लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दाखिल करते हुए, राजधानी के हसनगंज थाने की पुलिस पर संगीन आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि स्थानीय पुलिस वसूली के लिए एक गेस्ट हाउस की मालिक जो एक विधवा है, उसे परेशान कर रही है. न्यायालय ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए, गेस्ट हाउस में बार-बार और बिना कारण पुलिस द्वारा छापा मारने, तालाशी लेने और महिला को परेशान करने के मामले में राज्य सरकार और अन्य विपक्षीगणों से जवाब तलब किया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने सृजन गेस्ट हाउस की मालिक रेणु उपाध्याय की याचिका पर पारित किया. याची के अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव ने न्यायालय के समक्ष दलील दी कि, हसनगंज के इंस्पेक्टर यशकांत सिंह और निराला नगर चौकी इंचार्ज अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस 7 अगस्त, 14/15 की मध्य रात्रि, 15 और 17 अगस्त को गेस्ट हाउस की तालाशी लेने आ चुके हैं.
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तालाशी के दौरान स्टाफ और वहां ठहरे हुए लोगों के साथ अभद्रता की जाती है. ज्यादातर बार रात में पुलिसकर्मी आते हैं. यही नहीं 16 अगस्त को उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद पुनः 17 अगस्त को सादे कपड़ों में स्थानीय पुलिसकर्मी आए और गेस्ट हाउस को घेर लिया. उनके द्वारा सीसीटीवी कैमरा भी बंद कर दिया गया. आरोप है कि यह अवैध कार्रवाई मात्र हफ्ता वसूली के लिए की जा रही है. दलील दी गई कि पुलिस की ऐसी कार्रवाई याची के मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खरक सिंह मामले में पारित निर्णय की भी अनदेखी है.
कोर्ट ने अधिवक्ता की दालिलों को सुनकर मामले की गंभीरता को देते हुए, गेस्ट हाउस में बार-बार और बिना कारण पुलिस द्वारा छापा मारने, तालाशी लेने और महिला को परेशान करने के मामले में राज्य सरकार और अन्य विपक्षीगणों से जवाब तलब किया है.