लखनऊः हिंदुस्तान हमेशा से पूरी दुनिया में अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए पहचाना जाता है. जिसकी ताजा मिसाल इन दिनों अदब की सरजमी लखनऊ में देखने को मिल रही है. जहां मोहर्रम के दौरान हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर इमाम हुसैन की याद में बनाए जाने वाले ताजिए और जरी तैयार कर रहे हैं.
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अदब की सरजमी लखनऊ में भाईचारा-
हिंदुस्तान को हमेशा से विभिन्न धर्मों का गुलदस्ता कहा जाता है. जहां पर सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर कई सदियों से रहते आए हैं और एक-दूसरे के सुख-दुख और त्योहारों में बड़ी अकीदत से शरीक होते रहे हैं. जिसकी मिसाल इन दिनों राजधानी में देखने को मिल रही है. जहां पर मोहर्रम के ताजिए और जरी हिंदू-मुस्लिम कारीगर एक साथ मिलकर तैयार कर रहे हैं.
यह काम हमारा रोजी-रोटी ही नहीं, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक भी हैं. जिसको हम बड़ी ही अकीदत और एहतराम के साथ पिछले कई सालों से कर रहे हैं.
-रंगी लाल, कारीगर
धर्मों के नाम पर लोगों को बांटने वाली सियासत से सभी को दूर रहना चाहिए. कोई भी धर्म लड़ने और झगड़ने की शिक्षा नहीं बल्कि एक साथ मिलकर एक-दूसरे के सुख-दुख में रहने की सीख देता है.
-मुन्ना, कारीगर