लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को विधानसभा में पांचवा और इस कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया. मुख्यमंत्री समेत पूरी सरकार ने जहां इस बजट को प्रदेश के हितकर और समग्र विकास के लिए उपयुक्त करार दिया है, वहीं विपक्ष ने इसे दिशाहीन बताया है. योगी सरकार ने अपने इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए धन का आवंटन किया है.
वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के मुख्य बिन्दु
- प्रस्तुत बजट का आकार पांच लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपये (5,50,270.78 करोड़ रूपये).
- बजट में 27 हजार 598 करोड़ 40 लाख रुपये (27,598.40 करोड़ रूपये) की नई योजनाएं शामिल हैं.
किसान से जुड़ा बजट
- सरकार किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 से आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना संचालित करेगी. इस योजना के लिए इस बार के बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है.
- मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
- किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई.
- रियायती दरों पर किसानों को फसली ऋण उपलब्ध हेतु अनुदान के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 15 हजार सोलर पम्पों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है.
महिला उत्थान संबंधी
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को और परिष्कृत कर लागू किये जाने का निर्णय किया गया है. इसके तहत 1200 करोड़ रुपये की बजट में व्यवस्था की गयी है.
- महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण की समस्या के निदान हेतु मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना वित्तीय वर्ष 2021-22 से क्रियान्वित की जायेगी. इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट की गई है.
- पुष्टाहार कार्यक्रम हेतु 4094 करोड़ रुपये तथा राष्ट्रीय पोषण अभियान हेतु 415 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में प्रस्तावित है.
- वित्तीय वर्ष 2021-2022 से महिला सामर्थ्य योजना के नाम से एक नई योजना क्रियान्वित की जायेगी. इसके लिए इस बार के बजट में 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था सरकार ने की है.
- महिला शक्ति केन्द्रों की स्थापना के लिए 32 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है.
युवाओं के लिये बजट में व्यवस्था
- 'मुख्यमंत्री अभ्युदय' योजना के तहत पात्र छात्र-छात्राओं को सरकार टैबलेट बांटेगी.
- संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत् निर्धन छात्रों को गुरूकुल पद्धति के अनुरूप निःशुल्क छात्रावास एवं भोजन की सुविधा दी जायेगी.
- प्रदेश के 12 अन्य जिलों में माॅडल कैरियर सेन्टर स्थापित किये जाने की योजना प्रस्तावित की गई है.
- युवा खेल विकास एवं प्रोत्साहन योजना के लिये 8.55 करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बार बजट में की गई है.
- ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपेन जिम के निर्माण हेतु 25 करोड़ रुपये का बजट निर्धारण किया गया है.
- मेरठ में नये स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 20 करोड़ रुपये की राशि बजट में प्रस्तावित की गई है.
- वित्तीय वर्ष 2021-2022 में युवक एवं महिला मंगल दलों के प्रोत्साहन हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- युवा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता के लिए काॅर्पस फण्ड में पांच करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है.
- प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिवक्ता चैम्बर का निर्माण एवं उनमें अन्य अवस्थापना सुविधाओं के लिए 20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है.
- युवा अधिवक्ताओं के लिये पुस्तक एवं पत्रिका क्रय करने के लिए 10 करोड़ रूपये की बजट में व्यवस्था की गई है.
श्रमिक कल्याण
- विभिन्न प्रदेशों से वापस आये प्रदेश के श्रमिकों और कामगारों को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक नयी योजना 'मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना' लाई जा रही है. इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- पल्लेदारों, श्रमिक परिवारों तथा असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना प्रारम्भ किया गया है. इसके लिए 12 करोड़ रूपये का निर्धारण किया गया है.
- मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना प्रारम्भ की जाएगी, इसके लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है.
- अटल आवासीय विद्यालय के लिए 270 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
- कोविड-19 टीकाकरण के लिये इस बार बजट में 50 करोड़ रुपये दिए गए.
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए 5,395 करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया.
- आयुष्मान भारत योजना के लिये 1300 करोड़ रुपये दिए गए.
- आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 142 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है.
- प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के लिये 320 करोड़ रुपये दिए गए. प्राथमिक स्वास्थ्य परिचर्या सुविधाओं में डायग्नाॅस्टिक बुनियादी ढांचा के लिए 1,073 करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया.
- शहरी स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों के लिए 425 करोड़, राज्य औषधि नियंत्रण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिये 54 करोड़ रुपये, प्रदेश के 12 मण्डलों में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं एवं मण्डलीय कार्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई.
- ब्लाॅक स्तर पर लोक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना के लिए 77 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
चिकित्सा शिक्षा
- प्रदेश में 13 जिलों बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोण्डा , ललितपुर, लखीमपुर-खीरी, चन्दौली, बुलन्दशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात तथा कौशाम्बी में निर्माणाधीन नये मेडिकल काॅलेजों के लिये 1950 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- प्रदेश के 16 असेवित जिलों में पीपीपी मोड में मेडिकल काॅलेज संचालित कराये जाने के लिए 48 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के लिये 23 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.ृ
- एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर एवं मीरजापुर में निर्माणाधीन मेडिकल काॅलेजों में जुलाई, 2021 से शिक्षण सत्र प्रारम्भ किये जाने का लक्ष्य है. इसके लिए 960 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- अमेठी एवं बलरामपुर में नये मेडिकल काॅलेज की स्थापना के लिए 175 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
- असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- लखनऊ में इंस्टीटयूट ऑफ वायरोलाॅजी एण्ड इन्फेक्शस डिजीजेज के अन्तर्गत बायो सेफ्टी लेवल-4 लैब की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है.
- एसजीपीजीआई, लखनऊ में उन्नत मधुमेह केन्द्र की स्थापना कराये जाने का निर्णय योगी सरकार ने लिया है.
- आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सालयों में प्रमाणित एवं गुणकारी औषधियों की आपूर्ति की व्यवस्था के लिए प्रदेश में दो राजकीय औषधि निर्माणशालाएं लखनऊ एवं पीलीभीत को सुदृृढ़ करने एवं उत्पादन क्षमता में वृृद्धि किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
स्वच्छता
- जल जीवन मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी घरों में पेयजल कनेक्शन दिया जाएगा. इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था इस बजट में की गई है.
- वित्तीय वर्ष 2021-2022 से शहरी स्थानीय निकायों में घरेलू नल कनेक्शन के साथ सर्व सुलभ जल आपूर्ति और अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था की जायेगी. इस योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये सरकार ने दिए हैं.
- मुख्यमंत्री आरओ पेयजल योजना के लिए 22 करोड़ रुपये दिए गए. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के तहत वर्ष 2021-2022 में 12 लाख 13 हजार व्यक्तिगत शौचालय तथा 98 हजार सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के लिए 2031 करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के लिए 1400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- नगरीय सीवरेज एवं जल निकासी की व्यवस्था हेतु 175 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना- पूर्वान्चल एक्सप्रेस-वे परियोजना हेतु 1107 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित.
- बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिये 1492 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित.
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना हेतु 860 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित.
- गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के भूमि ग्रहण हेतु 7200 करोड़ रुपये तथा निर्माण कार्य हेतु 489 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित.
लोक निर्माण
- वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिये लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़कों और सेतुओं के निर्माण हेतु 12,441 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित.
- सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 4,135 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित.
- ग्रामों एवं बसावटों को पक्के सम्पर्क मार्गाें से जोड़ने हेतु 695 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित.
- विश्व बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण हेतु 440 करोड़ रुपये तथा एशियन डेवलपमेन्ट बैंक सहायतित उ0प्र0 मुख्य जिला विकास परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण हेतु 208 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावितय
- रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1192 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित.
विशेष क्षेत्र कार्यक्रम
- पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिये 300 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित।
- बुन्देलखण्ड क्षेत्र की विशेष योजनाओं हेतुु 210 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित।
सिंचाई एवं जल संसाधन
- वर्ष 2021-2022 में 08 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य.
- मध्य गंगा नहर परियोजना हेतु 1137 करोड़ रुपये, राजघाट नहर परियोजना हेतु 976 करोड़ रुपये, सरयू नहर परियोजना हेतु 610 करोड़ रुपये, पूर्वी गंगा नहर परियोजना हेतु 271 करोड़ रुपये तथा केन बेतवा लिंक नहर परियोजना हेतु 104 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित
नागरिक उड्डयन - अयोध्या में निर्माणाधीन एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा अयोध्या होगा.इसके लिए 101 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- जेवर एयरपोर्ट में हवाई पट्टियों की संख्या दो से बढ़ाकर छह करने का निर्णय लिया गया है. इस परियोजना के लिए 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा
- बिलिंग प्रणाली में सुधार करते हुए प्रोब के माध्यम से बिलिंग.
- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (नवीन) के तहत 100 सांसद आदर्श ग्रामों के विद्युतीकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण.
- वर्तमान उत्पादन क्षमता को बढ़ाते हुये मांग के अनुरूप भविष्य में 8262 मेगावाॅट उत्पादन क्षमता वृद्धि की विभिन्न परियोजनायें पूर्णता प्रक्रिया में है, जिनका वर्ष 2020-21 से 2023-24 के मध्य आरम्भ होना प्रस्तावित.
आवास के लिए बजट में व्यवस्था - प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के घटक अफोर्डेबल हाऊसिंग इन पार्टनरशिप के अंतर्गत चार लाख भवनों के निर्माण का लक्ष्य.
- अयोध्या स्थित सूर्यकुण्ड के विकास सहित अयोध्या नगरी के सर्वांगीण विकास के लिए 140 करोड़ रूपये की व्यवस्था.
- लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपये.
- कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 597 करोड़ रूपये, आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 478 करोड़ रुपये दिए गए.
- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कोरिडाॅर के निर्माण के लिए 1326 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित.
- वाराणसी-गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है.
नगर विकास - प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 10029 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित.
- अमृत कार्यक्रम योजना के तहत 2200 करोड़ दिए गए हैं.
- प्रदेश के दस शहर-लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, सहारनपुर, बरेली, झांसी, मुरादाबाद, अलीगढ़ स्मार्ट सिटी योजना में शामिल, इस योजना के लिए 2000 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी.
- स्मार्ट सिटी योजना के तहत चयनित दस नगर निगमों-वाराणसी, मेरठ, गाजियाबाद, अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, मथुरा-वृदावन एवं शाहजहांपुर को राज्य स्मार्ट सिटी योजना के तहत स्मार्ट एवं सेफ सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय. वर्ष 2021-2022 के बजट में 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई.
- कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था.
- शहीदों की स्मृति में पार्क/प्रदर्शनी स्थल/सभागार के निर्माण के लिए 15 करोड़ रूपये दिए गए.
नियोजन - बुन्देलखण्ड क्षेत्र की विशेष योजनाओं के लिए 10 करोड़ रूपये, त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत 2500 करोड़ रूपये और मुख्यमंत्री समग्र सम्पदा विकास योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई.
ग्राम्य विकास - प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 7000 करोड़ और मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के के लिए 369 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत 35 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 5548 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के बैच-1 के तहत 5000 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित.
पंचायती राज - प्रत्येक न्याय पंचायत में दो चंद्रशेखर आजाद ग्रामीण विकास सचिवालय की स्थापना के लिये 10 करोड़ रुपये का निर्धारण किया गया है.
- मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना के तहत उत्कृष्टग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
- ग्राम पंचायतों में बहुउद्देशीय पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है.
- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अंतर्गत पंचायतों की क्षमता सम्वर्द्धन, प्रशिक्षण एवं पंचायतों में संरचनात्मक ढांचे के लिए 653 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- गांवों में ई-गवर्नेंस के विस्तार के लिए डाॅ राम मनोहर लोहिया पंचायत सशक्तिकरण योजना के लिये चार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
कृषि - वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य 644 लाख मीट्रिक टन एवं तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 13 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है.
- वर्ष 2020-2021 में खरीफ उत्पादन का लक्ष्य 223 लाख मीट्रिक टन, रबी का लक्ष्य 417 लाख मीट्रिक टन एवं तिलहन का लक्ष्य 12 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है.
- वर्ष 2021-2022 में 62 लाख 50 हजार कुन्तल बीजों के वितरण का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है.