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UP Budget 2022: युवाओं को जॉब क्रिएटर बनाएगी योगी सरकार, 140 करोड़ से संवरेगी अयोध्या

यूपी सरकार ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश कर दिया. वर्ष 2022-23 का यह बजट यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है. इस बजट में युवाओं के लिए रोजगार व इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़ा हिस्सा प्रस्तावित किया गया है.

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UP Budget 2022
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Published : May 26, 2022, 7:50 PM IST

लखनऊ : गुरुवार को सीएम योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने यूपी का वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश कर दिया. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए योगी सरकार का बजट 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये रखा गया है. यह बजट प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है. इसमें शिक्षा और रोजगार पर विशेष फोकस किया गया है. योगी सरकार की मंशा युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनाने की है. इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत 800 इकाइयों की स्थापना कराकर 16,000 लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा है.

युवाओं के उत्थान के लिए सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 112 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसके माध्यम से बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई आदि व्यवसायों में लगे एक लाख से अधिक हस्त शिल्पियों और पारंपरिक कारीगरों को निशुल्‍क प्रशिक्षण, टूल किट और बैंक ऋण से जोड़कर रोजगार दिलाया जाएगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले 5 सालों में परंपरागत शिल्पकारों और कारीगरों को एक जनपद, एक उत्पाद(ODOP) प्रोग्राम के तहत 700 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी है. आगामी समय में 2,500 करोड़ रुपये की लागत से विश्वकर्मा तकनीकी योजना के तहत युवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए हर ब्लॉक में आईटीआई की स्थापना, अधिक से अधिक शिल्पकारों और पारंपरिक कारीगरों को जोड़ने की योजना है. सरकार की ओर से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए 4 जिलों में प्रयागराज, प्रतापगढ़, अलीगढ़ और महोबा में नए औद्योगिक संस्थान विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा अयोध्या में सीपेट(CPET) केंद्र के निर्माण और संयंत्रों की खरीद के लिए 35 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं.

शहरी गरीबों को सरकार ने दी बड़ी राहत, 500 रुपये देना होगा स्टांप शुल्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को बड़ी राहत दी है. शहरों में निजी डेवलपरों की ईडब्ल्यूएस(EWS) इकाइयों के पंजीयन में अब मात्र 500 रुपये का स्टांप शुल्क देना होगा. इससे भवनों के पंजीयन में आवेदकों की काफी अधिक धनराशि की बचत होगी. इसके अलावा सरकार ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर, कानपुर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और अन्य शहरों में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2,750 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं.

योगी सरकार ने इस बार के बजट में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को 3,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि प्रस्तावित की है. इसमें शहरों के सुव्यवस्थित विकास के साथ ट्रांसपोर्टेशन पर भी जोर दिया गया है. दुर्बल, अल्प, लघु और मध्यम आय वर्ग को अफोर्डेबल हाऊसिंग उपलब्ध कराने के लिए अफोर्डेबल हाऊसिंग उपविधि-2021 जारी की गई है. इससे दुर्बल, अल्प, लघु और मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों को उनकी आर्थिक क्षमता के अनुरूप भवन उपलब्ध होंगे. इसके अलावा लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग के विकास पर जोर दिया है.

आने वाले दिनों में प्रदेश लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग का हब बनेगा. सरकार ने निजी लॉजिस्टिक्स पार्क और लॉजिस्टिक्स इकाइयों को भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में 50 प्रतिशत छूट और विकास प्राधिकरणों की महायोजना क्षेत्र में लागू विकास शुल्क का 25 प्रतिशत भुगतान की छूट दी है. इससे प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

धार्मिक आस्थाओं को मिला सम्मान
सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष में धार्मिक आस्थाओं को भी सम्मान दिया है. अयोध्या स्थित सूर्य कुण्ड के विकास सहित अयोध्या नगरी के सर्वांगीण विकास के लिए 140 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं. इसके अलावा लखनऊ विकास क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों के विकास और नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 132 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है.

सड़क, मेट्रो, पानी और आवास के लिए सरकार ने खोला खजाना
उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए योगी आदित्यनाथ ने बजट का बड़ा हिस्सा प्रस्तावित किया है. पानी, आवास, मेट्रो, सड़क, पुल आदि के लिए करोड़ों रुपए की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. साल 2022-23 में सरकार कई बड़ी योजनाओं को मुर्त रूप देगी.

ये हैं प्रमुख योजनाएं :

  • कानपुर मेट्रो रेल परियोजना की अनुमोदित लागत 11,076 करोड़ रूपये है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परियोजना हेतु 747 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है.
  • आगरा मेट्रो रेल परियोजना की अनुमोदित लागत 8,380 करोड़ रूपये है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परियोजना हेतु 597 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है.
  • सड़कों और सेतुओं के निर्माण के लिए 18 हजार 561 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड की योजनाओं हेतु 700 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था की गई है.
  • सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 4 हजार 747 करोड़ रूपये की योजनाएं प्रस्तावित हैं.
  • काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग दर्शन एवं गंगा आरती दर्शन की सुविधा के लिए गंगा घाट के विपरीत दिशा में राजघाट पुल से रामनगर तक 4 लेन में मॉडल सड़क के निर्माण कार्य के लिए 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रगति पर है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परियोजना हेतु 1306 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है. वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना प्रस्तावित है.

इसे पढ़ें- योगी सरकार के बजट में रोजगार, महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य और किसानों पर ज़ोर, गोरखपुर को मेट्रो की सौगात

लखनऊ : गुरुवार को सीएम योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने यूपी का वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश कर दिया. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए योगी सरकार का बजट 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये रखा गया है. यह बजट प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है. इसमें शिक्षा और रोजगार पर विशेष फोकस किया गया है. योगी सरकार की मंशा युवाओं को जॉब सीकर के बजाय जॉब क्रिएटर बनाने की है. इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत 800 इकाइयों की स्थापना कराकर 16,000 लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा है.

युवाओं के उत्थान के लिए सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना में 112 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसके माध्यम से बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई आदि व्यवसायों में लगे एक लाख से अधिक हस्त शिल्पियों और पारंपरिक कारीगरों को निशुल्‍क प्रशिक्षण, टूल किट और बैंक ऋण से जोड़कर रोजगार दिलाया जाएगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले 5 सालों में परंपरागत शिल्पकारों और कारीगरों को एक जनपद, एक उत्पाद(ODOP) प्रोग्राम के तहत 700 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी है. आगामी समय में 2,500 करोड़ रुपये की लागत से विश्वकर्मा तकनीकी योजना के तहत युवाओं के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए हर ब्लॉक में आईटीआई की स्थापना, अधिक से अधिक शिल्पकारों और पारंपरिक कारीगरों को जोड़ने की योजना है. सरकार की ओर से औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए 4 जिलों में प्रयागराज, प्रतापगढ़, अलीगढ़ और महोबा में नए औद्योगिक संस्थान विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा अयोध्या में सीपेट(CPET) केंद्र के निर्माण और संयंत्रों की खरीद के लिए 35 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं.

शहरी गरीबों को सरकार ने दी बड़ी राहत, 500 रुपये देना होगा स्टांप शुल्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को बड़ी राहत दी है. शहरों में निजी डेवलपरों की ईडब्ल्यूएस(EWS) इकाइयों के पंजीयन में अब मात्र 500 रुपये का स्टांप शुल्क देना होगा. इससे भवनों के पंजीयन में आवेदकों की काफी अधिक धनराशि की बचत होगी. इसके अलावा सरकार ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर, कानपुर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और अन्य शहरों में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2,750 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं.

योगी सरकार ने इस बार के बजट में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को 3,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि प्रस्तावित की है. इसमें शहरों के सुव्यवस्थित विकास के साथ ट्रांसपोर्टेशन पर भी जोर दिया गया है. दुर्बल, अल्प, लघु और मध्यम आय वर्ग को अफोर्डेबल हाऊसिंग उपलब्ध कराने के लिए अफोर्डेबल हाऊसिंग उपविधि-2021 जारी की गई है. इससे दुर्बल, अल्प, लघु और मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों को उनकी आर्थिक क्षमता के अनुरूप भवन उपलब्ध होंगे. इसके अलावा लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग के विकास पर जोर दिया है.

आने वाले दिनों में प्रदेश लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग का हब बनेगा. सरकार ने निजी लॉजिस्टिक्स पार्क और लॉजिस्टिक्स इकाइयों को भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में 50 प्रतिशत छूट और विकास प्राधिकरणों की महायोजना क्षेत्र में लागू विकास शुल्क का 25 प्रतिशत भुगतान की छूट दी है. इससे प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयर हाउसिंग में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

धार्मिक आस्थाओं को मिला सम्मान
सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष में धार्मिक आस्थाओं को भी सम्मान दिया है. अयोध्या स्थित सूर्य कुण्ड के विकास सहित अयोध्या नगरी के सर्वांगीण विकास के लिए 140 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं. इसके अलावा लखनऊ विकास क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों के विकास और नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 132 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है.

सड़क, मेट्रो, पानी और आवास के लिए सरकार ने खोला खजाना
उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए योगी आदित्यनाथ ने बजट का बड़ा हिस्सा प्रस्तावित किया है. पानी, आवास, मेट्रो, सड़क, पुल आदि के लिए करोड़ों रुपए की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. साल 2022-23 में सरकार कई बड़ी योजनाओं को मुर्त रूप देगी.

ये हैं प्रमुख योजनाएं :

  • कानपुर मेट्रो रेल परियोजना की अनुमोदित लागत 11,076 करोड़ रूपये है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परियोजना हेतु 747 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है.
  • आगरा मेट्रो रेल परियोजना की अनुमोदित लागत 8,380 करोड़ रूपये है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परियोजना हेतु 597 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है.
  • सड़कों और सेतुओं के निर्माण के लिए 18 हजार 561 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड की योजनाओं हेतु 700 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था की गई है.
  • सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 4 हजार 747 करोड़ रूपये की योजनाएं प्रस्तावित हैं.
  • काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग दर्शन एवं गंगा आरती दर्शन की सुविधा के लिए गंगा घाट के विपरीत दिशा में राजघाट पुल से रामनगर तक 4 लेन में मॉडल सड़क के निर्माण कार्य के लिए 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
  • दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रगति पर है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में परियोजना हेतु 1306 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है. वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना प्रस्तावित है.

इसे पढ़ें- योगी सरकार के बजट में रोजगार, महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य और किसानों पर ज़ोर, गोरखपुर को मेट्रो की सौगात

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