लखनऊ : पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 19 व 20 जून 2022 को गोमती नगर के उनके आवास में उन्हें हाउस अरेस्ट किए जाने के संबंध में याचिका दाखिल की है. शुक्रवार को उनकी याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति सैयद वाइज मियां की खंडपीठ ने अमिताभ ठाकुर की याचिका पर दिया.
याचिका में कहा गया है कि याची दरोगा भर्ती परीक्षा की कथित गड़बड़ियों को लेकर 20 जून को ईको गार्डन, लखनऊ में आयोजित सत्याग्रह में भाग लेने वाला था. इस संबंध में उसने पुलिस को भी सूचित कर दिया था. आरोप है कि पुलिस ने याची को वहां जाने से रोकने के लिए 19 जून रात से उनके आवास पर भारी पुलिस बल लगा दिया और उन्हें घर पर नजरबंद कर दिया. ऐसी स्थिति में याची की तबियत भी खराब हो गई थी.
इसके कारण उसे लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ा था. लेकिन लखनऊ पुलिस उन्हें वहां भी घेरे हुए मौजूद रही. यह भी दलील दी गई कि पूर्व में भी 21 से 27 अगस्त 2021 में उन्हें इसी प्रकार अवैध नजरबंद रखा गया था. जिसके बाद उन्हें अचानक अरेस्ट कर लिया गया था. उस मामले में भी अब तक पुलिसवालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है. याचिका में मांग की गई है कि याची को हाउस अरेस्ट करने के इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. साथ ही दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की भी मांग की गई है.
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