ETV Bharat / state

अदब की सरजमी लखनऊ में देखने को मिल रहा हिंदू-मुस्लिम भाईचारा

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मोहर्रम के मौके पर हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर ताजिए और जरी तैयार कर रहे हैं. दोनों धर्मों के लोगों ने मिलकर इस दौरान गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल पेश की है.

हिंदू मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर तैयार कर रहें ताजिए और जरी.
author img

By

Published : Sep 1, 2019, 9:41 PM IST

लखनऊः हिंदुस्तान हमेशा से पूरी दुनिया में अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए पहचाना जाता है. जिसकी ताजा मिसाल इन दिनों अदब की सरजमी लखनऊ में देखने को मिल रही है. जहां मोहर्रम के दौरान हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर इमाम हुसैन की याद में बनाए जाने वाले ताजिए और जरी तैयार कर रहे हैं.

हिंदू-मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे ताजिए और जरी.

इसे भी पढ़ें- मऊ में नहीं उठेगा ताजिया जुलूस, जानिये क्या है वजह

अदब की सरजमी लखनऊ में भाईचारा-
हिंदुस्तान को हमेशा से विभिन्न धर्मों का गुलदस्ता कहा जाता है. जहां पर सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर कई सदियों से रहते आए हैं और एक-दूसरे के सुख-दुख और त्योहारों में बड़ी अकीदत से शरीक होते रहे हैं. जिसकी मिसाल इन दिनों राजधानी में देखने को मिल रही है. जहां पर मोहर्रम के ताजिए और जरी हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर तैयार कर रहे हैं.

यह काम हमारा रोजी-रोटी ही नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक भी हैं. जिसको हम बड़ी ही अकीदत और एहतराम के साथ पिछले कई सालों से कर रहे हैं.
-रंगी लाल, कारीगर

धर्मों के नाम पर लोगों को बांटने वाली सियासत से सभी को दूर रहना चाहिए. कोई भी धर्म लड़ने और झगड़ने की शिक्षा नहीं बल्कि एक साथ मिलकर एक-दूसरे के सुख-दुख में रहने की सीख देता है.
-मुन्ना, कारीगर

लखनऊः हिंदुस्तान हमेशा से पूरी दुनिया में अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए पहचाना जाता है. जिसकी ताजा मिसाल इन दिनों अदब की सरजमी लखनऊ में देखने को मिल रही है. जहां मोहर्रम के दौरान हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर इमाम हुसैन की याद में बनाए जाने वाले ताजिए और जरी तैयार कर रहे हैं.

हिंदू-मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे ताजिए और जरी.

इसे भी पढ़ें- मऊ में नहीं उठेगा ताजिया जुलूस, जानिये क्या है वजह

अदब की सरजमी लखनऊ में भाईचारा-
हिंदुस्तान को हमेशा से विभिन्न धर्मों का गुलदस्ता कहा जाता है. जहां पर सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर कई सदियों से रहते आए हैं और एक-दूसरे के सुख-दुख और त्योहारों में बड़ी अकीदत से शरीक होते रहे हैं. जिसकी मिसाल इन दिनों राजधानी में देखने को मिल रही है. जहां पर मोहर्रम के ताजिए और जरी हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर तैयार कर रहे हैं.

यह काम हमारा रोजी-रोटी ही नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक भी हैं. जिसको हम बड़ी ही अकीदत और एहतराम के साथ पिछले कई सालों से कर रहे हैं.
-रंगी लाल, कारीगर

धर्मों के नाम पर लोगों को बांटने वाली सियासत से सभी को दूर रहना चाहिए. कोई भी धर्म लड़ने और झगड़ने की शिक्षा नहीं बल्कि एक साथ मिलकर एक-दूसरे के सुख-दुख में रहने की सीख देता है.
-मुन्ना, कारीगर

Intro:हिंदुस्तान हमेशा से पूरी दुनिया में अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए पहचाना जाता है जिसकी ताजा मिसाल इन दिनों अदब की सरजमी लखनऊ में मोहर्रम के दौरान भी देखने को मिल रही है जहाँ हिंदू मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर इमाम हुसैन की याद में बनाए जाने वाले ताजिए और जरी तैयार करते नजर आ रहे हैं।


Body:हिंदुस्तान को हमेशा से विभिन्न धर्मों का गुलदस्ता कहा जाता है जहां पर सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर कई सदियों से रहते आए हैं और एक दूसरे के सुख दुख और त्योहारों में बड़ी अकीदत से शरीक होते रहे हैं जिसकी मिसाल इन दिनों अदब की सरजमी लखनऊ में देखने को मिल रही है जहां पर मोहर्रम के ताजिए और जरी हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर तैयार करते नजर आ रहे हैं। हिन्दू धर्म से आने वाले रंगीलाल कहते हैं कि यह काम हमारा रोजी-रोटी ही नहीं बल्कि हिंदू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक भी है जिसको हम बड़ी ही अकीदत और एहतराम के साथ पिछले कई सालों से कर रहे हैं तो वहीं मुस्लिम कारीगर मुन्ना बताते हैं कि धर्मों के नाम पर लोगों को बांटने वाली सियासत से सभी को दूर रहना चाहिए क्योंकि कोई भी धर्म लड़ने और झगड़ने की शिक्षा नहीं बल्कि एक साथ मिलकर आपस में एक दूसरे के सुख दुख में रहने की सीख देता है।

बाइट- मुन्ना, ताज़िया कारीगर
बाइट2- रंगी लाल, ताज़िया कारीगर


Conclusion:गौरतलब है कि लखनऊ में बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम भी मुसलमानों के साथ मिलकर ताजिए और जरी काफी वर्षो से तैयार करते आ रहे हैं जो पूरी दुनिया में हिंदू मुस्लिम भाईचारे की बेहतरीन मिसाल भी मानी जाती है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.