्ज कराने वाली गोरख की पत्नी खुशबुन ने प्रियंका, बिट्टू व फिरदौस को नामजद किया. इंस्पेक्टर कैंट के मुताबिक, टीम गठित की गई है. एक टीम को बिहार भेज दिया गया है. जल्द ही इस हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: दिनदहाड़े प्रधान के बेटे की गोली मारकर हत्या, परिजनों ने घंटों किया हंगामा

प्रियंका बिहार में हुई बिट्टू के साथ फरार
वीरेंद्र ठाकुर हत्याकांड में लखनऊ पुलिस जांच करने व मुख्य आरोपियों की धड़पकड़ करने के लिए बिहार रवाना हो गई है. लेकिन, उससे पहले लखनऊ पुलिस ने बिहार पुलिस को प्रियंका के नरकटियागंज स्थित घर भेजा तो पता चला कि वो वहां से फरार हो गई है.

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लखनऊ: राजधानी में बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या बिहार के माफिया एवं पूर्व सांसद शहाबुद्दीन गैंग ने की है. यही नहीं यह हत्या रेलवे के किसी ठेके को लेकर नहीं, बल्कि अपने लोगों से गद्दारी करने पर की है. ठाकुर ने अपने ही दोस्त की प्रेमिका और दुश्मन की बहन से शादी कर ली और अपनी मौत की स्क्रिप्ट लिखवा ली थी. लखनऊ के इस हत्याकांड में शहाबुद्दीन गैंग का नाम आने के बाद अब पुलिस भी घटना की इन्वेस्टिगेशन फूंक-फूंककर कर रही है. ईटीवी भारत आपको बताएगा वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की अय्यासी से लेकर उसकी हत्या तक की कहानी.

25 जून को लखनऊ के निलमथा इलाकें में दिनदहाड़े हुई रेलवे ठेकेदार की हत्या के मामलें में लखनऊ पुलिस को जांच में पता चला है कि दिव्यांग रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या शहाबुद्दीन गैंग के शूटर फिरदौस ने करवाई है. वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी खुसबुन तारा ने कैंट थाने में वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका, उसके पति बिट्टू जायसवाल और फिरदौस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने अब तक जो जांच की है उसके मुताबिक, वीरेंद्र की हत्या का नामजद आरोपी फिरदौस, अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाला व बिहार में खौफ का दूसरा नाम रह चुका शहाबुद्दीन का सबसे खास शूटर रईस खान के लिए काम करता था. फिरदौस ने ही चार साथियों के साथ मिलकर लखनऊ की सुरक्षा के लिहाज से सबसे सेफ आर्मी एरिया में घुसकर वीरेंद्र ठाकुर पर गोलियां बरसाकर हत्या कर दी.

14 साल पहले मौत की लिखी गई थी स्क्रिप्ट
यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में 500 करोड़ के रेलवे ठेकों पर राज कर रहे वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की मौत की स्क्रिप्ट लिखने की शुरुआत 14 साल पहले यानी 2008 में हुई थी. बिहार के नरकटियागंज जिले की रहने वाली प्रियंका एसएस शर्मा पब्लिक स्कूल में पढ़ रही थी और इसी दौरान स्कूल के रास्ते में पड़ने वाली पान की दुकान चलाने वाले बिट्टू जायसवाल को उसने दिल दे दिया. दोनों का प्यार परवान चढ़ा और अब दोनों किसी हाल में एक-दूसरे के साथ जीवन बिताना चाह रहे थे. बिट्टू की दुकान पर पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण में दबदबा कायम कर चुके हिस्ट्रीशीटर गोरख ठाकुर उर्फ वीरेंद्र का आना-जाना लगा रहता था. लेकिन, बिहार पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते वो लखनऊ भाग आया और वीरेंद्र ठाकुर के नाम से रहने लगा. इसी दौरान बिट्टू भी प्रियंका को लेकर लखनऊ आ आया. बिट्टू ने गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर से पनाह मांगी.

चेले की बीवी को ठाकुर ने बनाई खुद की पत्नी
बिहार में पान की दुकान में गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर को पान में चूना लगाकर खिलाने वाले बिट्टू को क्या पता था कि जिससे वो पनाह ले रहा है, वहीं उसको चूना लगा देगा. गोरख ने बिट्टू और प्रियंका को पनाह तो दे दी. लेकिन, उसकी नजर प्रियंका पर पड़ गई थी. लिहाज उसने बिट्टू को अपने घर से भगा दिया और प्रियंका से जबरन शादी कर ली. गोरख का डर इस कदर था कि न ही बिट्टू को कुछ कर पाया और न ही प्रियंका बोल पाई. ऐसे में अब बिट्टू किसी भी हाल में वीरेंद्र ठाकुर से बदला लेना चाहता था.

चेले की बीवी के बाद गुर्गे की बहन से की दिल्लगी
वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की एफआईआर में प्रियंका व बिट्टू के अलावा फिरदौस को नामजद किया गया है. प्रियंका, बिट्टू की शुरुआत की कहानी तो समझ में आ गई. अब इस तीसरे किरदार फिरदौस की भी कहानी दिलचस्प है. वीरेंद्र की हत्या के प्रयास के मुख्य आरोपी फिरदौस ने बिहार के बेतिया जिले में 2015 में बालू खनन का ठेका पाने के लिए ठेकेदार रईस खान के कहने पर एक ठेकेदार को गोली मार दी थी.

बिहार की पुलिस अब फिरदौस के पीछे पड़ गई तो वो लखनऊ में पढ़ाई कर रही अपनी चचेरी बहन खुशबुन तारा के पास छिपने आया. लेकिन, वहां वो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा था. लिहाजा, उसने गोरख ठाकुर जो लखनऊ में अब वीरेंद्र ठाकुर बन चुका था, उसकी पनाह में आ गया. फिरदौस कभी-कभी अपनी बहन खुसबुन तारा के पास जाता था तो गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर भी साथ चला जाता था. धीरे-धीरे फिरदौस से ज्यादा गोरख उसके घर जाने लगा था. यही नहीं उसने अपने रुतबे के दम पर खुशबुन को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया.

चेले व गुर्गे ने बीवी के साथ मिलकर लिखी हत्या की स्क्रिप्ट
दोस्त की मोहब्बत और गुर्गे की बहन को अपने प्यार के जाल में फंसाने के बाद अब गोरख उर्फ वीरेंद्र ठाकुर के दो दुश्मन और बढ़ गए थे. बस अब कमी थी इन दोनों दुश्मनों के मिलने की. फिरदौस ये कभी नहीं चाहता था कि उसकी बहन दूसरे धर्म के आदमी के साथ संबंध में रहे खासकर गोरख ठाकुर के तो बिल्कुल नहीं. लेकिन, उसी के सामने गोरख उसकी बहन के साथ घूम रहा था. इसी बीच में फिरदौस को गोरख की पहली पत्नी प्रियंका और उसके प्रेमी बिट्टू जायसवाल के बारे में पता चला तो उसने पहले बिट्टू से संपर्क किया. इसके बाद गोरख की पत्नी प्रियंका को खुशबुन और गोरख की प्यार-मोहब्बत की कहानी बताकर उसे भी अपनी तरफ मिला लिया.

अब फिरदौस, बिट्टू व प्रियंका ने गोरख की हत्या करने की स्क्रिप्ट का क्लामेक्स लिख दिया था. फिरदौस को ये पता था कि गोरख से लड़कियां दिखाकर कुछ भी कराया जा सकता है. इसलिए उसने कोलकाता की दो लड़कियों से वीडियो चैट करवाकर गोरख को किसी तरह लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन में आने के लिए तैयार कर लिया. 2 जुलाई 2019 को स्क्रिप्ट के मुताबिक, प्रियंका गोरख को लेकर चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची. गोरख प्रियंका को बाहर ही रोककर छोटी लाइन की पार्किंग की ओर लड़कियों से मिलने के लिए जैसे ही पहुंचा, वैसे ही वहां पहले से घात लगाए फिरदौस के शूटर ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. फायरिंग में गोरख की जान तो बच गई. लेकिन, पीठ में तीन बुलेट लगने से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और हमेशा के लिए अपाहिज हो गया. इस गोलीकांड की एफआईआर प्रियंका ने चारबाग जीआरपी थाने में लिखवाई थी.

पहली गोलीकांड से डर गया था गोरख
गोरख भले ही गोलीकांड के बाद अपाहिज हो गया था. लेकिन, अभी भी उसके लोग उसके साथ काम कर रहे थे. इसलिए प्रियंका को मालूम था कि एक न एक दिन गोरख को ये पता चल जाएगा कि इस घटना के पीछे वह भी थी. लिहाजा, अब वो भागने की फिराख में थी. गोरख रीढ़ की हड्डी का इलाज करवाने के लिए प्रियंका के साथ ही जाता था. लेकिन, जनवरी 2021 में फिरदौस के कहने पर ख़ुशबुन गोरख के साथ दिल्ली गई और प्रियंका अपने पुराने प्रेमी बिट्टू के साथ भाग गई. गोरख गोलीकांड के बाद दहशत में रहने लगा था. यही नहीं अचानक प्रियंका के भाग जाने पर वो और डर गया था. इसके लिए उसने लखनऊ के निलमथा में किलानुमा घर बनवाया था, वहां उसने सीसीटीवी कैमरा हर कोने में लगवा दिए और हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को घर में तैनात कर दिया और खुशबुन तारा से शादी भी कर ली.

पुलिस की वर्दी में खास मकसद से आये थे हत्यारे
लखनऊ पुलिस के मुताबिक, वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख लखनऊ में ही रहकर बिहार में अपना सिक्का जमाए हुए था. साल 2021 में शहाबुद्दीन की मौत के बाद गुर्गा फिरदौस अब कमजोर पड़ने लगा था. बिहार में ठेकों में पहले से ही गोरख फिरदौस के आड़े आ रहा था और अब तो उसकी बहन से उसने शादी भी कर ली थी. इसलिए फिरदौस ने एक बार फिर प्रियंका व बिट्टू को मिलाकर गोरख की हत्या की साजिश रची. प्रियंका को पता था कि गोरख पुलिस के अलावा किसी को भी अपने किलेनुमा घर के अंदर घुसने नहीं देगा. इसलिए फिरदौस ने शूटरों को बिहार पुलिस की वर्दी में लखनऊ भेजा था. हत्याकांड की एफआईआर दर्ज कराने वाली गोरख की पत्नी खुशबुन ने प्रियंका, बिट्टू व फिरदौस को नामजद किया. इंस्पेक्टर कैंट के मुताबिक, टीम गठित की गई है. एक टीम को बिहार भेज दिया गया है. जल्द ही इस हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा.

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प्रियंका बिहार में हुई बिट्टू के साथ फरार
वीरेंद्र ठाकुर हत्याकांड में लखनऊ पुलिस जांच करने व मुख्य आरोपियों की धड़पकड़ करने के लिए बिहार रवाना हो गई है. लेकिन, उससे पहले लखनऊ पुलिस ने बिहार पुलिस को प्रियंका के नरकटियागंज स्थित घर भेजा तो पता चला कि वो वहां से फरार हो गई है.

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Last Updated : Jun 27, 2022, 2:02 PM IST
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