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कभी जूते खरीदने को पैसे नहीं थे, आज दिग्गज शू कंपनी ने हिमादास के नाम से प्रोडेक्ट किया लांच - sports news

उसने विश्व में इतिहास रच दिया, उसने 21 दिन में 6 गोल्ड जीते, कौन नहीं उसको जानता. असम के एक साधारण-गरीब परिवार में जन्मी लड़की ने चुनौतियों को स्वीकार किया. आज लोग उसको उड़न परी कहते हैं.

हिमादास ने रचा इतिहास.
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Published : Jul 27, 2019, 9:04 PM IST

Updated : Jul 28, 2019, 2:41 AM IST

लखनऊ: चैंपियंस अलग होते हैं, वे सबसे अलग सोचते हैं, यह सोच जब रंग लाती है, तो इतिहास बन जाता है. भारत की ऐसी ही एक चैंपियन ने विश्व में इतिहास रच दिया, जिसका नाम है हिमादास. खेल की दुनिया में धावक हिमादास ने चेक गणराज्य में आयोजित ट्रैक एंड फील्ड प्रतिस्पर्धा में 21 दिन के अंदर 6 स्वर्ण पदक जीतकर एक ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसने विश्व मानचित्र पर भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.

हिमादास ने रचा इतिहास.

इतना ही नहीं विश्व की एक जूता बनाने वाली प्रतिष्ठित कंपनी ने अपना एक प्रोडेक्ट हिमादास के नाम से बाजार में उतारा है. हिमादास जकार्ता एशियन गेम्स से पहली बार दुनिया की नजरों में आई, लेकिन आज वो हर किसी की आंख का तारा बन गईं.

  • Many many congratulations on the 5 🥇Medals you have won in Europe over the last 20 days, @HimaDas8!
    Wishing you the best for your future races.
    Keep up the hard work. pic.twitter.com/iBsOZai4UR

    — VINOD KAMBLI (@vinodkambli349) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • हमारी प्यारी @HimaDas8!!! आपने अपनी शानदार जीत और स्वर्ण पदकों से हम भारतीयों का मस्तशक गर्व से हिमालय से भी ऊँचा कर दिया है। आपकी जीत हमारे देश की हर नव युवती के सपनो को एक उड़ान देगा। ऐसे ही आगे बढ़ती रहो। 130 करोड़ देशवासियों का प्रेम और आशीर्वाद आपकी साथ है। जय हो।😍👏🇮🇳 pic.twitter.com/FTKlRWtMCb

    — Anupam Kher (@AnupamPKher) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

असम के नगांव जिले के कांधूलिमारी गांव में एक साधारण और गरीब परिवार में जन्मी इस ढिंग एक्सप्रेस ने अपनी दौड़ की शुरुआत नंगे पैर ही की थी.

  • तुम दौड़ो @HimaDas8 जमकर दौड़ो,करोड़ों भारतपुत्रियो के अधूरे सपने अपने पैरों में बाँधकर दौडो..दौडो कि भारत की हर बेटी के हिस्से की ज़मीन तुम्हे अपने क़दमों से नापनी है...दौड़ो कि तुम्हारे सामान्य से घर की मज़बूत नींव में तुम्हारी जिजीविषा का आधार है ! हिंदुस्तान ज़िंदाबाद 😍🇮🇳🙏 pic.twitter.com/ey8qr20bdt

    — Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसके बाद जैसे-जैसे वे रेसिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगीं तो सस्ते जूते पहनने लगीं.

  • India is very proud of @HimaDas8’s phenomenal achievements over the last few days. Everyone is absolutely delighted that she has brought home five medals in various tournaments. Congratulations to her and best wishes for her future endeavours.

    — Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आज हिमादास दुनिया की नजरों में बदल चुकी हैं. अब उन्हें लोग उड़न परी हिमादास के नाम से भी पुकारते हैं.

लखनऊ: चैंपियंस अलग होते हैं, वे सबसे अलग सोचते हैं, यह सोच जब रंग लाती है, तो इतिहास बन जाता है. भारत की ऐसी ही एक चैंपियन ने विश्व में इतिहास रच दिया, जिसका नाम है हिमादास. खेल की दुनिया में धावक हिमादास ने चेक गणराज्य में आयोजित ट्रैक एंड फील्ड प्रतिस्पर्धा में 21 दिन के अंदर 6 स्वर्ण पदक जीतकर एक ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसने विश्व मानचित्र पर भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.

हिमादास ने रचा इतिहास.

इतना ही नहीं विश्व की एक जूता बनाने वाली प्रतिष्ठित कंपनी ने अपना एक प्रोडेक्ट हिमादास के नाम से बाजार में उतारा है. हिमादास जकार्ता एशियन गेम्स से पहली बार दुनिया की नजरों में आई, लेकिन आज वो हर किसी की आंख का तारा बन गईं.

  • Many many congratulations on the 5 🥇Medals you have won in Europe over the last 20 days, @HimaDas8!
    Wishing you the best for your future races.
    Keep up the hard work. pic.twitter.com/iBsOZai4UR

    — VINOD KAMBLI (@vinodkambli349) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • हमारी प्यारी @HimaDas8!!! आपने अपनी शानदार जीत और स्वर्ण पदकों से हम भारतीयों का मस्तशक गर्व से हिमालय से भी ऊँचा कर दिया है। आपकी जीत हमारे देश की हर नव युवती के सपनो को एक उड़ान देगा। ऐसे ही आगे बढ़ती रहो। 130 करोड़ देशवासियों का प्रेम और आशीर्वाद आपकी साथ है। जय हो।😍👏🇮🇳 pic.twitter.com/FTKlRWtMCb

    — Anupam Kher (@AnupamPKher) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

असम के नगांव जिले के कांधूलिमारी गांव में एक साधारण और गरीब परिवार में जन्मी इस ढिंग एक्सप्रेस ने अपनी दौड़ की शुरुआत नंगे पैर ही की थी.

  • तुम दौड़ो @HimaDas8 जमकर दौड़ो,करोड़ों भारतपुत्रियो के अधूरे सपने अपने पैरों में बाँधकर दौडो..दौडो कि भारत की हर बेटी के हिस्से की ज़मीन तुम्हे अपने क़दमों से नापनी है...दौड़ो कि तुम्हारे सामान्य से घर की मज़बूत नींव में तुम्हारी जिजीविषा का आधार है ! हिंदुस्तान ज़िंदाबाद 😍🇮🇳🙏 pic.twitter.com/ey8qr20bdt

    — Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसके बाद जैसे-जैसे वे रेसिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगीं तो सस्ते जूते पहनने लगीं.

  • India is very proud of @HimaDas8’s phenomenal achievements over the last few days. Everyone is absolutely delighted that she has brought home five medals in various tournaments. Congratulations to her and best wishes for her future endeavours.

    — Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आज हिमादास दुनिया की नजरों में बदल चुकी हैं. अब उन्हें लोग उड़न परी हिमादास के नाम से भी पुकारते हैं.

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vivek Awasthi



कभी जूते खरीदने को पैसे नहीं थे हिमादास के पास, आज दिग्गज शू कंपनी उनके नाम से बेच रही जूते 


Conclusion:
Last Updated : Jul 28, 2019, 2:41 AM IST
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