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प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्यकारी नहीं- व्हाट्सएप - दिल्ली हाईकोर्ट व्हाट्स ऐप याचिका

हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप के नई प्राइवेसी पॉलिसी मामले पर 17 मई को सुनवाई करेगी. व्हाट्सएप के नई प्राइवेसी पॉलिसी को रोकने की मांग करने वाली याचिका पर व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए ये बातें कही है.

प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्यकारी नहीं.
प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्यकारी नहीं.
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Published : May 14, 2021, 10:30 PM IST

नई दिल्ली: व्हाट्सएप ने कहा है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्य नहीं है. नई प्राइवेसी पॉलिसी को रोकने की मांग करनेवाली याचिका पर व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए ये बातें कही है. हाईकोर्ट इस मामले पर 17 मई को सुनवाई करनेवाला है.

दूसरी कंपनियां भी युजर का डाटा एकत्र करती हैं
व्हाट्सएप ने कहा है कि कानून के मुताबिक अगर युजर उसकी शर्तों को नहीं मानता तो कंपनी उसे सर्विस देने के लिए बाध्य नहीं है. वो युजर को ऑप्ट आउट का विकल्प देने के लिए बाध्य नहीं है. व्हाट्सएप ने कहा है कि उसके अपडेट में कोई भी हस्तक्षेप इंटरनेट आधारित ऐप और वेबसाईट से जुड़े सभी उद्योग को बर्बाद कर देगा. व्हाट्सएप ने कहा है कि युजर का डाटा माइक्रोसॉफ्ट, जोमैटो, गूगल, जूम, बिग बास्केट, ट्रूकॉलर, कू इत्यादि जैसी निजी कंपनियां भी एकत्र करती हैं. यहां तक कि सरकारी कंपनियां जैसे आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी, भीम ऐप इत्यादि भी युजर का डाटा एकत्र करती हैं. व्हाट्सएप ने कहा है कि उद्योग जगत में जो प्रचलन में है वो भी वही कर रही है.

आईटी एक्ट का उल्लंघन
पिछले 19 मार्च को केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करते हुए व्हाट्सएप की नई प्राईवेसी पॉलिसी को रोकने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आईटी एक्ट का उल्लंघन है.

निजता के अधिकार का उल्लंघन
याचिका सीमा सिंह और मेघन सिंह ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राईवेसी पॉलिसी किसी युजर की सभी आनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में युजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा. याचिका में व्हाटस ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है.

यह भी पढ़ें:- कोरोना से ठीक होने के बाद किन बातों का रखें ध्यान? एक्सपर्ट से जानिए क्या है Post Covid Care

व्हाट्स ऐप युजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है
याचिका में कहा गया है कि व्हाटस ऐप की प्राईवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो युजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है. अगर व्हाट्सएप युजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है इसका मतलब है कि वो हर सेकंड युजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा. ऐसा करना गैरकानूनी है.

व्हाट्सएप के युजर एक-दूसरे को संदेश देने के लिए उसका उपयोग करते हैं. लेकिन अगर उन सूचनाओं का उपयोग किसी पक्ष से करना गैरकानूनी है.

नई दिल्ली: व्हाट्सएप ने कहा है कि उसकी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना किसी यूजर के लिए बाध्य नहीं है. नई प्राइवेसी पॉलिसी को रोकने की मांग करनेवाली याचिका पर व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए ये बातें कही है. हाईकोर्ट इस मामले पर 17 मई को सुनवाई करनेवाला है.

दूसरी कंपनियां भी युजर का डाटा एकत्र करती हैं
व्हाट्सएप ने कहा है कि कानून के मुताबिक अगर युजर उसकी शर्तों को नहीं मानता तो कंपनी उसे सर्विस देने के लिए बाध्य नहीं है. वो युजर को ऑप्ट आउट का विकल्प देने के लिए बाध्य नहीं है. व्हाट्सएप ने कहा है कि उसके अपडेट में कोई भी हस्तक्षेप इंटरनेट आधारित ऐप और वेबसाईट से जुड़े सभी उद्योग को बर्बाद कर देगा. व्हाट्सएप ने कहा है कि युजर का डाटा माइक्रोसॉफ्ट, जोमैटो, गूगल, जूम, बिग बास्केट, ट्रूकॉलर, कू इत्यादि जैसी निजी कंपनियां भी एकत्र करती हैं. यहां तक कि सरकारी कंपनियां जैसे आरोग्य सेतु, आईआरसीटीसी, भीम ऐप इत्यादि भी युजर का डाटा एकत्र करती हैं. व्हाट्सएप ने कहा है कि उद्योग जगत में जो प्रचलन में है वो भी वही कर रही है.

आईटी एक्ट का उल्लंघन
पिछले 19 मार्च को केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करते हुए व्हाट्सएप की नई प्राईवेसी पॉलिसी को रोकने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने हलफनामा में कहा है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आईटी एक्ट का उल्लंघन है.

निजता के अधिकार का उल्लंघन
याचिका सीमा सिंह और मेघन सिंह ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राईवेसी पॉलिसी किसी युजर की सभी आनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में युजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा. याचिका में व्हाटस ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है.

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व्हाट्स ऐप युजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है
याचिका में कहा गया है कि व्हाटस ऐप की प्राईवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो युजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है. अगर व्हाट्सएप युजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है इसका मतलब है कि वो हर सेकंड युजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा. ऐसा करना गैरकानूनी है.

व्हाट्सएप के युजर एक-दूसरे को संदेश देने के लिए उसका उपयोग करते हैं. लेकिन अगर उन सूचनाओं का उपयोग किसी पक्ष से करना गैरकानूनी है.

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