ETV Bharat / state

अपात्रों को विधवा पेंशन दिये जाने की प्रदेश स्तरीय जांच की रिपोर्ट हाईकोर्ट में तलब

लखनऊ हाईकोर्ट ने अपात्रों को विधवा पेंशन दिये जाने की प्रदेश स्तरीय जांच की रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट ने महिला व बाल कल्याण के निदेशक से इस मामले में जवाब मांगा है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
author img

By

Published : Jul 26, 2019, 12:54 AM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश में विधवा पेंशन में की जा रही गड़बड़ियों पर संज्ञान लिया है. न्यायालय ने निदेशक महिला और बाल कल्याण को कोर्ट में तलब कर उनसे इस सम्बंध में जांच व सत्यापन की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मामले की अग्रिम सुनवाई 30 अगस्त को होगी.

न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश सीतापुर निवासी संदीप कुमार की याचिका पर दिया. न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए तीन जुलाई को निदेशक को तलब किया था. न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए निदेशक मनोज राय ने न्यायालय को बताया कि प्रदेश भर के सभी जिला प्रोबेशन अधिकारियों को विधवा पेंशन के लाभार्थियों का सत्यापन किये जाने के निर्देश दे दिए गए हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिये गए हैं कि प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी से इस बात का प्रमाण पत्र लेना होगा कि किसी भी अपात्र को विधवा पेंशन नहीं दिया जा रहा है.

मनोज कुमार ने बताया कि यह कार्यवाही 15 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी. इस पर न्यायालय ने मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तिथि निर्धारित करते हुए उक्त कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट तलब की. इस मामले में याची का कहना है कि उसके जीते जी उसकी पत्नी को विधवा पेंशन मिल रहा है. यही नहीं उसके गांव की तमाम ऐसी औरतों को विधवा पेंशन दिया जा रहा है, जिनके पति जीवित हैं.

याचिका में मामले की सघनता से जांच की मांग की गई. ऐसे सरकारी अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है, जिन्होंने अपात्रों को विधवा पेंशन दिए जाने की स्वीकृति दी. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने टिप्पणी भी की थी कि यह किसी से छिपा नहीं कि सरकारी निधि का सराकरी अधिकारियों की मिलीभगत से गबन किया जाता है.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश में विधवा पेंशन में की जा रही गड़बड़ियों पर संज्ञान लिया है. न्यायालय ने निदेशक महिला और बाल कल्याण को कोर्ट में तलब कर उनसे इस सम्बंध में जांच व सत्यापन की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मामले की अग्रिम सुनवाई 30 अगस्त को होगी.

न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश सीतापुर निवासी संदीप कुमार की याचिका पर दिया. न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए तीन जुलाई को निदेशक को तलब किया था. न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए निदेशक मनोज राय ने न्यायालय को बताया कि प्रदेश भर के सभी जिला प्रोबेशन अधिकारियों को विधवा पेंशन के लाभार्थियों का सत्यापन किये जाने के निर्देश दे दिए गए हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिये गए हैं कि प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी से इस बात का प्रमाण पत्र लेना होगा कि किसी भी अपात्र को विधवा पेंशन नहीं दिया जा रहा है.

मनोज कुमार ने बताया कि यह कार्यवाही 15 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी. इस पर न्यायालय ने मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तिथि निर्धारित करते हुए उक्त कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट तलब की. इस मामले में याची का कहना है कि उसके जीते जी उसकी पत्नी को विधवा पेंशन मिल रहा है. यही नहीं उसके गांव की तमाम ऐसी औरतों को विधवा पेंशन दिया जा रहा है, जिनके पति जीवित हैं.

याचिका में मामले की सघनता से जांच की मांग की गई. ऐसे सरकारी अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है, जिन्होंने अपात्रों को विधवा पेंशन दिए जाने की स्वीकृति दी. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने टिप्पणी भी की थी कि यह किसी से छिपा नहीं कि सरकारी निधि का सराकरी अधिकारियों की मिलीभगत से गबन किया जाता है.

अपात्रों को विधवा पेंशन दिये जाने की प्रदेश स्तरीय जांच की रिपोर्ट तलब
हाईकोर्ट ने निदेशक महिला व बाल कल्याण को दिये आदेश
विधि संवाददाता
लखनऊ
। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश में विधवा पेंशन में की जा रही गड़बड़ियों पर संज्ञान लिया है। न्यायालय ने निदेशक महिला व बाल कल्याण को कोर्ट में तलब कर, उनसे इस सम्बंध में जांच व सत्यापन की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। मामले की अग्रिम सुनवाई 30 अगस्त को होगी।
    न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश सीतापुर निवासी संदीप कुमार की याचिका पर दिया। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए, 3 जुलाई को निदेशक को तलब किया था। न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए, निदेशक मनोज राय ने न्यायालय को बताया कि प्रदेश भर के सभी जिला प्रोबेशन अधिकारियों को विधवा पेंशन के लाभार्थियों का सत्यापन किये जाने के निर्देश दे दिये गए हैं। साथ ही यह भी निर्देश दिये गए हैं कि प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी से इस बात का प्रमाण पत्र लेना होगा कि किसी भी अपात्र को विधवा पेंशन नहीं दिया जा रहा है। न्यायालय के पूछने पर उन्होंने बताया कि यह कार्यवाही 15 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। इस पर न्यायालय ने मामले की अग्रिम सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तिथि नियत करते हुए, उक्त कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट तलब की है।
    उल्लेखनीय है कि इस मामले में
याची का कहना है कि उसके जीते जी उसकी पत्नी को विधवा पेंशन मिल रहा है यही नहीं उसके गांव की तमाम ऐसी औरतों को विधवा पेंशन दिया जा रहा है जिनके पति जीवित हैं याचिका में मामले की सघनता से जांच की मांग की गई व ऐसे सरकारी अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है जिन्होंने अपात्रों को विधवा पेंशन दिए जाने की स्वीकृति दी याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने टिप्पणी भी की थी कि यह किसी से छिपा नहीं कि सरकारी निधि का सराकरी अधिकारियों की मिलीभगत से गबन किया जाता है 

 


--
Chandan Srivastava
9935571970
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.