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High Court News: पूर्व मंत्री के गिरफ्तारी वारंट का अनुपालन न कराना पड़ा महंगा, थानाध्यक्ष हसनगंज को नोटिस जारी - High Court News

एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने राजधानी लखनऊ के अलग-अलग थानों से संबंधित आपराधिक मामलों में पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा समेत अन्य मुल्जिमों के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट का तामीला नहीं होने पर कड़ा रवैया अपनाया है.

जिला एंव सत्र न्यायालय.
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Published : Sep 22, 2021, 9:40 PM IST

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने राजधानी के अलग-अलग थानों से संबंधित आपराधिक मामलों में पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा समेत अन्य मुल्जिमों के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट का तामीला नहीं होने पर कड़ा रवैया अपनाया है. कोर्ट ने इस मामले में थानाध्यक्ष हजरतगंज व चौक के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज कर नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.

वहीं कोर्ट ने थानाध्यक्ष हसनगंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पूछा है कि अदालत के आदेश की अवहेलना में क्यों न उनके खिलाफ भी प्रकीर्ण वाद दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की जाए. कोर्ट ने उन्हें 5 दिन में उपस्थित होने का आदेश दिया है साथ ही स्पष्टीकरण भी तलब किया है. कोर्ट ने इसके साथ ही इन सभी थानाध्यक्षों को अभियुक्त के खिलाफ पूर्व में जारी वारंट का तामीला सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1979 व 1982 का मामले थाना हसनगंज से संबंधित है. जबकि वर्ष 1984 व 2003 के मामले थाना हजरतगंज व वर्ष 1993 का मामला थाना चौक से संबंधित है.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने राजधानी के अलग-अलग थानों से संबंधित आपराधिक मामलों में पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा समेत अन्य मुल्जिमों के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट का तामीला नहीं होने पर कड़ा रवैया अपनाया है. कोर्ट ने इस मामले में थानाध्यक्ष हजरतगंज व चौक के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज कर नोटिस जारी करने का आदेश दिया है.

वहीं कोर्ट ने थानाध्यक्ष हसनगंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पूछा है कि अदालत के आदेश की अवहेलना में क्यों न उनके खिलाफ भी प्रकीर्ण वाद दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की जाए. कोर्ट ने उन्हें 5 दिन में उपस्थित होने का आदेश दिया है साथ ही स्पष्टीकरण भी तलब किया है. कोर्ट ने इसके साथ ही इन सभी थानाध्यक्षों को अभियुक्त के खिलाफ पूर्व में जारी वारंट का तामीला सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1979 व 1982 का मामले थाना हसनगंज से संबंधित है. जबकि वर्ष 1984 व 2003 के मामले थाना हजरतगंज व वर्ष 1993 का मामला थाना चौक से संबंधित है.

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